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भारतीय सेना में भर्ती के लिए जाति सर्टिफिकेट क्यों ?  

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क्रांति कुमार

 भारतीय सेना ने हमेशा सेना में जातीय और धार्मिक आरक्षण का विरोध किया है. इस मुद्दे पर भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा भारतीय सेना का पक्ष लिया । यह संयोग है कि तीनों संस्थानों में कुछ मुट्ठी भर जातियों का वर्चस्व है।

           ऐसा नहीं है की भारतीय सेना में  OBC, SC, ST नहीं हैं ! सेना में OBC, SC, ST केवल एक लड़ाकू सिपाही की भूमिका में हैं ! सेना में निर्णायक भूमिका में केवल सवर्ण जातियां हैं, जनरल, ब्रिगेडियर, लेफ्टिनेंट, कैप्टेन इत्यादि पदों पर सवर्ण जातियों का ही वर्चस्व है !

             अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में भारतीय सेना अभ्यर्थियों से जाति सर्टिफिकेट की मांग कर रही है , जब सेना में आरक्षण नहीं है और सेना हमेशा आरक्षण के खिलाफ रही है फिर क्यों भारतीय सेना अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में जातीय सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से मांग रही है ?

            भारतीय सेना,भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट केवल आरक्षण ही नहीं जाति जनगणना के खिलाफ भी रहता है ! भारतीय सेना ने भी हमेशा सेना के भीतर जातीय जनगणना का यह कहकर विरोध किया कि सेना में जाति धर्म का कोई स्थान नहीं है, सेना के चरित्र के अनुसार सेना में हर सिपाही केवल भारतीय है।

 कहीं अग्निवीर में 25प्रतिशत स्थाई करते समय जाति प्रमाणपत्र का दुरूपयोग तो नहीं किया जाएगा ?

         फिर भारतीय सेना अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में जाति सर्टिफिकेट की मांग क्यों कर रही है ? कहीं 25% अग्निवीरों को परमानेंट करते समय गुपचुप तरीके से जाति सर्टिफिकेट का इस्तेमाल तो नहीं किया जाएगा ! जातीय सर्टिफिकेट के आधार पर OBC, SC, ST को किनारे कर केवल सवर्णो को परमानेंट तो नहीं किया जाएगा ?ऐसा डर क्यों पनप रहा है ?

            कारण भारतीय सेना पूरी तरह सवर्ण जातियों के नियंत्रण में है, सेना का पूरा ढांचा, नीति निर्धारण सवर्णो के अधीन है !  इतनी बड़ी सेना पर अल्पसंख्यक सवर्णो का कब्ज़ा कैसे संभव है ?

 यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन में बेईमानी कैसे की जाती है ?

        उसी तरह जैसे भारतीय ब्यूरोक्रेसी पर ब्राह्मण,बनियों आदि का वर्चस्व है ! यह कैसे संभव होता है इसे इस प्रकार देखिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानी UPSCभर्ती परीक्षा में इंटरव्यू में सवर्णो को ज्यादा नंबर देकर उन्हें पास कर किया जाता है ! उसी तरह सेना के उच्च पदों पर भर्ती के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी या NATIONAL DEFENCE ACADEMY या NDA इंस्टिट्यूट है ।

नेशनल डिफेंस एकेडमी या NATIONAL DEFENCE ACADEMY (NDA) सेना में बड़े अफसर सप्लाई करता है,ये ही अफसर कप्तान पद से होते हुए लेफ्टिनेंट, कर्नल, ब्रिगेडियर से आर्मी के सबसे बड़े जनरल पद तक भी पहुंचते हैं । वर्ष 2021 में NDA में भर्ती होने के लिए 5,75,854 कैंडिडेट्स ने फॉर्म जमा किया था ।3,57,197 कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी,8009 – कैंडिडेट्स परीक्षा में पास किए गए।ये ही 8009 कैंडिडेट्स अफसर बनकर सेना को नियंत्रित करने का काम करेंगे ,सारा खेला इसी में होता है अधिक से अधिक सवर्णो को पास कर !

              अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में जाति सर्टिफिकेट की मांग करना सेना भर्ती प्रक्रिया का उल्लंघन है ! भारतीय सेना और NDA में 50% OBC, SC, ST आरक्षण लागू करने के बाद ही सेना को जातीय सर्टिफिकेट की मांग करनी चाहिए ! तभी इस देश के 85प्रतिशत बहुसंख्यक आबादी वाले बहुजनों से न्याय होगी !

          – क्रांति कुमार ,

          संकलन -निर्मल कुमार शर्मा गाजियाबाद उप्र संपर्क -9910629632

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