एस पी मित्तल,अजमेर
एक मार्च को जयपुर में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की 27 आवासीय योजनाओं को एक साथ लॉन्च किया गया। 17 शहरों में करीब साढ़े चार हजार स्वतंत्र आवास और फ्लैट इन योजनाओं में बनने हैं। बोर्ड के इतिहास में यह पहला अवसर रहा जब एक साथ 27 योजनाओं की लॉन्चिंग हुई है। लॉन्चिंग करते समय बोर्ड के अध्यक्ष और प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने गर्व के साथ कहा कि बोर्ड का टर्नओवर अब आठ हजार करोड़ रुपए का हो गया है। भाजपा के शासन में जहां बोर्ड ने एक भी नया मकान नहीं बनाया वहीं कांग्रेस के चार वर्ष के शासन में करीब 14 हजार नए मकान बनाए। इसी प्रकार करीब 13 हजार पुराने मकानों की बिक्री भी की गई। जो हाउसिंग बोर्ड भाजपा के कार्यकाल में बंद हो के कगार पर था आज वही बोर्ड एक साथ 27 योजनाएं लॉन्च कर रहा है। कोरोना काल में भी पुराने मकानों की बिक्री कर बोर्ड ने उल्लेखनीय कार्य किया। हाउसिंग बोर्ड न केवल जरूरतमंद गरीबों को आवास उपलब्ध करा रहा है बल्कि राजधानी जयपुर के सौंदर्य में चार चांद लगा रहा है। चौपाटी और वर्ल्ड क्लास सिटी का निर्माण कर बोर्ड ने राजधानी के स्तर को काफी ऊंचा किया है। जयपुर में ऐतिहासिक कोचिंग हब बनाने के साथ-साथ कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का निर्माण भी किया गया है। इतना ही नहीं प्रदेश के 107 विधायकों के लिए विधानसभा के सामने ही पांच बीएचके आलीशान फ्लैट बनाए गए हैं। बोर्ड के एक्ट में संशोधन किया जिसकी वजह से बोर्ड को अतिक्रमण हटाने और बकाया लीज मनी वसूलने के अधिकार मिले, यही वजह रही कि बोर्ड ने 15 सौ करोड़ रुपए की भूमि को कब्जा मुक्त करवाया। धारीवाल ने कहा कि बोर्ड की उपलब्धियों का श्रेय आयुक्त पवन अरोड़ा और उनकी टीम को जाता है। उन्होंने आयुक्त अरोड़ा को एक ऊर्जावान आईएएस बताया।
निजी क्षेत्र से भी अच्छे:
लॉन्चिंग समारोह में बोर्ड आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा कि जयपुर सहित जोधपुर उदयपुर और अन्य छोटे शहरों में बनने वाले स्वत्रंत आवास और फ्लैट निजी क्षेत्र के आवासों से भी अच्छे होंगे। चूंकि अब विला का क्रेज बढ़ रहा है, इसलिए जयपुर के प्रताप नगर में 138 विला भी बनाए जा रहे हैं। एक विला में 130 मीटर भूमि उपलब्ध होगी। इसके साथ ही 132 कमर्शियल शोरूम भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने आज जो उपलब्धि हासिल की है उसके पीछे बोर्ड अध्यक्ष और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल का विजन है। हमने जब कभी कोई समस्या बोर्ड अध्यक्ष के सामने रखी तब उसका हाथों हाथ समाधान हुआ। सरकार के सहयोग की वजह से ही हम बोर्ड की इमेज बदलने में सफल हुए हैं। पहले जहां बोर्ड की योजनाओं के आवास राजधानी जयपुर में नहीं बिक पाते थे, वहीं आज प्रदेश के छोटे-छोटे शहरों में बोर्ड के आवासों की मांग होने लगी हे। मांग को देखते हुए ही नसीराबाद, किशनगढ़, सलूंबर, चूरू आदि छोटे कस्बों में भी आवास बनाए जा रहे हैं। बोर्ड ने 18 हजार पुराने आवासों में से करीब 15 हजार आवास बेचने के साथ साथ चौदह हजार नए आवासों का निर्माण भी किया गया है। जब तो 17 शहरों में 27 आवासीय योजनाएं लॉन्च की है उससे आम लोगों का भरोसा और बढ़ेगा। बोर्ड ने मुख्यमंत्री आवास योजना में भी आलीशान फ्लैट बनाए हैं। अरोड़ा ने कहा कि जो लोग निजी क्षेत्र के फ्लैट और आवास बुक करवा रहे हैं उन्हें एक बार हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट पर हमारी नई योजनाओं को देखना चाहिए। सभी 27 योजनाओं की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है।