डॉ. प्रिया
बहुत सी महिलाओं को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होती है, ऐसे में उन्हे दिन में बाथरूम के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। हालांकि, आपमें से भी बहुत सी लेडीज ऐसी होंगी जिन्हें ये परेशानी होती होगी, पर अक्सर महिलाएं इसे हल्के में ले नजरंदाज कर देती हैं।
ऐसे में महिलाओं के लिए इसपर ध्यान देना बहुत जरूरी है। फ्रीक्वेंट यूरीनेशन कई गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, जिसके प्रति बरती गई छोटी सी भी लापरवाही आपके लिए परेशानियों का कारण बन सकती है।
महिलाओं को फ्रीक्वेंट यूरीनेशन इसलिए होता है :
*1. डायबिटीज :*
डायबिटीज की स्थिति में नर्व डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपके ब्लैडर की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नसें प्रभावित होती हैं, तो आपको बार-बार यूरिन पास करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है, वहीं आपके लिए ब्लैडर पर नियंत्रित पाना मुश्किल हो सकता है।
*2. प्रेगनेंसी :*
यह समझ में आता है कि प्रेगनेंसी के बाद के स्टेजेज में महिलाओं को अधिक पेशाब करने की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में भी, आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन और आपके बढ़ते यूट्रस का आपके ब्लैडर पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकता है।
*3. ओवरएक्टिव ब्लैडर :*
ओवरएक्टिव ब्लैडर के कारण ब्लैडर मसल्स सिकुड़ जाते हैं, भले ही ब्लैडर खाली हो। इससे यूरिन पास करने की अचानक और तीव्र इच्छा पैदा होती है। इससे असंयम भी हो सकता है।
आमतौर पर इस स्थिति से बचाव के लिए महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर से मिलें और जांच करवाएं, फिर अपनी स्थिति के अनुसार दवाइयों और डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
*4. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन :*
महिलाओं को अपने जीवन में किसी न किसी समय कम से कम एक बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन जरूर होता है। यूटीआई तब होता है जब बैक्टीरिया या कुछ अन्य हानिकारक जीवाणु आपके यूरिनरी ट्रैक के कुछ हिस्सों को संक्रमित कर देते हैं। इस स्थिति में आपके ब्लैडर, यूरिनरी ट्रैक और किडनी के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।
बार-बार पेशाब आने के अलावा, यूटीआई के लक्षणों में बुखार, यूरिन पास करते समय जलन महसूस होना, पेशाब का रंग फीका पड़ना और लगातार ऐसा महसूस होना जैसे आपको पेशाब करने की ज़रूरत है (पेशाब करने के बाद भी) शामिल हैं। आप ब्लैडर पर दबाव, या अपनी पीठ या श्रोणि के आसपास असुविधा भी महसूस कर सकती हैं।
*5. ब्लैडर इंफ्लेमेशन :*
सूजन के कारण ब्लैडर छोटा और संवेदनशील हो जाता है, जिससे की ये यूरिन को होल्ड नहीं कर पता। ऐसे में यूरिन पास करने की अर्जेंसी बढ़ जाती है, जिससे बार-बार बाथरूम जाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
*6. फाइब्रॉएड :*
फाइब्रॉएड महिलाओं में होने वाली एक तरह की रिप्रोडक्टिव समस्या है, जिसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव पड़ता है, वहीं इससे पेशाब करने की आवश्यकता अधिक तीव्र और बार-बार होती है।
यदि आपको संदेह है कि आपकी पेशाब संबंधी समस्याएं फाइब्रॉएड के कारण हैं, तो इस समस्या का निदान और उपचार कर आप इस स्थिति से डील कर सकती हैं।
*7. स्ट्रेस :*
तनाव शरीर को कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है, और सबसे आश्चर्यजनक में से एक यह है कि कई लोगों को ऐसा लगता है कि उन्हें बार-बार बाथरूम जाने की ज़रूरत है। यदि आपको संदेह है कि आपके बार-बार पेशाब आने के पीछे तनाव है, तो अपने लाइफस्टाइल मैनेजमेंट पर ध्यान दें। समझें की आपके तनाव में क्या योगदान दे सकता है।
इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि यदि तनाव आपके शारीरिक कार्यों को प्रभावित कर रहा है, तो यह आपके जीवन को अन्य रूपों में भी प्रभावित कर सकता है।