झारखंड में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। धीरज और उनके करीबियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में 200 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है। छापेमारी में 9 अलमारियां नोटों से भरी पाई गईं और नोटों को गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ी।
झारखंड में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। धीरज और उनके करीबियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में 200 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है। छापेमारी में 9 अलमारियां नोटों से भरी पाई गईं और नोटों को गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ी।
इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस के खिलाफ भाजपा हमलावर हो गई है। इस मामले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पर तंज कसा। पीएम ने लिखा, ‘देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के भाषणों को सुनें। जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है।’
नोट से भरी आलमारियों की तस्वीरें आने के बाद राज्यसभा सांसद की कमाई की भी चर्चा हो रही है। ऐसे में हमें जानना चाहिए कि आखिर कौन हैं धीरज साहू? चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी कितनी संपत्ति बताई है? धीरज की कमाई का जरिया क्या है?
पहले जानते हैं कौन हैं धीरज साहू?
धीरज प्रसाद साहू झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं। उनका जन्म नवंबर 1959 में हुआ था। बीए पास धीरज जुलाई 2010 में पहली बार कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सांसद चुने गए थे। 2018 में धीरज एक बार फिर झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा बनाए गए।
धीरज को राजनीति विरासत में मिली थी। उनके भाई शिव प्रसाद साहू लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। उनका परिवार आजादी के बाद से ही कांग्रेस से जुड़ा हुआ था। 1977 में राजनीति में आने वाले धीरज 1978 में जेल भरो आंदोलन में जेल गए थे।
अब बात करते हैं धीरज की कमाई की
2018 में राज्यसभा के लिए चुने जाने से पहले दाखिल चुनावी हलफनामे में धीरज ने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ रुपये की घोषित की थी। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने बताया था कि वित्त वर्ष 2016 – 2017 में उनकी कमाई 1.0047 करोड़ रुपये थी।
20 करोड़ की चल संपत्ति का दावा
धीरज साहू ने कुल 20.41 करोड़ रुपये की चल संपत्ति होने का दावा किया था। उस वक्त शपथ पत्र में कांग्रेस नेता ने अपने पास कुल 27 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी घोषित की थी। इसमें खुद के पास 15 लाख रुपये, पत्नी के पास 1.25 लाख रुपये और दो आश्रितों के पास 10 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी बताई गई थी।
धीरज ने खुद, पत्नी और आश्रितों के लोहरदगा, संबलपुर, गुमला, बोलनगीर और दिल्ली में कुल 22 बैंक खाते बताए थे। इन बैंक खातों में कुल 8.59 करोड़ रुपये जमा की जानकारी दी गई थी।
कांग्रेस सांसद ने 31.16 लाख रुपये के कंपनियों और निधियों में शेयर बताए थे। इसी तरह धीरज ने 8 लाख रुपये की जमा बीमा का उल्लेख किया था। उस वक्त कांग्रेस सांसद के पास 75.46 लाख रुपये की राशि किसी व्यक्ति और निकाय को दिए ऋण और एडवांस के रूप में थी।
बीएमडब्ल्यू, फॉर्च्यूनर और रेंज रोवर जैसी कारें
धीरज के हलफनामे के अनुसार, उनके नाम पर 1.51 करोड़ रुपये कीमत के कुल चार कारें हैं। इनमें 87 लाख रुपये की सबसे महंगी कार बीएमडब्ल्यू केवी42, 32 लाख रुपये की फॉर्च्यूनर, 24 लाख रुपये की रेंज रोवर और 8.5 लाख रुपये की सबसे सस्ती पजेरो कार है।
1.51 करोड़ रुपये के गहने, इनमें सोने के सिक्के भी
कांग्रेस सांसद ने अपने शपथ पत्र में कुल 1.51 करोड़ रुपये के गहनों का जिक्र किया था। इनमें 8 लाख रुपये की 20 किलोग्राम के चांदी के गहने और 26 लाख रुपये की हीरे के आभूषण खुद के नाम पर बताए थे। वहीं, पत्नी के नाम पर 94.55 लाख रुपये के 3100 ग्राम स्वर्ण आभूषण और 7 लाख रुपये की हीरे के आभूषण का उल्लेख किया गया था। इसके अलावा एक आश्रित के नाम पर 10 लाख रुपये की 25 किलोग्राम की चांदी और 5.4 लाख रुपये की सोने के सिक्के की जानकारी दी गई थी।
इसके साथ ही हलफनामे में 7.38 करोड़ रुपये दावे और ब्याज के रूप में बताए थे। इस तरह से धीरज साहू ने कुल 20.41 करोड़ रुपये की चल संपत्ति होने का दावा किया था।
तीन राज्यों में हैं घर
धीरज साहू ने कुल 14.85 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति होने का दावा किया था। सांसद ने अपने हलफनामे में 5 जगह खेती की जमीन और 1 जगह गैर खेतिहर जमीन होने का जिक्र किया था। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने खुद और पत्नी के नाम पर लोहारदगा, कोलकाता, रांची और दिल्ली में चार रिहायशी घरों और फ्लैटों की जानकारी दी थी। वहीं, अन्य आश्रित के नाम पर 2.83 करोड़ रुपये की संपत्ति होने का दावा किया था।
कमाई का जरिया क्या है?
