रीवा में विवाहिता से, भोपाल में बच्ची से दरिंदगी; उज्जैन भी शर्मसार; दहला देंगे MP के यह केस,20 सीनियर IAS अफसरों की 2025 में विदाई
मध्य प्रदेश की सियासत में बड़े बदलावों और उतार-चढ़ावों का साल रहा। लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का भाजपा में शामिल होना और विधानसभा उपचुनाव के परिणाम ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए। 2024 ने यह साबित कर दिया कि मध्य प्रदेश की राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है।
साल 2024 मध्य प्रदेश की राजनीति के लिए बेहद अहम और हलचल भरा रहा। लोकसभा चुनाव से विधानसभा उपचुनाव और दल-बदल की राजनीति से लेकर चर्चित विवादों तक, राज्य की सियासत में कई अप्रत्याशित घटनाएं घटीं। इन घटनाओं ने न केवल प्रदेश की राजनीति का रुख बदला, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चाओं का केंद्र बनीं। आइए, इस साल के प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रमों पर एक नजर डालते हैं।
कमलनाथ का गढ़ भी ध्वस्त
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। यहां पर पार्टी 29 की 29 सीटें हार गई। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और कांग्रेस के छिदवाड़ा से प्रत्याशी नकुलनाथ को एक लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। उनको भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने शिकस्त दी। भाजपा नेताओं ने कमलनाथ को घेर कर उनके गढ़ में ही हराया। छिंदवाड़ा चुनाव परिणाम काफी चर्चा में रहे। लोकसभा चुनाव में राजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा था। मध्य प्रदेश में यह भाजपा की बड़ी जीत थी।
इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी का नाम वापसी का झटका
लोकसभा चुनाव के बीच 29 अप्रैल को इंदौर में एक बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली। इंदौर में कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को अपना प्रत्याशी बनाया था। वह अपना प्रचार भी शुरू कर दिया लेकिन बम ने कांग्रेस को बड़ा झटका। नाम वापसी के अंतिम दिन कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद उनकी भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनका फोटो वायरल हुआ। इस घटनाक्रम की खूब चर्चा हुई।
कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलें
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के भविष्य को लेकर भी अटकलें शुरू हुई। फरवरी 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खूब चर्चा हुई। इन अटकलों को पूर्व मुख्यमंत्री की खामोशी ने भी खूब हवा दी। हालांकि बाद में उनके करीबियों ने इन अफवाहों का खंडन किया।
भाजपा ने लोकसभा प्रत्याशियों की लिस्ट से चौंकाया
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने जीत की रणनीति को लेकर अपने प्रत्याशियों का चयन किया। साथ ही अपने प्रत्याशियों की सूची से भाजपा ने सभी को चौंका दिया। इस लिस्ट में कई प्रमुख नेताओं को फिर से उम्मीदवार बनाया गया, जबकि कई पुराने सांसदों के टिकट काट दिए और नए चेहरों को मौके दिए गए। भाजपा ने भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, गुना सांसद केपी यादव का टिकट काट दिया। यादव का टिकट काट कर गुना-शिवपुरी सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदार बनाया गया। वहीं, विदिशा सीट से शिवराज सिंह चौहान से प्रत्याशी बनाया गया। इस राजनीतिक घटनाक्रम की खूब चर्चा हुई।
पचौरी समेत कई कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल
लोकसभा चुनाव के बीच में कई कांग्रेस नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की। भाजपा की तरफ से पूरे प्रदेश में दो लाख से ज्यादा कांग्रेस के नेता, विधायक, पूर्व विधायक और कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने का दावा किया गया। इसमें सबसे बड़ा नाम पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के नाम ने सबको चौंका दिया। पचौरी कांग्रेस पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पचौरी के साथ कई अन्य नेताओं ने भी भाजपा की सदस्यता ली। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका था।
पूर्व मंत्री दीपक जोशी की घर वापसी
भाजपा सरकार में मंत्री रहे और पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे दीपक जोशी विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने मध्य प्रदेश में नवंबर माह में उपचुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर फिर भाजपा में शामिल हो गए।
वन मंत्री रामनिवास रावत को झटका
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद वन मंत्री बनाए गए रामनिवास रावत को उपचुनाव में बड़ा झटका लगा। उनको विजयपुर सीट से उपुचनाव में हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर दावा किया जा रहा था कि रामनिनवास रावत आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। इसके लिए भाजपा ने भी पूरा जोर लगा दिया, लेकिन उपचुनाव के रिजल्ट भाजपा के विपरित आए। रावत को कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने करीबी मुकाबले में उनको चुनाव हराया।
निर्मला सप्रे भाजपा में या कांग्रेस में?
