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कांग्रेस की कमजोर कड़ी हैं कौन है?

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संजय गोस्वामी

कांग्रेस की कमजोर कड़ी श्री राहुल गाँधी जी हैं जो बार बार सुर्खियों में बना रहना चाहते हैं इसके कारण पार्टी 2गुटों में बंट गई राहुल गाँधी का बरबोलापन पढ़े लिखे लोगों को नहीं अच्छा लगता है कभी लोकतंत्र को लेकर विदेशों में अटपटा बोल देना कभी आरएसएस, और मोदीजी को चौकीदार चोर है और कभी सावरकर को लेकर गलत बोलना, और डंके की चोट पर ऐ सब बता देना और अधिकांश समय विदेशों में रहना और चुनाव के वक्त भारत का बार बार भ्रमण करना उनकी मज़बूरी को दर्शाता है, भगवान राम के जन्मस्थान पर तो देश की आजादी के बाद ही निर्माण शुरू हो जाना चाहिए था।

बिलकुल वैसे ही, जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल के आदेश पर सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था। बिंदल ने कहा कि आजादी के समय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भगवान राम मंदिर के निर्माण कराने को अवरुद्ध कर दिया था। उन्होंने राम मंदिर को लेकर लोगों का ध्यान भटकाया और इसे स्थगित कर दिया। बिंदल ने कहा कि नेहरू ने भगवान राम के अस्तित्व को चुनौती थी। उन्होंने कहा था कि राम सेतु मौजूद है या नहीं, इसको लेकर हलफनामा दायर किया था। मैं एक सेमिनार में शायद 2017 में मप्रएसएसआरआई, उज्जैन में स्व कृपलाणी जी के ऊपर एक सम्मलेन में गया था वहाँ व्यक्तिगत संबाद में कांग्रेस की हार की वजहों का विश्लेषण कर बड़े बड़े विद्वान ने बताया की कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह राहुल गाँधी के कारण है जिसे बहुत से शिक्षाविद नहीं चाहते है और शायद यही सबसे बड़ी वजह हो लोग ऐ आकड़ा भी प्रस्तुत किये जिसमें यदि राहुल की जगह स्व प्रणव मुख़र्जी जैसे नेता हों तो शायद एक अच्छा जनाधार मिल सकता है

इसके वजह से उसके अंदर ही कलह राहुल गांधी ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलना है, उनका कहना कि मेरा काम नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलने का और लोगों को जोड़ने का है, ऐ लोग अब सुन कर ऊब गए हैं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं, राम मंदिर को बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल का मान लेना दुर्भाग्य की बात है।इसके बाद वो खुद राम लला के दर्शन करने अयोध्या गए बाद में पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण उन्हें 6साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया और इधर संजय निरुपम को भी मुंबई से सीट ना देने के कारण बोलें तो निकाल दिया गया कांग्रेस हिंदू विरोधी या राम विरोधी पार्टी है या नहीं इसमें सभी नेताओं की अलग अलग राय है। इस फ़ैसले से करोड़ों कार्यकर्ताओं का भी दिल टूटा है।

उन कार्यकर्ताओं का जिनकी आस्था भगवान राम में है।कांग्रेस वो पार्टी है जिसके नेता राजीव गांधी ने ही राम मंदिर का शिलान्यास कराया और मंदिर के ताले तुड़वाने का काम किया था। लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को स्वीकार न करना बहुत दुखद है।भगवान श्री राम के राम मंदिर पहले ही बन जाना चाहिए था लेकिन राजनीति के कारण इसे कांग्रेस ने गड्डे में धकेल दिया लेकिन राम में इतना शक्ति है कि वो अपने भक्तों को हमेशा ख्याल रखते है पहले कारसेवक कोठरी बंधु के नाम पर जो हँसते थे वो शांत होकर मौनब्रत धारण कर लिया लेकिन आज दुनिया उनके कार्य पर गर्व करती है और यही हर भारतीय के मन में भगवान श्री राम के प्रति हो वो तो मंदिर के नाम सुनते ही निकल गए भारत यात्रा पर ताकि इस मुद्दे से ध्यान भटकाया जाय कांग्रेस को इसीलिए 50सीटो पर ही सिमट गई थे रामभक्त कभी नहीं मर सकता है यदि संसार से गया भी तो प्रभु के शरण में। अतः भगवान श्री राम के बारे में गलत बयान देना या उससे किनारा करना सनातन का अपमान है क्योंकि कांग्रेस अब राज्यों के पार्टियों पर निर्भर है अब तो समाजवादी पार्टी भी साथ आ गई है जिसने कार सेवकों पर गोली चलवा दी लेकिन भगवान राम का सेवक किसी पर निर्भर नहीं है सबके हैं और हर जगह हैं। इसे उसे समझना चाहिए क्योंकि ऐ पार्टी के हित में है पहले जो भी प्रधानमंत्री हुए उनका एक राजनैतिक कैरियर था कभी अपने को ऊँचा दिखाने के लिए बच्चों का सहारा नहीं लिया अपने कार्य व जनता का अपार स्नेह से बने या तो पहले मंत्री पद संभाला या राज्यों के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया इस पर शांति से सोचने की जरुरत है।

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