दिव्या गुप्ता
हर किसी के नितंब का आकार अलग-अलग होता है. इस से यह सावित होता है कि आपकी सेहत की स्थिति क्या है और आपको किस चीज पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता है। कई बार आपका बटॉक्स गंभीर स्वास्थ्यहानि की ओर इशारा करता है। परंतु जानकारी के अभाव में हम इसे नहीं समझ पाते हैं।
*1. राउंडशेप नितम्ब*
ऐसा है to आप सुरक्षित हैं.
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जिन लोगों के नितम्ब राउंड शेप होते हैं, उन में दिल से जुड़ी बीमारी और मेटाबोलिक जोखिम का खतरा कम होता है। इसके अलावा यह भी है कि आपका कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल हेल्दी है।
यदि आप की जाँघे गोल और फूली हुई है, तो उचित देखभाल करने पर आपको हार्ट डिजीज, हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा नहीं रहेगा।
*1. सूजन और बेन्स वाली जाँघे*
जांघोँ पर अंदर की तरफ सूजन के साथ वेन्स नजर आ रहे हैं तो यह आपके लिए समस्या पैदा कर सकता है। मल त्याग करते हुए खून दिखने का खतरा बना रहता है।
आम तौर पर यह समस्या बच्चे के जन्म के बाद मिल जाती है. इसके अलावा कॉन्स्टिपेशन की समस्या उन्हें ऐसा बना देती है।
यह तय है कि आपके शरीर में फाइबर की कमी है। इसलिए अपने आहार में फल और एलर्जी को दूर करने वाले पदार्थ शामिल करें. साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
*3. फ्लैट बट*
बायोफिजिकल जर्नल द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जो लोग लंबे समय तक बैठे रहते हैं उनका बट चपटा और घेरायुक्त हो जाता है।
लंबे समय तक कुरसी पर बैठे रहने से हीप फ्लैक्सर्स टाइट हो जाते हैं और आपकी ग्लूट्स में कमजोरी आ जाती है।
यदि आप डेस्क जॉब में हैं, तो कुछ कुछ देर पर ब्रेक जरूर लें और बॉडी को स्ट्रेच करें। चाहे तो ऑफिस एक्सलक्स जैसे सिंगल लेग स्क्वाट आदि भी कर सकते हैं। एक सही पॉस्चर में बैठने से भी मदद मिलती है।
*4. नाममात्र के या बहुत भारी हिप्स वाले नितम्भ*
ऐसी जाँघे तब होती हैं जब आप ज़ीरो साइज वाले उपक्रम करके लकड़ी बन जाती हैं या दुराचार के हद तक सेक्स करवाकर सब कुछ फैला लेती हैं.
दोनों स्थिति में आप का शरीर बेजान हो जाता है. आप गाहे-बगाहे विविध रोगों की शिकार बनती हैं. जांघोँ और हिप्स की मेडिटेटिव मसाज आपको लाभ दे सकती है. आधुनिक इलाज़ सर्जरी है.
याद रखें अति हर मामले में वर्जित होती है.
*पूप पर ध्यान देना जरूरी*
बॉवेल मूवमेंट से आपकी बेहतर सेहत का ख्याल आता है। पूप की रंगत, स्मेल और कंसिस्टेंसी सभी आपकी सेहत को ग्राह्य हैं। यदि इनमें किसी प्रकार का बदलाव आता है तो यह आपकी सेहत के लिए एक लाल झंडी हो सकता है। आपके मल में होने वाला बदलाव अलग-अलग प्रकार के संक्रमण का संकेत हो सकता है।
इसके अलावा ये डायरिया और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी किसी तरह की ओर इशारा करते हैं। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें.