डॉ. प्रिया
पैर भारी होना एक मुहावरा है जो
प्रेगनेंसी का सूचक है. यहाँ हमारा विषय सच में पैर भारी होने अर्थात पैर के भरीपन यानि रोग से है. पैरों में सूजन आने के कारण कई असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
यह समस्या आपको सुनने में छोटी लग सकती है, परंतु इसके कारण स्थिति काफी असहज हो जाती है, खासकर स्त्री की। तब तो और भी असहज हो जाती जब वह प्रेग्नेंट हो. इसलिए इसे केवल मुहावरा समझ कर समझाैता न कर लें।
प्रेग्नेंसी काल में इस समस्या का मेडिकल टर्म है एडिमा (Edema)। यह 4 में से 3 प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रभावित करता है। आमतौर पर इसकी शुरुआत प्रेगनेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर में होती है। समय बीतने के साथ यह समस्या बढ़ती जाती है।
आमतौर पर गर्मी के मौसम में यह समस्या महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है। इसके साथ ही यदि आपका वजन ज्यादा है या आप जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली हैं, तो एडिमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रेगनेंसी के कारण शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव से शरीर में मौजूद पानी का लेवल बढ़ने लगता है। ऐसी स्थिति में एक्स्ट्रा पानी बच्चे की ओर, प्लेसेंटा, एमनियोटिक फ्लुएड और मैटरनल ब्लड में जाना शुरू हो जाता है।
ऐसी स्थिति में यूट्रस पेल्विक वेन (pelvic vein) और विना केवा (vena cava) पर प्रेशर बनाना शुरु कर देता है। बिना केवा एक लंबा नर्व है जो आपके पीठ में राइट साइड में होता है। यह पैरों से ब्लड को वापस से हार्ट तक पहुंचाने का काम करता है।
ऐसे में यूट्रस के दबाव के कारण खून सही से पैरों से हार्ट तक पंप नहीं हो पाता और फ्लुएड पैरों में जमा होने लगता है। जिसके कारण पैर भूल जाते हैं।
*1. पैरों को सक्रिय रखना है जरूरी :*
पैरों को सूजन से बचाने के लिए हर रोज कुछ देर के लिए अपने पैरों को ऊपर की ओर रखें। बैठते हुए अपने पैरों के नीचे दो से तीन पीलो लगा लें वहीं यदि चेयर पर बैठी है तो अपने पैरों को बेड पर सीधा फैला कर रख सकती हैं।
इसके साथ ही लेटते हुए भी अपने टखनों को सर्कुलर मोशन में मूव कर सकती हैं।
*2. सोडियम का सेवन सीमित रखें :*
पैरों को सूजन से बचाने के लिए कम से कम मात्रा में सोडियम का सेवन करें। नमक आपके शरीर में पानी को होल्ड करने की क्षमता को बढ़ा देता है। इसलिए कैंड और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से पूरी तरह परहेज रखें। साथ ही सलाद, दही, रायता जैसे खाद्य पदार्थों में भूलकर भी ऊपर से टेबल साल्ट ऐड न करें।
अचार, चटनी, हाई साल्टेड फ़ूड, जैसे की फिंगर चिप्स और स्ट्रीट फूड्स से पूरी तरह परहेज रखें। आपको अपने आहार में पोटेशियम रिच फूड्स को शामिल करना चाहिए।
*3. पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन :*
शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम न मिलने से भी पैर का सूजन बढ़ सकता है। पोटेशियम शरीर में मौजूद फ्लूइड की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करता है। इसलिए हमेशा ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने की कोशिश करें जिनमें प्राकृतिक रूप से पोटैशियम मौजूद हो। जैसे कि आप आलू और स्वीट पोटैटो को इनके छिलके उतारे बिना खा सकते हैं।
कुछ फ्रूट जूस जैसे कि अनार संतरा और गाजर के जूस को डाइट में शामिल कर सकती हैं। साथी ही केला, पालक बींस, बीटरूट दाल और योगर्ट का सेवन भी फायदेमंद रहेगा।
*4. वॉकिंग :*
वॉकिंग को प्रेगनेंसी का सबसे सुरक्षित एक्सरसाइज माना जाता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करता है और सूजन को कम करने में मददगार होता है।
आपको हर रोज कम से कम 15 मिनट तक वॉक जरूर करना चाहिए।
*5. फीट मसाज :*
पैरों में सूजन आ जाता है तो ऐसे में मसाज ऑयल से अपने पैरों को मसाज देने से राहत मिलेगी यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देता है। जिस वजह से सूजन कम हो जाती है और दर्द से राहत पाने आसान हो जाता है। इसे आप खुद से कर सकते हैं।
यदि खुद से मसाज करने में परेशानी आ रही है, तो अपने पति या केयरटेकर की मदद ले सकते हैं।
आमतौर पर महिलाएं ऐसी स्थिति में गर्म पानी में अपने पैरों को डालकर छोड़ देती हैं, ऐसा भूल कर भी न करें। क्योंकि यह आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है।
*6. कैफीन का सीमित सेवन :*
ऐसे पेसेंट के लिए कभी कभार सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता परंतु जरूरत से ज्यादा कैफ़ीन लेने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्हीं में से एक है एडिमा की समस्या।
कैफ़ीन के कारण आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में आपका शरीर पेशाब को रोककर रखना चाहता है, जिसकी वजह से पैरों का सूजन बढ़ सकती है।