–सुसंस्कृति परिहार
कभी कभी जनता के फैसले और उसकी प्रतिक्रियाएं सत्ता को जिस तरह आईना दिखाती हैं कि उनकी घिग्घी बंध जाती हैं।ऐसा ही कुछ विगत दिनों नामपलटू मैदान पर हुआ।दस बार की विजेता भारत11वीं बाजी हार गई।ये तो खेल में होता रहता है। लेकिन यहां से अचानक एक शब्द पनौती इतने वेग से देश विदेश में छा गया कि क्रिकेट देख रहे सत्ता के सर्वेसर्वा साहिब जी के होश फाख्ता हो गए। लोगों का कहना था पनौती ना बैठता ,जय श्री राम के नारे ना लगते तो खिलाड़ी मनोयोग से खेलते और वे जीत दर्ज कराते। बहरहाल विश्वकप तो आस्ट्रेलिया पहुंच गया किंतु शब्द साहिब के साथ ऐसा चस्पा हो गया कि पीर घनेरी हो गई।
लोग कह रहे हैं जब साहिब जी ने राहुल गांधी के लिए पप्पू बनाने में हज़ारों करोड़ों खर्च किए 8-9 साल लगा दिए वहीं एक दिन में बिना हर्रा फिटकरी लगे जनता ने साहिब को पनौती बना दिया। राहुल का जिस तरह मखौल उड़ाया गया वह तो इस कारा से निकल आय है और अब वह लोकप्रिय लोकतंत्र का। सेवक राहुल गांधी है।लगता है इसी पप्पू का जवाब जनता-जनार्दन ने पनौती के रूप में परोस दिया है और वह लगता है तब तक नहीं जाने वाला जब तक तथाकथित मनहूस पनौती को जनता सत्ता से उखाड़ नहीं फेकती है।
साहिब ने अपने किए का कभी प्राश्यचित नहीं किया। बदजुबानी किस हद तक की गई पप्पू ,कांग्रेस की विधवा,बारबाला,पचास करोड़ की गर्लफ्रेंड , महामूर्ख कांग्रेस को फांसी, वगैरह तब बुरा नहीं लगा।आज जनता ने जब ऊबकर सौ सुनार की सुनकर एक लुहार की चोट कर दी तो आगबबूला हो गए।टूट पड़े कांग्रेस के अखबार पर और उसकी सारी सम्पत्ति जब्त कर ली। इससे पहले सब दांव-पेंच धरे रह गए थे। इससे कांग्रेस क्या फांसी चढ़ जाएगी? वह मिट जाएगी क्या?जनता का आक्रोश तो बता रहा है उसे भारत से मुक्त कराने वाले ही कहीं मुक्त ना हों जाएं!
साहिबजी इन सब चीजों का असर फिलहाल राजस्थान के चुनाव पर पड़ने वाला है वहां तमाम क्रिकेट दीवाने पनौती को मज़ा चखाने का दम भर रहे हैं इनकी बड़ी तादाद है जो कांग्रेस की जीत की जय को बहुत आगे ले जा सकती है।जब दिन खराब होते हैं तो ऐसा ही होता है।आपकी सभाओं की भीड़ की सच्चाई भी हरियाणा की दिलेर महिलाओं ने खोल कर रख दी है। दबंगों की असलियत भी सामने आ गई है।सबसे बड़ी बात सट्टा बाजार से जय शाह की सांठगांठ और स्टेडियम में जय के पापा और आपका अट्टहास देख जनता बिफर गई है।अब पनौती की चुनौती सर पर है और आमचुनाव भी नज़दीक है। कितनों को भी जेल भेज लीजिए जनता ने मनहूसइयत से नाता तोड़ने का मन बना लिया। मणिपुर की महिलाएं और उत्तरकाशी टनल में फंसे मज़दूर परिवार चीख चीख कर पनौती के विरुद्ध आव्हान कर रही हैं।किस किस को जेल भेजेंगे साहिब जी।