अग्नि आलोक

सरकार के सख़्त तेवर से क्या बदल सकेंगे हालात!

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सुसंस्कृति परिहार 

पिछले दिनों शाजापुर कलेक्टर द्वारा ड्राइवरों की मीटिंग में एक ड्राईवर को उसकी औकात बताते हुए  एक वीडियो के वायरल होते ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जिस तेजी से उनका स्थानांतरण किया।उसकी प्रतिक्रिया आम लोगों में अच्छी है पर प्रदेश के तमाम अधिकारी कर्मचारी सकते में आ गए हैं वे इतने चौकन्ने हो गए हैं जो भी काम करते हैं संभल के और पूरे एहतियात के साथ करने में लगे हैं।भाषा में भी सुधार परिलक्षित हो रहा है। भोपाल से आए फोन पर भी अलर्ट होकर कर्मचारी काम कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी की एक हांक सब पर भारी पड़ती नज़र आ रही है।

इसका असर उनके मंत्रीमंडल और विधायकों पर भी पड़ा है उनके तेवर भी सख़्त हुए हैं।एक महिला विधायक भी संकल्प यात्रा के दौरान मंच पर बैठे तहसीलदार पर बरस पड़ीं उनके ख़िलाफ़  मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर। तहसीलदार ने जब मंच से ही शिकायतों के बारे में पूछा तो विधायक ने अलग बैठकर बात करने की बात कह दी। सार्वजनिक तौर पर अपमान का घूंट पीकर तहसीलदार चुप रहे। यह सिलसिला प्रायः हर मंत्री और विधायक में देखा गया है।इस रवैए से आम लोग खुश नज़र भी आ रहे हैं 

 अफ़सोसनाक यह है कि मुख्यमंत्री के इस रवैए का फायदा सबसे ज्यादा उनके करीबी अफसर उठा रहे हैं वे फोन पर अपने खास लोगों के लिए नियम विरुद्ध काम करने, छोटे अधीनस्थ अधिकारियों को बाध्य कर रहे हैं ।सम्बंधित विभाग के अधिकारी ‌मुख्यमंत्री की मर्जी मान फोन मिलने पर शीघ्र काम कर रहे हैं उन्हें डर है कि इंकार करने पर उनको दंडित किया जा सकता है। ऐसे नियम विरुद्ध काम करवाने वाले बड़े अधिकारियों की भी माननीय मुख्यमंत्री को ख़बर लेते रहना चाहिए।

वैसे यह नई बात नहीं है चुनाव जब सामने होते हैं तो सबसे ज़्यादा परेशानी अधिकारियों और कर्मचारियों को ही झेलनी होती है।आप चुनाव आचार संहिता लगने के पहले आंकड़े देखेंगे तो पाएंगे कि इस दौरान जनता की सुनवाई बड़ी तेजी से होने लगती है उनको संतुष्ट करने अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरने लगती है।इस समय 2024के चुनाव सामने हैं।जनता का भरोसा पाने के लिए ये कसरत वही तो नहीं।

बहरहाल नवागत मुख्यमंत्री ने जनहित और आमजन के सम्मान में जो पहलकदमी शाजापुर में की है वह स्वागत योग्य है। इससे आमजन प्रसन्न है लेकिन मुख्य बात ये है कि आमचुनाव के चलते ही ये कार्रवाई ना हो ऐसी कार्य वाही सतत् चलना चाहिए।इसी तरह तकरीबन सभी विभागों में ढेरों शिकायती आवेदन पड़े हैं जो रिश्वत की बाट जोह रहे हैं उन्हें निकलवा कर त्वरित निराकरण कराएं। ये ऐसे ही गरीब गुरबों के हैं जिनके पास देने कुछ नहीं है।अब तक चले गहराई में  डूबे भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध अभियान चलाने की आवश्यकता है सिस्टम को दुरुस्त करने की महती आवश्यकता है।ये बहुत  ज़रूरी है क्योंकि सबसे बड़ी कठिनाई आम लोगों को इनके चक्कर काटने में होती है लोगों यदि यह राहत प्रदेश  प्रशासन देता है तो यह एक नई मिसाल होगी और इसका असर दूरगामी होगा। यह आमजन के लिए बड़ा तोहफा होगा तथा रामराज्य की दिशा में उठा एक महत्वपूर्ण कदम भी।

ईमान के साथ चला अभियान निश्चित तौर पर सफल होगा।

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