शशिकांत गुप्ते
नियमानुसार शोर थम जाता है। शोर थमने के बाद जोर लगाने का सिलसिला शुरू होता है।
जोर लगाने के लिए उपहारों का मुफ्त,लेकिन मुक्त हस्त से वितरण किया जाता है ऐसा आरोप लगता है? आरोप तो यह भी लगता है कि,उपहारों में मादक पदार्थ,रजत के गहनें,साडियां और ना जाने क्या क्या वितरित होते हैं?
मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए,वादें,दावें,घोषणाओं और वचनों को पत्रों में मुद्रित कर प्रस्तुत किया जाता है।
वादें,दावों,घोषणाएं,और वचन प्रस्तुत करना एक औपचारिकता मात्र होती है।
हर बार,बार बार,अब की बार,फलां सरकार ऐसे स्लोगन भी प्रस्तुत किए जातें हैं।
नतीजा वही ढांक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती है।
साथ ही यह कहावत भी चरितार्थ होती है नौ दिन चले अढ़ाई कोस
इस कहावत अब यूं लिखा जाना चाहिए,दस वर्ष चले,सारे वादें जुमलों में बदल गए।
रोजगार की तलाश में देश की भावी पीढ़ी अर्थात देश के कर्णधार अपनी युवावस्था की दहलीज को लांग कर जवानी में ही वृद्धावस्था में प्रवेश करने के लिए मजबूर है।
एक ओर धार्मिकता अपने चरम में पहुंच गई है,दूसरी ओर अमानवीय कृत्यों की खबरें,धर्महीन मानसिकता की पुष्टि कर रही है।
स्त्री के देह शोषण,दुराचार,
भ्रष्टाचार,की खबरों को पढ़ने,सुनने और देखने के बाद भी लोगों में रोष पैदा नहीं होता है?
भ्रष्टाचार तो सिर्फ विपक्ष के माथे पर लगा कलंक है। सत्ता पक्ष पाक साफ है।
दूसरे दलों से अपनी अलग पहचान मतलब सारे दुर्गुणों को ताक में रखने का दावा करने वालें
विपक्ष के लोगों को अपने पक्ष में आमंत्रित करते हैं।
आमंत्रित करने के लिए,सन 1998 में प्रदर्शित फिल्म के एक गीत की पैरोडी गातें हैं। इस गीत के गीतकार है,अनु मलिक
गीत की,प्रस्तुत है पैरोडी।
विपक्ष में रहोगे तो जेल चले जाओगे
हमारे पास आओगे तो पाक साफ हो जाओगे
आजा मेरी(हमारे पार्टी) गाड़ी में बैठ जा
( असम,गोवा, सूरत या अन्य पर्यटक स्थलों पर)
गाना बजाना खाना पीना
गाडी में होगा सनम
लॉन्ग ड्राइव जायेंगे फुल स्पीड जायेंगे
सारे पाप धुल जाएंगे
हम इतने पाक हैं कि, हमारे सपूतों पर कभी भी जांच की आंच नहीं आने देंगे।
कोई सीडी हो या और कोई सबूत, हमें गारंटी है,पाक साफ हैं हमारे सपूत।
प्यार,खेल,युद्ध और राजनीति में सब जायज है।
शशिकांत गुप्ते इंदौर