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*योनि के रक्षक हैं बाल : रिमूवर नहीं केयर दें!*

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   सोनी तिवारी, मेडिकल स्कॉलर 

 बेजाइना प्रोटेक्टर होते हैं इंटिमेंट एरिया के बाल. ये योनि के आरोग्य-रक्षक होते है. निसर्ग का कोई भी काम निरुद्देश्य नहीं होता है. हमें सारे काम ‘अप्राकृतिक’ यानी अन-नेचुरल करने की लत-सी लग चुकी है. अंजाम हम भुगतते हैं, फिर भी नहीं सुधरते हैं.

      योनि बनी है,’एक’ सुपात्र इंसान के पेनिस के लिए और पेनिस बना है ‘एक’ स्त्री की योनि के लिए. हम अनेकों को यह सौंपते हैं. मुंह और गुदा में भी पेनिस को घुसेड़ा जाता है. योनी में बाहरी चीजें भी ठूस दी जाती हैं. परिणाम तमाम तरह के यौनरोग और कैंसर – एड्स जैसे लाइलाज जानलेवा रोग भी.

    कितना गिर चुका है, इंसान. कितना मूर्ख बन चुका है इंसान. कहने को वह खुद को सृष्टि का सर्वोत्तम प्राणी कहता है. करता इतने घटिया काम है, जो सृष्टि का कोई भी प्राणी नहीं करता.

   क्या आपके सिर के बालों से पार्टनर को दिक्क़त होती है? क्या उसकी खुशी के लिए आप इन्हें हटाकर सफाचट हो सकती हैं? सिर के बालों  की इतनी केयर आप करती हैं, तो योनिरोग से आपको बचाने वाले इंटिमेन्ट एरिया के बालों की थोड़ी- सी केयर आप क्यों नहीं कर सकती? वेजाइना का लूज़नेश क्या है? कैसे बचा जा सकता है इससे? 

     मिथ्या अवधारणों पर यकीन होने के कारण कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्हे प्लेजर के बारे में ना तो कुछ पता होता है और ना ही वे सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म प्राप्त कर पाती हैं।

     आज भी सोसाइटी सेक्स एजुकेशन और वेजाइनल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करने की इजाजत नहीं देती। ऐसे में अक्सर जानकारी के अभाव में महिलाएं अपनी योनि- स्वास्थ्य को परेशानी में डाल देती हैं।

*मिथ 1. सेक्स से वेजाइना ढीली पड़ जाती है :*

   सच्चाई : यह एक बहुत बड़ी अवधारणा है जो महिलाओं से लेकर पुरुषों के मन में बनी हुई है। हालांकि, आपको बताएं की ऐसा नहीं हो सकता, वेजाइना की मांसपेशियां फ्लेक्सिबल होती हैं।

     जब आप सेक्स कर रही होती हैं या हॉर्नी होती हैं तो उस वक्त आपकी वेजाइना की मांसपेशियां स्ट्रेच हो जाती हैं और फिर सेक्स के बाद कुछ देर में यह सामान्य स्थति में वापस आ जाती है।

   आपकी वेजाइना की मांसपेशियों के ढीला पड़ने के पीछे एजिंग, वेजाइनल बर्थ जैसी स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं।

  बस आप एक से अधिक से सेक्स नहीं करें. योनि में पेनिस के आलवा और कुछ भी नहीं लें.

*मिथ 2. स्वस्थ वेजाइना से गंध नहीं आती :*

   सच्चाई : वेजाइना की सेहत की पहचान केवल इसके गंध से नहीं होती। वेजाइना का अपना एक प्राकृतिक गंध होता है। वहीं मेंस्ट्रुएशन, सेक्सुअल एक्टिविटी, हार्मोनल बदलाव आदि वेजाइना के गंध को बढ़ा सकते हैं।

    आप सभी को पता होना महत्वपूर्ण है की वेजाइना में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया वेजाइना में एक सामान्य गंध को बनाये रखते हैं।

*मिथ 3. सील टूटने पर पर वेजाइना से खून आता है :*

    सच्चाई : पहली बार सेक्स करते वक़्त वेजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हो रहा तो यह पूरी तरह सामान्य है। वेजाइना में एक पतली टिशू होती है जो वेजाइनल ओपनिंग के पूरे भाग में फैली होती है इसे हाइमन कहते हैं।

      पहली बार सेक्स करते हुए हाइमन खुल जाता है जिससे दर्द और ब्लीडिंग का अनुभव होता है। लेकिन आपका हाइमन स्वाभाविक रूप से खेल-कूद, टैम्पोन का उपयोग करने, या फिंगररिंग करने से भी खिंच सकता है।

*मिथ 4. वेजाइना की क्लिनिंग के लिए प्यूबिक हेयर रिमूविंग जरूरी :*

     सच्चाई : प्यूबिक हेयर वेजाइना को संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया से प्रोटेक्ट करता है। यह वेजाइना की सेहत को बनाये रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

     आमतौर पर लोग वेजाइना को संक्रमण से बचाने के लिए इसे शेव करते हैं परंतु यह एक बहुत बड़ी मिथ है। ऐसा करना आपकी वेजाइनल इन्फेक्शन के खतरे को अधिक बढ़ा देता है साथ ही शेविंग के अपने साइड इफेक्ट्स हैं जैसे की इनग्रोन हेयर, बम्प्स, रैशेज, इर्रिटेशन, आदि.

  तो योनि एरिया के बालों को कभी नहीं हटाएं. इनकी केयर करें. जंगल में मंगल होने दें.

