महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। सभी दलों ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है।राज्य के दोनों प्रमुख गठबंधनों महायुति और महाविकास अघाड़ी के स्टार प्रचारक चुनावी रैलियां कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य में चुनाव प्रचार किया। महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव कई मायनों में खास है। इस चुनाव में लोगों की दिलचस्प उन सीटों पर भी होगी जहां बड़े चेहरे मैदान में है। इस सियासी रण में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री से लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों तक की किस्मत का फैसला होगा।
आइये जानते हैं कि महाराष्ट्र चुनाव में हॉट सीटें कौन सी हैं? इन पर कौन उम्मीदवार हैं? बड़े चेहरों का मुकलबला किससे है? इन सीटों पर पिछली बार क्या हुआ था?
सीएस शिंदे के सामने उनके गुरु के भतीजे की चुनौती
इस चुनाव में ठाणे जिले की कोपरी-पाचपाखाडी विधानसभा सीट सबसे प्रमुख सीटों में से एक है। यहां से शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2009 से कोपरी-पाचपाखाडी सीट पर अपराजित रहे हैं। शिंदे जब 2004 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे तब उनकी सीट पुणे थी। उन्होंने चार बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 2014-19 के बीच देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। 2019 में शिंदे ने कोपरी-पाचपाखाडी सीट पर कांग्रेस के घाडिगांवकर पांडुरंग को 89300 मत के बड़े अंतर से शिकस्त दी। इस बड़ी जीत के बाद उन्हें 2019 में शिवसेना विधायक दल का नेता भी नियुक्त किया गया। एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। जून 2022 में शिवसेना में बगावत कर वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए।
इस चुनाव में ठाणे की कोपरी पाचपाखाडी विधानसभा सीट पर होने वाला चुनाव दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) ने दिवंगत नेता आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ उतारकर बड़ा दांव चला है। आनंद दिघे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुरु रहे हैं।
देवेंद्र फडणवीस के सामने एक फिर प्रफुल्ल
महाराष्ट्र चुनाव में नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट भी काफी अहम है। यहां से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर मैदान में हैं। 1999 में उनकी महाराष्ट्र विधानसभा में बतौर विधायक एंट्री हुई जो अभी तक जारी है। 1999 और 2004 में फडणवीस नागपुर पश्चिम सीट से चुनाव जीते। परिसीमन के बाद जब नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट बनी तो फडणवीस ने यहां से चुनाव लड़ा और फिर विधायक बने। 2009 के बाद 2014 में भी देवेंद्र फडणवीस इसी सीट से भाजपा के उम्मीदवार बने और जीते भी। इस जीत के बाद देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री बने। पिछले महाराष्ट्र चुनाव में भी देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से अपनी किस्मत आजमाई। इस चुनाव में उनका सामना कांग्रेस के डॉ. आशीष देशमुख से हुआ। यह चुनावी बाजी भी फडणवीस के नाम रही और इस बार वह 49,344 वोट से जीते। इस बार उनके सामने कांग्रेस के प्रफुल्ल विनोद गुडाधे (पाटिल) किस्मत आजमा रहे हैं। 2014 में भी ये दोनों उम्मीदवार इस सीट पर आमने-सामने थे। इस बार नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट पर कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं।
बारामती में चाचा के सामने भतीजा
पुणे जिले की बारामती विधानसभा सीट हमेशा की तरह 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी खास बनी हुई है। ये वही सीट है जहां से कभी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार जीते थे। हालांकि, पिछले सात चुनावों में बारामती सीट से शरद पवार के भतीजे अजित पवार जीतते रहे हैं। 2019 में सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले एनसीपी के अजित पवार थे। इन्होंने बारामती सीट से भाजपा के भारतीय जनता पार्टी के गोपीचंद कुंडलिक पडलकर को 165265 वोट के अंतर से चुनाव जीता था। अब अपने चाचा से अलग हो चुके अजित पवार एक बार फिर बारामती से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां के मुकाबले की एक और दिलचस्प कड़ी यह है कि अजित पवार के सामने उनके भतीजे युगेंद्र पवार खड़े हैं। युगेंद्र शरद पवार वाली एनसीपी के उम्मीदवार हैं।
