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क्या 6 महीने के अंदर गिर जाएगी एकनाथ शिंदे सरकार?

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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि एकनाथ शिंदे सरकार ज्यादा से ज्यादा 5-6 महीने की मेहमान है। हालांकि इन सबसे बीच एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। सरकार के पक्ष में 164 और विपक्ष में 99 वोट पड़े। पवार ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहें। मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि ऐसी सरकारों का भविष्य ज्यादा नहीं होता। शिंदे के मुख्यमंत्री बनने पर भी पवार ने हैरानी जताई थी। उन्होंने कहा था कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि बीजेपी शिंदे को मुख्यमंत्री बनाएगी। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के उप मुख्यमंत्री बनने पर भी तंज कसा था।

जब ढाई साल पहले महाविकास अघाड़ी सरकार का गठन हुआ था। तब से लेकर सरकार के गिरने तक बीजेपी नेताओं से भी ऐसी ही भविष्यवाणियां की थीं। उस समय विपक्ष में बैठी महाराष्ट्र बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं ने यह कहा था कि सरकार 6 महीने भी नहीं चलेगी। कई नेताओं ने अलग अलग तारीखों पर सरकार गिरने संबंधी दावे भी किये थे। इस लिस्ट में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, चंद्रकांत पाटिल, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का भी नाम शामिल है।

पवार ने ऐसा क्यों कहा?
शरद पवार ने एनसीपी कार्यकर्ताओं से कहा कि यह सरकार 6 महीनों में गिर जाएगी। इस विषय पर वरिष्ठ पत्रकार सचिन परब ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि पवार ने यह बात इसलिए भी कही हो सकती है ताकि उनके पदाधिकारियों और नेताओं का मनोबल बढ़ाया जा सके। जिस तरह से एमवीए सरकार सत्ता से बहार हुई है। ऐसे में उनका मनोबल गिरा हुआ है। दूसरी वजह यह भी है कि इस सरकार में सभी विधायकों को मनमाफिक मंत्रिपद नहीं मिल पायेगा। साथ ही यह भी संभव है कि मिले हुए मंत्री पद से कई विधायक नाखुश हों। ऐसे हालात में बगावत के आसार हैं। यदि ऐसा हुआ शिंदे सरकार खतरे में आ सकती है।

शरद ऐसा इसलिए भी कह सकते हैं क्योंकि उन्होंने भी अस्सी के दशक में ऐसी ही बगावत की थी और पुलोद का प्रयोग किया था। पवार के बारे में आज भी पुराने कांग्रेसी नेता यह कहते हैं कि उन्होंने भी कभी कांग्रेस की पीठ में खंजर घोंपा था। ऐसे पवार को यह भी अंदाजा है कि ऐसे हालात से कैसे निपटा जा सकता है। या ऐसी सरकार का भविष्य कितना लम्बा होता है। हालांकि परब ने कहा कि मौजूदा हालात को देखकर यह नहीं लगता है कि यह सरकार आने वाले 6 महीनों में गिर जाएगी।

वहीं संविधान के जानकर एडवोकेट डॉ. सुरेश माने ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि शरद पवार ने यह बयान इसलिए भी दिया हो सकता है ताकि उनकी पार्टी में विधायकों को टूटने से बचाया जा सके। इसके अलावा बागी गुट के विधायकों में एक भ्रम की स्थिति पैदा की जा सके। इसके अलावा एमवीए के घटक दलों के विधायकों में विश्वास पैदा किया जा सके।

फैसले के बारे में मुझे भी नहीं था पता-फडणवीस
राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के निर्णय पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस निर्णय से वे भी आश्चर्यचकित थे। मजाकिया लहजे में फडणवीस ने कहा कि मैं उन्हें चौंकाने गया और खुद ही हैरान रह गया। रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि जिस वक्त वे मुख्यमंत्री के लिए एकनाथ शिंदे के नाम की घोषणा कर रहे थे, उस समय किसी को जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि मेरे साथ बैठे तीन लोगों को नहीं पता था कि किसे मुख्यमंत्री बनाया जाने वाला है।

जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कब पता चला कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाने वाला है तो उन्होंने कहा कि मुझे पहले से पता था, लेकिन एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद मुझे उप मुख्यमंत्री बनाने को जो निर्णय लिया गया वह मेरे लिए आश्चर्यजनक था। उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार पर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। जब उनसे पूछा गया कि मंत्रिमंडल गठन का फॉर्म्यूला क्या होगा? तो उन्होंने कहा कि जब चर्चा ही नहीं हुई है तो मैं फॉर्म्यूला क्या बताऊं।

किसी पर जबरदस्ती नहीं
मुख्यमंत्री के रूप में विधानसभा में अपने पहले ही भाषण में शिवसेना के आरोपों का जवाब दिया और बीजेपी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मेरे साथ 50 विधायक हैं। इनमें से कोई भी जोर जबरदस्ती से मेरे साथ नहीं आया। जो नहीं रहना चाहते थे, उन्हें मैंने चार्टेड विमान से सम्मान के सात मुंबई वापस ‌भेज दिया था। आज मेरे साथ पूर्व की सरकार में मंत्री रहे 9 लोग हैं। यह लोग सत्ता के लिए मेरे साथ नहीं आए हैं।

बीजेपी के इतने बड़े-बड़े नेता थे, लेकिन बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिकों ने छोटे से कार्यकर्ता पर विश्वास जताया है, यह बीजेपी का बड़प्पन है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की तारीफ की और कहा कि उनके रूप में विधानसभा को एक युवा, अनुभवी और कानून का जानकार अध्यक्ष मिला है।

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