Site icon अग्नि आलोक

जा तो रहे हो पर याद रखना…..!

Share

किसान जा तो रहे हो
वो कीलें मोदी को देते जाना
कहना रख लो फिर काम आएंगी.
जा तो रहे हो
लखीमपुर खीरी याद रखना
हत्यारे अभी भी काबिज है सत्ता पर.

अभी-अभी फिर से भराए हैं ताज़े ईंधन
अपनी-अपनी थार, बुलेरो, पजेरो में.
रस्ते में टायरों के निशान तरो ताज़ा हैं अभी.
खेत परती पड़े हैं सारे
रक्तबीज की आस में.

जा तो रहे हो
पर याद रखना
प्रधानमंत्री ने कहा था कि
केवल ‘कुछ’ हो तुम.
तो याद रखना बाकियों को.
खेत मजूरों को,
देना मजूरी सारी की सारी.
दलितों को भी शामिल करना
घर में, संगठन में, मन में.

जा तो रहे हो
पर याद रखना
रोटियां जो बनानी सीखी थी बॉर्डर पर
घर में भी बनाना जारी रखना.

बलविंदर कौर को देना ज़रा आराम,
करना उनके घुटनों की
मालिश ज़रा.
याद रखना उन्होंने भी
लहराईं थीं बसंती चुन्नियां हर ओर.
टीकरी बॉर्डर पर सड़क किनारे
सोते हुए
कुचली गईं थीं कई सारी,
दी थीं शहादतें.

अबकी बार जो रुक्का लिखना तो
लिखना ज़मीनें अपनी बेटियों के नाम भी
याद रखना आंदोलन से लौटे हो तो ज़माने से
आगे ही बढ़ना.
इतिहास का सफ़हा
परचम बन लहराए तो सही.

अमिता शीरीं

Exit mobile version