ठाकरे परिवार के दो सदस्यों की किस्मत दांव पर
महाराष्ट्र की सियासत में अहम स्थान रखने वाले ठाकरे परिवार के दो सदस्य आदित्य और अमित इस चुनाव में उतरे हैं। करीब ढाई साल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे उद्धव ठाकरे खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन उनके बेटे आदित्य वर्ली सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य शिवसेना (यूबीटी) के एक प्रमुख नेता और युवा सेना के अध्यक्ष हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में आदित्य ने मुंबई में अपनी पार्टी शिवसेना के गढ़ वर्ली सीट पर बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी के सुरेश माने को 70 हजार वोट से अधिक से हराया था। महाविकास अघाड़ी सरकार में आदित्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इस चुनाव में पूर्व मंत्री का सामना पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा से है। देवड़ा एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने राज ठाकरे के करीबी सहयोगी माने-जाने वाले संदीप देशपांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है।
मध्य मुंबई की माहिम विधानसभा सीट तीन सेनाओं के मुकाबले में फंस गया है। इस सीट से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मुखिया राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। भतीजे अमित के सामने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने महेश सावंत को टिकट दिया है। वहीं भाजपा ने अमित ठाकरे को समर्थन देने का वादा किया है, जबकि उसकी सहयोगी एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने अपने मौजूदा विधायक सदा सरवणकर को मैदान में उतारा है। इसके चलते माहिम में मनसे, शिवसेना (शिंदे गुट) और शिवसेना (यूबीटी) के बीच त्रिकोणीय लड़ाई मानी जा रही है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस नेता राहुल गांधी
कांग्रेस के नाना पटोले के सामने एमवीएक के पूर्व नेता की चुनौती
राज्य के भंडारा जिले में साकोली सीट भी चर्चित सीटों में शुमार है। यहां से महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले चुनावी मैदान में उतरे हैं। पटोले साकोली सीट से चार बार के विधायक हैं। महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया सीट से पूर्व भाजपा सांसद नाना पटोले जनवरी 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए। पटोले मूल रूप से कांग्रेस में थे, लेकिन कुछ समय के लिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को हराया था। वे 2019 के लोकसभा चुनाव में नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हार गए थे, लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव लड़े और साकोली से जीत गए। पिछली बार कांग्रेस के नाना नानाभाऊ फाल्गुनराव पटोले ने भाजपा के डॉ. परिणय फुके को 6240 मत से हराया था। इसके बाद 2019 से 2021 तक उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। इस बार के चुनाव में कांग्रेस के नाना पटोले के सामने साकोली में भाजपा ने पार्टी में एक दिन पहले आने वाले अविनाश ब्राह्मणकर को अपना चेहरा बनाया है। कुनबी चेहरे के तौर पर देखे जाने वाले अविनाश एनसीपी (शरद पवार) के भंडारा जिला परिषद के समूह नेता थे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण – फोटो : एएनआई (फाइल)
पूर्व सीएम चव्हाण की नजर दक्षिण कराड से तीसरी जीत पर
सतारा जिले की दक्षिण कराड सीट पर दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है। यहां 78 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण विधानसभा में लगातार तीसरी बार जीतने के लिए मैदान में उतरे हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस मजबूत मानी जाती रही है और इससे पहले वरिष्ठ नेता यशवंतराव मोहिते और विलासराव पाटिल उंडालकर इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। दक्षिण कराड निर्वाचन क्षेत्र लंबे समय से पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई का मैदान रहा है। पिछले चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के डॉ.अतुलबाबा भोसले को 9130 मत से हराया था। दक्षिण कराड निर्वाचन क्षेत्र में चव्हाण को भाजपा के 41 वर्षीय एमबीबीएस डॉक्टर अतुल भोसले से एक बार फिर कड़ी चुनौती मिल रही है।
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