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कोलकाता में ED के छापे, कारोबारी के घर से 17 करोड़ कैश जब्त

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पश्चिम बंगाल से करप्शन के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता में शनिवार को मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रमोटर्स के 6 ठिकानों पर छापे डाले। इसमें अब तक 17 करोड़ रुपए कैश जब्त किया गया है। ये छापे मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत डाले गए। यहां 2000, 500 और 200 रुपए के नोटों के बंडल मिले।ED की कार्रवाई मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी ‘ई-नगेट्स’ और इसके प्रमोटर आमिर खान और अन्य के ठिकानों की गई। ED के अनुसार, अभी नोटों की गिनती चल रही है।

बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गार्डनरिच में परिवहन व्यवसायी निसार खान के घर पर छापेमारी की। यहां से ईडी को भारी मात्रा में कैश मिला है। कैश इतना ज्यादा है कि गिनने के लिए अधिकारियों को मशीनें तक मंगवानी पड़ी। ईडी सूत्रों के अनुसार निसार के दो मंजिला मकान की पलंग के नीचे से प्लास्टिक की थैलियों में लिपटे 500 रुपए के नोटों के ढेरों बंडल मिले। इसके साथ ही 2000 रुपए के नोटों के बंडल भी मिले।

कोलकाता में तीन जगहों पर ईडी की छापेमारी


ईडी की इस छापेमारी में अभी तक 12 करोड़ रुपए कैश बरामद किए जाने की जानकारी सामने आई है। नोटों की गिनती अभी भी की जा रही है। बताया गया कि ईडी के अधिकारियों ने कोलकाता में तीन जगहों पर संयुक्त अभियान शुरू किया। पार्क स्ट्रीट के पास मैकलियोड स्ट्रीट पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बाकी दो छापे बंदरगाह से सटे इलाके और गार्डनरिच के शाही स्थिर इलाके में डाले गए। गार्डनरिच स्थित परिवहन कारोबारी निसार खान के घर से भारी मात्रा में कैश मिला है।

निसार खान के परिजनों से पूछताछ कर रही टीम


कोलकाता में जहां पर ईडी ने यह छापेमारी की, वहां सीआरपीएफ के जवान तैनात है। कैश बरामदगी के बाद ईडी टीम आमिर खान और उसके परिजनों से पूछताछ कर रही है। अभी तक आधिकारिक रूप से यह साफ नहीं है कि जब्त कैश किस मामले के है। लेकिन ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निसार खान पर मोबाइल गेमिंग एप्लीकेशन के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का केस हुआ है।

मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से करोड़ों की धोखाधड़ी


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निसार खान नामक शख्स ने कुछ दिनों पहले ई-नगेट्स नामक मोबाइल गेमिंग एल्पिकेशन तैयार किया था। इस गेमिंग एप्लिकेशन के जरिए पहले उसने लोगों का विश्वास जीता। और जब लोग इस एप का यूज करने लगे तो करोड़ों रुपए के साथ उसने एप से पैसे निकासी की फैसलिटी बंद कर दी।

साथ ही पूरा सर्वर भी मिटा दिया। अब मामले में आमिर खान पर कोलकाता पुलिस की शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 406, 409, 468, 471 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके की इस बिल्डिंग के फ्लेट पर भी ED ने छापा मारा है।

कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके की इस बिल्डिंग के फ्लेट पर भी ED ने छापा मारा है।

धोखाधड़ी के लिए ही ऐप लांच किया- ED

ED ने आरोप लगाया कि आमिर खान ने मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए लॉन्च किया था। शुरुआत में कंपनी ने यूजर्स को कमीशन दिया। लोगों के वॉलेट्स में आया पैसा भी आसानी से निकला। इससे लोगों में कंपनी के प्रति भरोसा बढ़ा और लोग ज्यादा कमीशन के लिए बड़ी रकम लगाने लगे। जब लोगों से बड़ी रकम कंपनी को मिल गई तो इस ऐप से पैसों की निकासी अचानक रोक दी गई।

इसके पीछे एक ही तर्क दिया गया कि सिस्टम अपग्रेडेशन और सरकारी एजेंसियों की जांच के कारण निकासी रोकी गई है। इसके बाद ऐप सर्वर से सारा डेटा हटा दिया गया, इसमें प्रोफाइल इन्फॉर्मेशन भी शामिल है। इसके बाद यूजर्स को धोखाधड़ी समझ में आई।

कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में मारे गए छापे में नोट गिनने के लिए मशीन ले जाता कर्मचारी।

कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में मारे गए छापे में नोट गिनने के लिए मशीन ले जाता कर्मचारी।

चीनी ऐप से लिंक तलाश रही एजेंसी
एजेंसी अभी इसका पता लगा रही है कि क्या ऐप और इसके ऑपरेटर्स का चीनी ऐप से कोई लिंक है। क्या ये लोगों को धोखे में रखकर कम दरों पर लोन देने का दावा करते हैं। इन लोन ऑपरेटर्स की धमकियों के बाद इन ऐप के चक्कर में फंसे कुछ यूजर्स ने बाद में अपनी जान तक दे दी। प्रमोटर्स के राजनीतिक कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं।

छापे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू
इस छापेमारी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोलकाता के मेयर फिरहद हकीम ने कहा कि जिस कारोबारी के यहां छापे डाले गए हैं उससे TMC का कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों से प्रताड़ना का डर दिखाकर निवेशकों को राज्य से दूर करना चाह रही है। क्या ED केवल गैर भाजपा शासित राज्यों में ही छारे डालने के लिए है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का क्या जो 7000 करोड़ लेकर देश से भाग गए।

वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्‌टाचार्य ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि छापे धोखाधड़ी करने वाले कारोबारियों के खिलाफ हैं। उन्होंने पूछा कि क्या TMC कुछ छिपा रही है। उन्होंने कहा कि TMC नेता ये बयान इसलिए दे रहे हैं क्योंकि उन्हे डर है कि लोगों को TMC और धोखाधड़ी करने वालों के संबंध का पता नहीं चल जाए।

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