पवन कुमार
(निदेशक : काशी विश्वनाथ ज्योतिष-वास्तु संस्थान, वाराणसी)
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_वैवाहिक जीवन में सब कुछ सही रखने के लिए जरूरी है कि विवाह के बाद पति-पत्नि की ग्रहदशा व कुंडली की स्थिति का आंकलन भी किया जाए। कुंडली में 12 भाव व 9 ग्रहों में से यदि दो ग्रह भी अच्छे स्थान पर हों तो दांपत्य जीवन खुशहाल हो सकता है।_
कुंडली में सप्तम भाग को दाम्पत्य जीवन का माना जाता है। ऐसे में सप्तम भाग ठीक हो तो भी दाम्पत्य जीवन खराब हो जाता है। कई बार द्वितीय स्थान पर बैठा कोई ग्रह भी नुकसान पहुंचा देता है। दाम्पत्य जीवन में कोई परेशानी हो तो एक बार राहु, केतु, चंद्रमा की स्थिति भी देख लेनी चाहिए। इनके कारण भी परेशानी आ जाती है।
_ग्रह दशा ही नहीं कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मंत्रों का बड़ा योगदान होता है। मंत्रों से तनाव दूर होता है। मंत्र यदि वाइब्रेट होकर हार्ट में पहुंच रहा है और फिर मुख से बाहर आता है तो उसका असर व्यापक होता है। बीमारियों में भी व्यक्ति अपने लग्नेश के मंत्रों का जाप करता है तो उसे लाभ मिलता है।_
चाहे पति-पत्नि हो या भाई, बहन, बेटा, बेटी, मां-बाप के रिलेशन हो, हमें ग्रह दशा के साथ एक बार प्लूटो की स्थिति भी देखनी चाहिए। कारण कि प्लूटो शिवजी होते हैं जो सृष्टि के रचयिता के साथ विनाशक भी माने जाते हैं। इसी लिए प्लूटो की स्थिति देखकर गणना की जानी चाहिए।
*वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए उपाय*
ज्योतिष के अनुसार शुक्र और बृहस्पति या दोनों के कमजोर होने से वैवाहिक जीवन में समस्या आती है. सप्तम भाव पर शनि राहु मंगल सूर्य की दृष्टि होने से दाम्पत्य जीवन मे अलगाव हो जाता है.
_कभी-कभी जाने अनजाने छोटी-छोटी गलतियां भी वैवाहिक जीवन में मुश्किलें पैदा कर देती हैं. अगर आप वैवाहिक जीवन के लिए कोई उपाय करने जा रहे हैं, तो कुछ सावधानियां रखनी आवश्यक हैं. एक बार उपाय शुरू करने पर कम से कम 27 या 49 दिन तक लगातार करते रहें._
– शुक्रवार को पति-पत्नी को एक साथ फूलों की खरीदारी करने के साथ-साथ कहीं घूमना फिरना भी जरूर चाहिए.
केवल गुलाब या सफ़ेद फूल खरीदें. घर लाकर उन फूलों को शयन कक्ष में सिरहाने जरूर लगाएं.
– पति-पत्नी सोते समय पूर्व अथवा दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोएं.
शयन कक्ष में देवी-देवताओं की प्रतिमा या चित्र लगाने से बचें.
– किसी भी शुक्रवार को हल्की सुगंध वाला इत्र या परफ्यूम खरीदें.
पति-पत्नी उसी इत्र को भगवान लक्ष्मी नारायण को अर्पण करें फिर उसी इत्र का प्रयोग करें.
कभी भी बहुत तीखी सुगंध का प्रयोग न करें.
– शुक्रवार को देवी लक्ष्मी या दुर्गा जी को सफ़ेद मिठाई का भोग लगाएं.
इसके बाद साथ में उस मिठाई को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
इस दिन खट्टी चीज़ों का बिल्कुल भी सेवन न करें.
– सोने के लिए ससुराल से मिले पलंग का प्रयोग करें तो बेहतर होगा.
[चेतना विकास मिशन)