सागर जिले की बीना विधानसभा से विधायक निर्मला सप्रे भाजपा में है या कांग्रेस में इसको लेकर खूब चर्चा रही। दरअसल यह सवाल इसलिए है कि निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने इसके लिए सागर को जिला बनाने की शर्त रख दी। लेकिन सागर को जिला बनाने में पेंच फंस गया। जिसके बाद ना तो वह भाजपा में रही ना ही कांग्रेस में। हालांकि उनको भाजपा की बैठकों में शामिल होते कई बार देखा गया। कांग्रेस ने उनकी सदस्यता रद्द करने शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। अब मामला हाईकोर्ट में है।
52 किलो सोना मिला… भाजपा के मंत्री का नाम
राजधानी भोपाल में कार में 52 किलो सोना और 10 करोड रुपए मिलने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई। इस पूरे मामले का कनेक्शन परिवहन विभाग से जुडा। इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा सरकार के मंत्री और पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कनेक्शन होने का आरोप लगा दिया। हालांकि इन आरोपों को गोविंद सिंह ने झूठा और तथ्यहीन बताया। साथ ही पूरे मामले की जांच की बात कही। वहीं, इस मामले में दिग्विजय सिंह को 10 करोड़ रुपए का मनहानी का नोटिस भेजा गया।
बेटमार विधायक आकाश विजयवर्गीय को राहत की भी चर्चा
भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ 2019 में नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पिटने का मामला सामने आया था। इस मामले में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया था। इसको लेकर सवाल उठे और इस मामले की खूब चर्चा हुई।
20 सीनियर IAS अफसरों की 2025 में विदाई
मध्यप्रदेश कैडर के 20 वरिष्ठ आईएएस अधिकारी 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इनमें वर्तमान मुख्य सचिव अनुराग जैन समेत छह अपर मुख्य सचिव (एसीएस) स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनके रिटायरमेंट से प्रदेश प्रशासनिक सेवा में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे और कई अधिकारियों को प्रमोशन का अवसर मिलेगा।
2025 में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों में मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी मो. सुलेमान, जेएन कंसोटिया, एसएन मिश्रा, अजीत केसरी और विनोद कुमार शामिल है। इसके अलावा फील्ड पोस्टिंग वाले अधिकारियों में सागर आयुक्त वीरेंद्र कुमार रावत, जबलपुर आयुक्त अभय कुमार वर्मा, दतिया कलेक्टर संदीप कुमार माकिन के नाम शामिल है। इसके अलावा कमिश्नर निशक्तजन डॉ. रामराव भोंसले, जनगणना निदेशालय एमपी भावना वालिम्बे और माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी भी 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।
इन अधिकारियों का होगा प्रमोशन
इन अधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद नए अधिकारियों को ACS और मुख्य सचिव स्तर पर प्रमोशन का मौका मिलेगा। मौजूदा ACS डॉ. राजेश राजौरा, 2026 तक सबसे वरिष्ठ अधिकारी होंगे और मई 2027 में रिटायर होंगे। प्रदेश के कई एसीएस और पीएस स्तर के अधिकारी दिल्ली में पदस्थ है। इनमें नीलम शमी राव, वीएल कांताराव, आशीष श्रीवास्तव, पंकज अग्रवाल, अलका उपाध्याय, मनोज गोविल, पल्लवी जैन गोविल, अनिरुद्ध मुखर्जी, दीप्ति गौड़ मुखर्जी, विवेक अग्रवाल, हरिरंजन राव के नाम शामिल है। वहीं, प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद कई अधिकारियों को मुख्य सचिव स्तर के वेतानमान में प्रमोशन मिलेगा। इसमें संजय कुमार शुक्ला, रश्मि अरुण शमी, मनीष रस्तोगी, दीपाली रस्तोगी, शिवशेखर शुक्ला और सचिन सिन्हा शामिल हैं।
जाने कौन किस माह होगा सेवानिवृत्त
