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महक रेस्टोरेंट की रद्दी की ताक-झांक के पीछे कौन?

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सुसंस्कृति परिहार

देश का माहौल बिगाड़ने वाली ताकतें निरंतर नई नई बातें सामने लाकर एक कौम के ख़िलाफ़ किस तरह से सक्रिय हो रही हैं और ऐसे मामलों को पुलिस कैसे डील कर रही है लगता है कि पूरी तरह उसे सरकारी संरक्षण मिल रहा है यह बता रहा है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की तल्खी भी कारगर नहीं रही।समाज में विघटनकारी तत्व हावी हो रहे हैं। उन्हें उकसाया जा रहा है।

ख़बर है कि उत्तरप्रदेश के संभल में एक होटल मालिक द्वारा हिंदू देवी-देवताओं के फोटो वाले पेपर में नॉनवेज बेचकर माहौल खराब करने का आरोप लगा है। हिंदुओं के विरोध के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। हिंदू देवी-देवताओं के फोटो वाले पेपर में मुर्गा बेचने की यह घटना सदर कोतवाली इलाके में महक रेस्टोरेंट की है. जहां होटल मालिक तालिब मुर्गे के मांस, बिरयानी को इन अखबारों में बेचता दिखा। जहां काउंटर पर भारी तादाद में देवी देवताओं के फोटो वाले पेपर भी दिख रहे थे जिसके फोटो खींचकर हिंदू समुदाय की ओर से मामले की सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत की गई। जिसके बाद पुलिस ने होटल पर पहुंच कर आपत्तिजनक सभी पेपर कब्जे में लिए और आरोपी होटल मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले में संभल सदर सीओ ने कहा है कि इस तरह की हरकतें करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।इधर हिंदू जागरण मंच ने आरोपी की गिरफ्तारी और होटल को बंद कराने की मांग की है. आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे अस्पताल ले गई जहां उसका मेडिकल कराया गया। इसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

बताया जाता है कि एक हिंदू जिसका नाम सामने नहीं आया है वह बिरियानी लेने रेस्टोरेंट गया उसे जिस अख़बार में बिरियानी दी गई उस पर देवी-देवताओं के चित्र थे।इस पर उसकी मालिक से कहासुनी हो गई ।इतनी सी बात पर हिंदू संगठन सक्रिय हो गए और होटल मालिक पर हिंदू आस्था को चोट पहुंचाने से लेकर हथियार रखने , मारपीट करने और पिछले अपराधों का गुनहगार आदि मानकर गिरफ्तार कर लिया गया।होटल भी बंद करा दिया गया। ठीक उसी तरह जिस तरह मोहम्मद जुबेर को पकड़ा किसी कारण और गिरफ्तार किसी अन्य मामले में किया।

सीधी सच्ची बात ये है कि अख़बारों की में देवी देवताओं की फोटो छपती रहती हैं नवरात्रि पर्व, गणेशोत्सव में देवियों गणेशजी और की फोटो से अख़बार भरा रहता है।वे अखबार कहां कहां इस्तेमाल होते हैं हम सब जानते हैं।सवाल ये भी हैअखबारों ,इश्तहारों में भगवानों की फोटो हमेशा छपती रही है और उस पर कभी आपत्ति नहीं ली गई। अख़बार मालिकों के विरुद्ध कभी आवाज नहीं उठी परिणाम स्वरुप अख़बार की रद्दी कहीं भी पहुंचती रही है।यह पहली बार हुआ है कि मुस्लिम रेस्टोरेंट से चिकिन बिरयानी खाने वाले हिन्दू की नज़र इस पर पड़ी और संभल में बबाल हो गया।तब तो रद्दी बेचने वाला और अख़बार पर छापने वाला भी गुनहगार होना चाहिए।लोग तो, जो हिन्दू बिरियानी यहां लेने गया उसे भी गुनहगार मान रहे है।तब क्या किया जाए ?

कुल मिलाकर कल को यह डर भी है कि किसी होटल में बन रहे गोश्त की महक पर भी आस्था को चोट पहुंचाने वाला बताया जाने लगे।रद्दी देखकर बिरियानी तो दी जा सकती है पर महक पर बात आ जाए तो क्या कीजेगा?

ये छोटी छोटी बातें जो जानबूझकर नहीं की गई उन्हें यदि इसी तरह तूल दिया जाता रहा तो कल को क्या होगा इसकी कल्पना से ही मन खट्टा हो जाता है। अच्छा हो पुलिस कम से कम इस तरह के छोटे मामलों को इतना विस्तार ना दे कि वातावरण असहज हो जाए।

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