अपने हलफनामे में कांग्रेस नेता ने 2.36 करोड़ रुपये की देनदारियों की जानकारी दी थी। धीरज साहू ने खुद की कमाई का जरिया व्यवसाय को बताया, जबकि पत्नी गृहिणी हैं।
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने धनकुबेर धीरज साहू को किया प्रमोट
IT रेड को लेकर चर्चा में आए धनकुबेर धीरज साहू को झारखंड से कांग्रेस की राजनीति में आगे बढ़ाने का श्रेय प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को जाता है। बता दें कि कांग्रेस की पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते धीरज साहू का पार्टी से जुड़ाव 1977 में ही हुआ था। 64 वर्षीय धीरज साहू सबसे पहले एनएसयूआई से जुड़े। इसके बाद जिला कमेटी और राज्य कमेटी में शामिल हुए।
लगभग 500 करोड़ की कैश बरामदगी से चर्चा में आए झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू को राजनीति में आगे बढ़ाने का श्रेय झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू को जाता है।
कांग्रेस की पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण धीरज प्रसाद साहू का संगठन से जुड़ाव 1977 में ही हो गया था। 64 वर्षीय धीरज प्रसाद साहू कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआइ से सबसे पहले जुड़े। बाद में वे कांग्रेस की लोहरदगा जिला कमेटी और राज्य कमेटी में शामिल हुए।
2009 में राज्यसभा उपचुनाव में जीत हासिल की
प्रदीप कुमार बलमुचू ने उन्हें बड़ा मौका देते हुए 2009 में राज्यसभा उपचुनाव में खड़ा किया, जिसमें उनकी जीत हुई। 2010 में भी वे उच्च सदन में जाने में सफल रहें। धीरज साहू के भाई गोपाल साहू झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी रहे हैं।
इस परिवार को पार्टी के फंड मैनेजर के रूप में जाना जाता है। हालांकि, धीरज प्रसाद साहू को पहली बार राज्यसभा भेजने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रदीप कुमार बलमुचू अभी राजनीतिक नेपथ्य में हैं।
2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी तक बदल लिया था। एक बार फिर उनकी वापसी हुई है। बलमुचू अभी भी धीरज साहू के बचाव में खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने दावा किया है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी धीरज प्रसाद साहू से उपकृत हो चुके हैं।
बेहतर होगा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहकर नकदी बरामदगी की जांच ईडी और सीबीआई से करा लें। बकौल बलमुचू, धीरज साहू एक खानदानी बिजनेसमैन हैं, जो भी राशि बरामद हुई है, वह उनकी जायज कमाई हैं।
शराब, होटल से लेकर ऑटोमोबाइल तक का काम
धीरज साहू का परिवार झारखंड का एक बड़ा व्यवसायिक घराना है। देसी शराब के कारोबार से लेकर होटल व्यवसाय और कई बड़ी कंपनियों की एजेंसियां इनके पास है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी इस परिवार का निवेश रहा है। इसके अलावा बाटलिंग प्लांट, अस्पताल समेत कई एफएमसीजी कंपनियों की एजेंसी इस परिवार के पास है।