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बहुपत्नि प्रथा वापस ला रही हैं महिलाएं

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     पुष्पा गुप्ता

   कहते हैं अपने यहाँ स्त्रियां कम हैं, पुरुष अधिक. बावजूद इसके अमूमन हर सक्षम पुरुष की एक से अधिक स्त्रियां हैं. अमूमन स्त्री के पास एक से अधिक पुरुष नहीं है. पुरुष को पत्नि के साथ-साथ रखैल कैसे मिल जाती हैं?

    मैरिज लाइफ जी रहा है पुरुष. यह जानकर भी उसकी रखैल या पत्नि बनती है लड़की और औरत. यानी वह बहुपत्नि प्रथा की समर्थक, सर्जक, विकासक है.

पुराने ज़माने में हिंदू समाज में भी एक से ज़्यादा पत्नी रखने का प्रचलन था। 

पुराने समय में आर्थिक रूप से समृद्ध पुरुष चाहे वो कोई राजा हो या आम इंसान , एक से ज्यादा पत्नी रखते थे। 

     एक पुरुष की एक से ज्यादा पत्नी होना किसी भी तर्क से सही नहीं ठहराया जा सकता। किसी भी स्त्री के लिए अपने पति को किसी और स्त्री के साथ देखना मानसिक रूप से कष्टदायक होगा ही।

इसलिए नए समाज में हिन्दू धर्म में एक पत्नी के रहते हुए दूसरी पत्नी को अमान्य घोषित किया गया। 

     परन्तु पुरुषों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। हिंदू धर्म के होते हुए वो एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी नहीं कर सकते थे तो उन्होंने सिर्फ शादी के लिए अपना धर्म परिवर्तन करना शुरू किया।

    सबसे पहले तो जो लोग ऐसा करते हैं वो एक साथ दो धर्मों का अपमान करते हैं।  अगर आप धर्म परिवर्तन कर चुके तो आप जिस धर्म में अब हो उसी में रहो , पर ऐसा अमूमन नहीं दिखाई देता। 

   सिर्फ शादी तक नाम बदला जाता है उसके बाद उन्हें वापिस सभी लोग पहले वाले नाम से ही जानते हैं। वो हिंदू धर्म के सभी त्यौहार , रीति-रिवाज़ वैसे ही मनाते हैं जैसे कि पहले। जिस नए धर्म में परिवर्तित हुए थे उनसे उनका कोई मतलब नहीं होता।

     इस तरह से इन्होंने न्यायतंत्र को तो धोखा दे दिया है पर क्या इसपर समाज कुछ नहीं बोल सकता ?  ऐसे लोगों को बेदख़ल कर दिया जाये।  सामाजिक व्यवस्था किसी वजह से ही बनायी गयी है। उसका मज़ाक बनाया जा रहा और कोई कुछ नहीं कर सकता। 

    FB पर ही देखा एक आदमी की दो पत्नी थोड़ा अजीब लगा फिर उनकी कहानी कुछ-कुछ तो पता चली। अब ये परिवार फेमस भी हो रहा है।

     पहली पत्नी का कहना है “मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते हैं.” मतलब क्या? आपके पति आपसे प्यार करते तो दूसरी शादी नहीं करते।

    कल को अगर आप ये बोलें कि मुझे किसी और पुरुष से प्यार हो गया है और मैं अपने पति से भी प्यार करती हूँ तो क्या आपके पति आपके साथ आपके प्रेमी की शादी करा देंगे ?

    फिर आप सब मतलब आपके दो पति और आपके पति की दो पत्नी एक साथ एक घर में रह सकते हैं। 

शायद नहीं तो आपने कैसे इजाज़त दी ऐसा होने की।

    माना जब आपके पति ने शादी की उस वक्त आपको नहीं बताया , पर अब साथ होने का मतलब आपकी सहमति है जो समाज के लिए एक गलत संदेश है। 

   लोगों को ये बड़ा कूल लग रहा है कि एक ही घर में एक पति की दो पत्नी साथ रहती हैं। यहाँ आपको स्वार्थ देखना होगा , सबका स्वार्थ। 

   पहली पत्नी का स्वार्थ क्यूंकि पति पैसे वाला है तो उसे छोड़ नहीं सकते सारी शानो-शौकत खत्म हो जाएगी।  दूसरी पत्नी का स्वार्थ जिसने अपनी ही सहेली को धोखा दिया और उसके पति से शादी कर ली। सबसे बड़ा स्वार्थी वो आदमी जिसे एक साथ दो स्त्रियों के साथ रहना है। 

   अगर पति – पत्नी के बीच रिश्ते ऐसे नहीं कि वो साथ रह सकें तो अलग हो जाएं पर इस तरह से इस रिश्ते का मज़ाक न बनाया जाए।

    इन लोगों की देखा- देखी और लोग भी ऐसा करेंगे बल्कि करने लग गए हैं। वैसे ये सिर्फ आज की बात नहीं, एक पुराने नायक जो अभी जीवित भी हैं उन्होंने भी धर्म परिवर्तन कर दूसरी शादी की।

   पर शायद ही किसी को पता हो धर्म परिवर्तन के वक्त उन्होंने क्या नाम रखा था। उनके दोनों परिवार हिंदू धर्म को ही मानते हैं तो शायद ऐसा लोग पुराने लोगों से ही सीख रहे हैं पर आज ये इंटरनेट के माध्यम से ज्यादा लोगों तक पहुंच रहा है तो क्यों ऐसे लोगों को famous किया जाए । 

     यहाँ पर फिर वही बात सब लड़कियों के लिए. तुम खुद ही बहुपत्नि प्रथा को वापस क्यों ला रही हो? किसी मर्द का मन कब बदल जाये नहीं पता. तो अपने आपको इतना मत गिराओ। 

   बहुत मुश्किल से हमारा समाज वो है जो आज है, उसे क्यों वापिस फिर से पुराना जैसा बनाने की कोशिश हो रही है। कुछ तो कारण होंगे जिस वजह से पुराने समाज की कुरीतियों को दूर कर आज के समाज का निर्माण किया गया है।  

   क्यों नहीं मीडिया कुछ बोलता। पत्रकारिता, प्रेस और समाचार को Fourth Pillar कहा जाता है पर वो खुद ऐसे लोगों के आगे पीछे घूम रहे हैं। वे बस TRP के गुलाम बने उन चीजों को बढ़ावा दे रहे जिससे बस मसाला मिले लोग देखें. समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को वे भी भूल रहे।

     क्यों नहीं गलत को गलत बोलना है। लोग गलत बातें जल्दी सीखते हैं। आप गलत की तरफ मुँह फेर ये नहीं बोल सकते कि ये हमारे घर की बात नहीं। अगर आज ऐसे लोगों को पसंद किया जा रहा तो जल्दी ही ये बहुतों के घर की बात हो जाएगी।

      एक समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते ये हम सबका कर्तव्य है कि गलत के खिलाफ आवाज़ उठाई जाये, चाहे गलत अभी आपके घर में नहीं हो रहा है।

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