*मिथ 5. वेजाइनल डिस्चार्ज  अनहेल्दी है :*

      सच्चाई : वेजाइनल डिस्चार्ज आपकी योनि और गर्भाशय ग्रीवा के अंदर की ग्रंथियों से आती है। ये ग्रंथियां थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ का उत्पादन करती हैं जिन्हें वेजाइनल डिस्चार्ज कहा जाता है।

     हर दिन योनि से तरल पदार्थ बाहर निकलता है, जिससे योनि की पुरानी कोशिकाएं साफ हो जाती हैं। यह पूर्णतः प्राकृतिक प्रक्रिया है; यह आपकी योनि को स्वस्थ और साफ़ रखने का एक तरीका है।

      नियमित डिस्चार्ज पूरी तरह स्वस्थ है परंतु यदि डिस्चार्ज की रंगत, कन्सिस्टेन्सी और गंध में अधिक बदलाव नजर आ रहा है तो इसपर ध्यान देने की आवश्यकता है।

     यह ब्लैडर और वेजाइनल इन्फेक्शन, हार्मोनल बदलाव आदि का संकेत हो सकता है।

   *वेजाइना को नुकसान पहुंचा सकते हैं बिकनी एरिया ब्लीचिंग प्रोडक्ट :*

      ब्यूटी के इस दौर है स्किन के कलर को लेकर लोग अक्सर कॉशियस रहते हैं। बीते कुछ सालों में वेजाइनल ब्लीचिंग लोगों में खूब लोकप्रिय हो रही है। दरअसल, शेव करके प्यूबिक हेयर को हटाने से स्किन का रंग धीरे धीरे डार्क होने लगता है।

      इससे महिलाएं खुद को कंर्फटेबल महसूस नहीं करती हैं। हांलाकि लोग बड़ी तादाद में इस ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं, मगर इससे आपकी स्किन को कई प्रकार से नुकसान पहुंचता है। 

       कई प्रकार की क्रीम, लेज़र उपचार और केमिकल पील की मदद से बिकनी एरिया पर की जाने वाली ब्लीच स्किन के लिए कई तरह से नुकसानदायक है।

       इससे स्किन बर्न, सूजन, इचिंज और रैशेज का जोखिम बढ़ने लगता है। अगर आप ये उपचार लेती हैं, तो इसका प्रभाव क्लीटोरिस पर भी दिखने लगता है। क्लीटोरिस पर भी घाव बनने का खतरा रहता है जिससे अराउजल के दौरान आपको दर्द का सामना करना पड़ता है।

       वेजाइना पर ब्लीच करने के लिए तैयार किए गए प्रोडक्टस में कई प्रकार के हानिकारक तत्वों को प्रयोग किया जाता है। इसमें मरकरी, हाइड्रोक्विनोन और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जाता है।

      इससे स्किन के रंग में बदलाव दिखने लगता है, मगर कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम बढ़ने लगते हैं। लॉंग टर्म रिजल्टस को देखते हुए वजाइनल ब्लीच हमारी स्किन को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकती है।

*1. बर्निंग सेंसेशन का बढ़ना :*

      वेजाइना पर ब्लीच करने के बाद आपकी स्किन पर बर्निगं सेंसेशन होने लगती है। इससे वेजाइना पर स्कार बनने का खतरा रहता है।

     ये स्कार लंबे वक्त तक पेनफुल बना रहता है। ब्लीच के बाद स्किन पर निरंतर खुजली और जलन महसूस होने लगती है। ऐसे में आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।

*2. बैक्टीरियल इंफेक्शन :*

      हर व्यक्ति की स्किन एक दूसरे से भिन्न है। ब्लीचिंग से वेजाइनल इरिटेशन बढ़ने लगती है। इसके चलते बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम भी दोगुना हो़ जाता है.

  सेंसिटिव स्कीन वाले लोगों को इस तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से पूरी तरह से बचना चाहिए।

*3. वॉल्वा इरिटेशन :*

     बिकनी एरिया पर खुजली और दर्द के अलावा वॉल्वा में इरिटेशन महसूस होने लगती है। इससे स्किन पर रेडनेस नज़र आने लगती है, जिससे सूजन का भी खतरा रहता है।

     इसके अलावा वॉल्वा में पेन रहने लगती है। वेजाइनल एरिया को हेल्दी बनाए रखने के लिए इस तरह के उपचार से दूर रहें और शेव की मदद से ही बालों को क्लीन करें।

*4. स्किन एलर्जी :*

     होर्मोनल इंबैलेंस और उम्र बढ़ने के कारण वेजाइना के रंग में परिवर्तन नज़र आने लगता है। अगर आप ब्लीचिंग का सहारा लेते हैं, तो इससे एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है।

      इससे स्किन पर सूजन और रैशेज उभरने लगते हैं। इसके चलते आपको कपड़े पहनने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

*5. क्लिटोरिस पर घाव का खतरा :*

     क्लिटोरल हुड को आर्गेज्म का पावरहाउस माना जाता है। अगर इस पर किसी प्रकार का घाव या जलन होती है, तो उससे सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित होने लगती है।

    अराउज़ल के वक्त पेन का अनुभव रहता है। वहीं ब्लीचिंग या लेसर उपचार से कई बार सेंसेशन होना बंद हो जाता है। इसके अलावा छूने पर दर्द भी महसूस होने लगता है। (सभी यौन विकारों का निःशुल्क समाधान आप प्राप्त कर सकते हैं. व्हाट्सप्प नंबर हमारी पिक्चर पर अंकित है).

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