दोस्तों क्रिसमस आने वाला है, लोगों के घर में इस खूबसूरत त्योहार के स्वागत की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। अक्सर आपने लोगों के मुंह से सुना होगा कि ‘बड़ा दिन’ आ गया, जी हां, क्रिसमस को लोग ‘बड़ा दिन’ कहते हैं, कभी आपने ये जानने की कोशिश की, आखिर क्यों ऐसा कहा जाता है?
इस बारे में काफी बातें प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं…
बहुत सारी किताबों में लिखा है कि 25 दिसंबर को रोम के लोग रोमन उत्सव के रूप में सेलिब्रेट करते थे,
इस दिन लोग एक दूसरे को ढ़ेर सारे उपहार देते थे, धीरे-धीरे ये उत्सव काफी बड़ा हो गया इसलिए इस दिन को लोग ‘बड़ा दिन’ कहने लगे।
दूसरी कथा के आधार पर सदियों पहले ये दिन भारत में मकर संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता था, जो कि काफी पावन होता था इसलिए इसे ‘बड़ा दिन’ नाम दिया गया।
25 दिसंबर ईसामसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था, ऐसा माना जाता है, भारत में इस दिन को रोमन या मकर संक्रांति से संबंध स्थापित करने के आधार पर चुना गया था जिसके कारण इसे ‘बड़े दिन’ का नाम दिया गया।
खुशी, जोश और प्यार का प्रतीक
खैर कारण जो भी हो, क्रिसमस का पर्व अपने आप में खुशी, जोश और प्यार का प्रतीक है, केवल ईसाई धर्मवालों के लिए ही नहीं बल्कि हर धर्म और समुदाय के लिए ये पर्व अब खासा मायने रखता है। इसलिए आप भी जोरदार ढंग से स्वागत कीजिए इस बार के क्रिसमस का… मैरी क्रिसमस।