संगीत नगरी के रूप में प्रसिद्ध ग्वालियर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभाओं के लिए विख्यात है। संगीत की इस नगरी में आज एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। यह विश्व रिकॉर्ड लोगों की जुबान पर ही नहीं बल्कि गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया। ग्वालियर के ऐतिहासिक दुर्ग पर 1600 तबला वादकों ने एक साथ तबला वादन की प्रस्तुति देते हुए एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस रिकॉर्ड को गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया। इस अनोखे कार्य को देखते हुए सीएम मोहन यादव सरकार ने 25 दिसंबर को मध्य प्रदेश में तबला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
ग्वालियर में प्रतिवर्ष होता है तानसेन समारोह
सुर सम्राट की जन्मस्थली कहे जाने वाले ग्वालियर में प्रतिवर्ष तानसेन समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह में देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों से संगीत प्रेमी और संगीत रसिक इस समारोह का रसपान करने के लिए आते हैं। इसके अलावा कई दिग्गज कलाकार भी इस समारोह में सुर सम्राट तानसेन को अपनी स्वरांजलि प्रस्तुति के रूप में अर्पित करने के लिए भी आते हैं। संगीत की इस पावन धरा पर 25 दिसंबर को एक बड़ा आयोजन ग्वालियर के ऐतिहासिक दुर्ग पर किया गया, जिसमें 1600 से भी अधिक तबला वादकों ने एक साथ अपनी प्रस्तुति देकर गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक रिकॉर्ड में ग्वालियर का नाम अंकित किया।
आज का दिन हमारे लिए एक स्वर्णिम दिन
इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे प्रदेश की नए मुखिया डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि आगामी समय में 25 दिसंबर को इस यादगार लम्हे को और अधिक यादगार बनाने के लिए तबला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे लिए एक स्वर्णिम दिन है। और इस स्वर्णिम दिवस के लिए मैं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के साथ सभी को बधाई देता हूं।और आज यहां सम्मिलित होने के लिए मैं सभी को शुभकामनाएं भी देता हूं।