जनवरी – एसएन मिश्रा, डॉ. आरआर भेंसले, अक्षय सिंह। फरवरी- अजीत केसरी, ओपी श्रीवास्तव। अप्रैल- अभय कुमार वर्मा, शैलबाला मार्टिन। मई- विनोद कुमार, संदीप माकिन। जून- वीरेंद्र सिंह रावत, अशोक कुमार चौहान। जुलाई- मो. सुलमेान, राजेश कुमार कौल, संजय गुप्ता, केडी त्रिपाठी। अगस्त- अनुराग जैन, जेएन कंसोटिया। सितंबर- भावना वालिम्बे। अक्टूबर- नियाज खान।
रीवा में विवाहिता से, भोपाल में बच्ची से दरिंदगी; उज्जैन भी शर्मसार; दहला देंगे MP के यह केस
साल 2024 के दौरान मध्य प्रदेश में दुष्कर्म की कई घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला दिया। ये घटनाएं महिलाओं और बच्चियों के प्रति बढ़ते अपराध और प्रशासनिक तंत्र की विफलता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।मध्य प्रदेश में घटित इन वारदातों में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता और पुलिस व प्रशासन की भूमिका ने कई बार जनता के गुस्से और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को भी हवा दी। यहां इस साल की प्रमुख घटनाओं का विवरण दिया गया है, जिन्होंने प्रदेश को शर्मसार कर दिया।
रीवा में दंपति को बंधक बनाकर पत्नी से गैंगरेप
मध्य प्रदेश रीवा जिले के गुढ़ थाना क्षेत्र में अक्टूबर माह में पिकनिक मनाने गए दंपति को बंधक बनाकर आरोपियों ने पत्नी के साथ गैंगरेप किया। इस घटना की शिकायत के बाद भी पुलिस मामले को दबाए बैठी थी। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पति को पेड़ से बांध दिया था और पत्नी से गैंगरेप किया। दोनों भैरवनाथ मंदिर के पास घूमने आए गए थे। घटना सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई थी। इस मामले में कांग्रेस ने सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे।
भोपाल में 5 साल की मासूम से दुष्कर्म
राजधानी भोपाल में सितंबर महीने में 5 साल की मासूम से उसके पड़ोसी ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी। नगर निगम की फॉगिंग का फायदा उठाकर आरोपी अतुल निहाले ने बच्ची का मुंह दबा लिया और कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। बच्ची के शव को बिस्तर के नीचे छिपा दिया, लेकिन बदबू और मक्खी की वजह से उसे प्लास्टिक के टैंक में डालकर ऊपर से जूते और चप्पल रख दिए। हद तो तब हो गई थी जब आरोपी पुलिस की नजरों से बचने के लिए उनके साथ मिलकर केस की गुत्थी सुलझाने में जुट गया था।
सीधी में आदिसवासी छात्राओं से दुष्कर्म
सीधी जिले के मझौली थाना क्षेत्र में स्कॉलरशिप दिलाने के नाम पर 7 आदिवासी छात्राओं से दुष्कर्म किया गया। आरोपी 3 माह से वारदात को अंजाम दे रहे थे। आरोपियों ने यह पूरा खेल गूगल से सीखा था, जिसके बाद गूगल से मैजिक वॉइस ऐप लोड करके छात्रों से महिला की आवाज रंजना मैडम बनकर बात किया करते थे और छात्राओं को स्कॉलरशिप का प्रलोभन देकर सुनसान स्थान पर बुलाकर उनके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे रहे थे।
महू में दो महिलाओं से गैंगरेप
इंदौर के पास महू में सेना की फायरिंग रेंज में सेना के दो अधिकारियों को बंधक बनाकर उनकी महिला मित्रों से गैंगरेप किया गया था। सितंबर माह में हुई इस घटना को पास के एक गांव के रहने वाले छह लोगों ने अंजाम दिया था। आरोपी इंदौर के मानपुर, बडगौंदा के रहने वाले थे। बड़गोंदा थाना क्षेत्र में हुई घटना ने प्रदेश के साथ ही पूरे देश को झकझोंर दिया था।
उज्जैन में फुटपाथ पर दुष्कर्म की घटना से प्रदेश शर्मसार
उज्जैन में चार सितंबर को एक महिला से फुटपाथ पर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इस घटना के सामने आने के बाद पूरा प्रदेश शर्मसार हो गया था। महिला की शिकायत और वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने रेप करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने ही महिला का वीडियो बनाकर वायरल किया था। जिसके बाद आरोपी मोहम्मद सलीम को पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया था।
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