लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम-सहमति नहीं बन सकी और अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार तथा भाजपा सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश के साथ होगा.बिरला और सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए. संसद में लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव बुधवार को होगा।
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में उतरने के लिए विपक्ष ने अंतिम समय में तब फैसला लिया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी इस पूर्व शर्त को नहीं माना कि राजग के उम्मीदवार बिरला का समर्थन करने के ऐवज में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को उपाध्यक्ष पद दिया जाना चाहिए.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसद भवन स्थित कार्यालय में विपक्ष की ओर से कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और द्रमुक के टी आर बालू ने सिंह, गृह मंत्री अमित शाह तथा स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस मुद्दे पर आम-सहमति बनाने के उद्देश्य से बातचीत की लेकिन दोनों पक्ष अपने रुख पर अड़े रहे और कोई नतीजा नहीं निकला. पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को राजग की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है. बिरला ने नामांकन दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की.
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार शाम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष के नाम पर आम सहमति बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क किया था। इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी बात की थी। खरगे ने रक्षा मंत्री से कहा था कि हम एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। लेकिन ये समर्थन हम तभी देंगे, जब विपक्ष को उपसभापति का पद मिले। इस पर राजनाथ सिंह ने उन्हें फिर से कॉल करने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने विपक्ष को उपसभापति पद की मांग पर कोई आश्वासन नहीं दिया।
मंगलवार सुबह लोकसभा अध्यक्ष के लिए आम सहमति बनाने को लेकर एक बार फिर विपक्षी नेताओं की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुलाकात हुई। लेकिन इस बैठक में भी आम सहमति नहीं बन सकी। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में राजनाथ सिंह ने इंडिया गठबंधन के नेताओं को बताया कि स्पीकर के लिए हम ओम बिरला के नाम पर आप सभी का समर्थन चाहते हैं। इस पर विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने कहा कि हम समर्थन के लिए तैयार हैं, लेकिन उपसभापति के पद का क्या होगा? वह पद विपक्षी गठबंधन को मिलना चाहिए। लेकिन विपक्षी गठबंधन की मांग पर राजनाथ सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया।