सोनी कुमारी, वाराणसी
प्लेजरेबल और एंजॉयबल सेक्स के लिए सेक्सुअल हेल्थ पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। यदि आप अपनी सेक्सुअल हेल्थ को नजरअंदाज करती हैं, तो यह आपके सेक्स एक्सपीरियंस को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
सेक्सुअल हेल्थ को मेंटेन करना बेहद आसान है. आपको केवल 5 P’s को फॉलो करने की आवश्यकता है। अब आप सोच रही होंगी ये 5 P’s क्या हैं? तो आज मैं आपके लिए लेकर आई हूँ सेक्सुअल हेल्थ के 5 P’s से जुड़ी जरूरी जानकारी।
*1. पार्टनर :*
सेक्सुअल हेल्थ मेंटेन करने में आप और आपके पार्टनर दोनो का रोल होता है। यह बहुत जरूरी है कि आप अपने पार्टनर को अच्छे से जानती हों, उन्हे ट्रस्ट करती हों और आप दोनों के बीच में म्युचुअल रिस्पेक्ट हो।
वहीं आप दोनों ओपनली कम्युनिकेट कर सकें कि आपकी बाउंड्रीज क्या हैं, आपके डिजायर्स क्या है और आपकी कंसर्न्स क्या हैं। प्रेगनेंसी और प्रोटेक्शन को लेकर दोनो के बीच ओपन कम्युनिकेशन होना चाहिए।
इसके अलावा सेक्सुअल एक्टिविटी हमेशा कांसेप्चुअल होनी चाहिए, तभी वे एंजॉयबल रहेगी। वहीं अपने सेक्सुअल पार्टनर के नंबर का ध्यान रखें। यदि आप अधिक फ्रिक्वेंटली सेक्सुअल पार्टनर बदलती हैं, तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए।
*2. प्रैक्टिसेज :*
सेक्सुअल हेल्थ मेंटेन रखने के लिए सेफ सेक्स प्रैक्टिसेज फॉलो करनी चाहिए, यानी कि वेजाइनल सेक्स के लिए हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
अगर आप ओरल सेक्स कर रही हैं, तो उसके लिए आपको डेंटल डैम का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि, आप अपने अनुसार किसी भी बैरियर मेथड का इस्तेमाल कर सकती हैं, केवल यह सुनिश्चित करें कि ये पूरी तरह से सुरक्षित हो।
अल्कोहल और ड्रग्स के बाद सेक्सुअल गतिविधियों में भाग लेने से बचें, और नीडल शेयरिंग से भी बचें। सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शंस को प्रीवेंट करने के लिए मेल और फीमेल दोनों कंडोम का इस्तेमाल करें।
आप अपने नंबर ऑफ़ पार्टनर्स को लिमिट करें एक समय में एक ही पार्टनर के साथ संबंध रखें।
*3. प्रोटेक्शन :*
किसी भी जेनिटल कांटेक्ट से पहले प्रोटेक्शन का इस्तेमाल बेहद महत्वपूर्ण है। आप अपने अनुसार किसी भी सुरक्षित प्रोटेक्शन और बैरियर मेथड का इस्तेमाल कर सकती हैं। रेगुलर टेस्टिंग करवाएं, इन्फेक्शन स्क्रीनिंग कर सकती हैं।
सेक्शुअली एक्टिव होने के बाद हर साल या फिर अगर आपका पार्टनर चेंज होता है तब आपको अपनी स्क्रिनिग करवानी चाहिए। वहीं आपको जरूरी वैक्सीन भी लेने चाहिए, जैसे कि एचपीवी वैक्सीन, जो एचपीवी वायरस और सर्वाइकल कैंसर से प्रोटेक्शन देती है साथ ही हेपेटाइटिस बी वैक्सीन भी लगवा सकती हैं।
*4. पास्ट हिस्ट्री :*
सेक्सुअल हेल्थ मेंटेन करने के लिए दोनों पार्टनर को एक दूसरे की STI की हिस्ट्री जानना और समझना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आपको कभी भी पहले कोई ट्रांसमिटेड इनफेक्शन हो चुका है, तो आपको अपना ट्रीटमेंट प्रॉपर्ली लेना चाहिए।
पार्टनर के साथ अपने पास STI एक्सपीरियंस को जरुर शेयर करें और उनसे भी उनके पास्ट के बारे में चर्चा करने के लिए कहना चाहिए। इसके साथ ही आप डॉक्टर से फॉलो अप ले सकती हैं।
आपको ऑनेस्टली अपने सेक्सुअल पार्टनर को अपनी स्टेट के बारे में बताना चाहिए और आप दोनों को रेगुलर टेस्ट करवाते रहना चाहिए। इसके साथ ही सेक्स के दौरान हमेशा प्रोटेक्शन या बैरियर का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि एक दूसरे में इन्फेक्शन ट्रांसफर होनें का खतरा कम हो जाए।
*5. प्रेगनेंसी इंटेंशन :*
सेक्सुअल हेल्थ के लिए प्रेगनेंसी प्लानिंग जरूरी है। प्रेगनेंसी की इंटेंशन हमेशा अपने पार्टनर के साथ डिस्कस करें। प्रेगनेंसी प्लान करते वक्त कुछ फैक्टर का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जैसे की आपकी इमोशनल स्थिति क्या है, फाइनेंशियल सिचुएशन क्या है, आपकी रिलेशनशिप की क्या स्टेबिलिटी है, और यह पर्सनल चॉइस भी है।
कभी भी अनप्लांड प्रेगनेंसी नहीं होनी चाहिए। अगर आप अनप्लांड प्रेगनेंसी को डिस्कंटीन्यू करती हैं, तो आपको फ्यूचर में साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
हमेशा प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले प्रीकनसेप्शन टेस्ट करवाएं और फोलिक एसिड लें, इसके साथ ही डॉक्टर की एडवाइस से ही प्रेगनेंसी प्लान करें। अगर आप प्रेगनेंसी के इंटेंशन से सेक्सुअल एक्टिविटी में पार्टिसिपेट कर रही हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि आपका फर्टाइल पीरियड क्या है।
किस समय संबंध रखने से प्रेगनेंसी के चांसेस ज्यादा हैं, और कई बार स्ट्रेस और एंजायटी की वजह से भी प्रेगनेंसी नहीं हो रही होती है, इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट पर भी ध्यान दें।