डॉ. नीलम ज्योति
सुनो! लड़कियों और स्त्रियों,
मेरी शुभकामनाएं की तुम दुनिया की सबसे ज़्यादा बिगड़ी हुई लड़की कहलाओ.
इसलिए कि : दुनिया की सबसे ज़्यादा बिगड़ी हुई लड़की सबसे ज़्यादा ख़ुश हैं. ऐसी फीमेल फ़र्क ही नहीं पड़ता कोई उसके बारे में क्या सोचता है. वो खुद पर रीझी अपनी सी बनी रहती है. बस.
इसलिए तुम जमकर बहको जमकर ग़लतियाँ करो. जमकर नियम तोड़ो और अपनी ज़िंदगी के नियम खुद बनाओ।
मनचाहा प्रेमी तलाशो. अकेले दुनिया घूमो। अपने सपनों का बोझ और आजीविका का बोझ खुद उठाओ। दूसरे के सिर पर अपनी महत्वकांक्षी फ़ितरत मत थोपो।
तुम्हारे नैसर्गिक गुण तुम्हारे हैं. ये ना कोई तुम्हें सिखा सकता है ना तुमसे छीन सकता है।
और हाँ, अपने शरीर के रंग , आकार और उम्र से संबंधित सारे अधिकार अपने पास रखो।
दुनिया के ताने और सलाह को कानों तक आने ही मत दो. तुम ख़ुद को तब बदलो जब तुम्हारा मन कहे बदलना है।
खुद से जीभर कर प्यार करो । मस्त बनो. मलंग बनो. दुनिया की सबसे ज़्यादा बिगड़ी हुई लड़की,स्त्री, माँ, पत्नी और दादी बनो।
जेंडर इक्वली और यंत्र नारी पूज्यंते से परे बस इतना याद रखना लल्ली की ज़िंदगी की तमाम मुश्किलों के साथ भी ज़िंदगी को मज़बूती से जीने की ललक ख़त्म नहीं होनी चाहिए।
ये जो आत्मसम्मान की बेफ़िक्र चमक तुम्हारे चेहरे पर दिख रही है बस उसे बनाये रखना। तुम खूबसूरत हो क्योंकि खूबसूरती तुम्हारा हक़ है। भावों से, मन से और तन से सुंदर हो तुम।
समाज को बदलने दो अब नज़र और नज़रिया। तुम खुद को देवी और आदर्श नहीं बल्कि एक सामान्य इंसान की कमी औऱ खूबियों के साथ जियो।
संस्कार , परम्परा , आदर्श जितने पुरुषों के लिए आवश्यक हैं उतने ही तुम्हारे लिए भी हैं। तुम नियमों को समझो , सभ्यता को जानो। किताबों से दोस्ती करो. ख़ुद अपने लिए नियम बनाओ।
ज़िंदगी को सलीक़े से जीना चाहती हो तो : “ना” बोलना सीखो। अपनी शर्त रखने की क़ूवत पैदा करो। गलत को गलत कह पाने की हिम्मत रखो।
अपने लिए कतई किसी विक्रम की तलाश मत करो जिसके कांधों पर चढ़कर तुमको दुनिया देखनी है। किसी विक्रम पर अपनी विशलिस्ट लेकर बेताल की तरह लदे रहने की बजाय खुद अपने लिए रास्ते चुनो।
रेस्टोरेंट में लड़का ही क्यूँ बिल पे करे. कभी ये हक़ अपने हाथ मे रखो। क्यों हमेशा लडका ही प्रपोज करे, कभी किसी लड़के को ये प्रिवलेज देकर तो देखो. ज़िंदगी का अंदाज़ बदल जाएगा। हमेशा क्यों लड़का ही वाहन ड्राइव/सेक्स ड्राइव करे कभी तुम उसे वो कांफिडेंस दो की वो तुम्हारे साथ उतना ही निश्चिंत होकर बैठे जैसे तुम उसके साथ बैठती हो।
कभी छाता तुम पकड़ो ना! कि वो खुद को ख़ास महसूस कर सके। और हाँ कभी प्रेम की शुरुआत तुम भी करो क्योंकि केमिकल लोचा तो तुम्हारे शरीर में भी होता है।
भूल जाओ की वो तुमको जज करेगा। यदि वो बात_बात पर तुमको जज करे तो उसे ज़िंदगी से बाहर करने की हिम्मत भी रखो।
सुन लड़की! अबकी बार सीढियों पर कांच की जूती छोड़कर मत आना की कोई राजकुमार उसका पीछा करते हुए आये और तुमको ब्याह ले जाये। ज़िंदगी किसी राजकुमार के प्यार से कहीँ अधिक खूबसूरत और रोमांचक है।
सुनो डॉर्लिंग! ब्याह करना ही हो तो इस बार अपने गुणों को इतना ऊपर उठा लेना कि बहुत से राजकुमार तुम्हारे पास प्रेम प्रस्ताव लेकर आएं. तुम उनमें से अपने लायक चुनने का अधिकार सुनिश्चित कर सको।
ये अच्छी लड़की का तमगा समाज का बनाया प्रोग्राम है जिसे वो हर लड़की में फिट करना चाहता है। इसलिए कि लड़की उम्र भर उनकी कमांड पर रोबोट की तरह चल सके। इसलिए कि तुम्हारी खुद की सोच और तुम्हारे खुद पर अधिकार खत्म हो जाएं।
छोड दो ऐसे किसी भी तमगे का लालच। उतार दो ऐसा कोई भी खोल। आज़ाद करो ख़ुद को दूसरे के बनाये नियमों से। खुद को दूसरों के बनाये फ्रेम में फिट करने की कोशिश छोड़ दो। अपना फ्रेम तुम खुद गढ़ो।
आज़ाद और स्वतंत्र सोच का मतलब चरित्र पर गढ़े गए फ्रेमों से कतई नहीं है। खुलकर जीना मतलब चरित्रहीन हो जाना भी नहीं है।
खुद को स्त्री / पुरुष से इतर मनुष्य मान कर जीना मतलब अपनी ज़िम्मेदारी और कर्तव्य भूल जाना नहीं है। इस तरह का सोचने वाले पूर्वाग्रहों से घिरे हुए हैं।
बस। तुम इस बात का गिल्ट भी मत लेना। बस स्वाभिमान और आत्मसम्मान के साथ जीना।
तुम खुलकर जियो. बिगड़ कर जियो. अच्छी लड़की होने के बोझ को उतार कर जियो.
क्योंकि : इस दुनिया की सबसे ज़्यादा बिगडी हुई लड़की ही सबसे ज्यादा स्वतंत्र है, सबसे ज्यादा खुश है.