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मोदी सरकार के खिलाफ मुखर अरुंधति रॉय को अंतर्राष्ट्रीय पेन पिंटर पुरस्कार

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नई दिल्ली। जिस भारतीय लेखिका अरुंधती रॉय के खिलाफ दो सप्ताह पहले ही उनके खिलाफ 2010 में कश्मीर के संदर्भ में एक भाषण को लेकर कड़े यूएपीए कानून के तहत मुकदमा चलाने की भारत सरकार ने घोषणा की थी, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पेन पिंटर पुरस्कार मिला है। 

पुरस्कार दिवंगत नाटककार हेराल्ड पिंटर के नाम पर है और वर्ष में एक बार किसी लेखक को दिया जाता है। निर्णायकों ने पर्यावरणीय हास से लेकर मानवाधिकार हनन पर रॉय की टिप्पणियों की तारीफ की। 

अपने पहले उपन्यास ‘ दि गॉड ऑफ स्माल थिंग्स’ (1997) के लिए बुकर जीत चुकीं रॉय पर मुकदमा चलाने की घोषणा के बाद 200 से अधिक विद्वानों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने खुला खत लिखकर सरकार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की है। 

अरुंधति नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रही हैं। पेन इंटरनेशनल के सलिल त्रिपाठी ने पिछले सप्ताह गार्जियन में लिखा था कि भले मोदी हाल के चुनाव में संसदीय बहुमत पाने में चूक गए हों लेकिन यह मानना गलत होगा कि वह बदल गए हैं। 

उन्होंने लिखा था, “रॉय जैसी चर्चित लेखिका के पीछे पड़कर सरकार ने आलोचकों को चेतावनी दी है कि वह कुछ अलग होने की उम्मीद न करें। आलोचकों पर तलवार लटक रही है। रॉय का मामला हमें चेताता है कि क्यों कलम को तलवार से शक्तिशाली होना चाहिए।”

रॉय को पुरस्कार ब्रिटिश लाइब्रेरी में अक्तूबर में आयोजित एक समारोह में दिया जाएगा। जहां एक सह विजेता -साहसी लेखक – जिसका चयन सूची से रॉय करेंगी, की घोषणा भी की जाएगी। 

रॉय ने कहा कि वह पेन पिंटर पुरस्कार पाकर खुश हैं। काश, आज हेराल्ड पिंटर हमारे साथ मौजूद होते जब दुनिया दिन-ब-दिन कठिन होती जा रही है। और जबकि वह नहीं हैं हम में से किसी को उनके द्वारा खाली किए गए स्थान को भरने की कोशिश करनी चाहिए।

रॉय को पुरस्कार के लिए इस साल के अप्रैल में जजों के एक पैनल द्वारा चुना गया था जिसमें अंग्रेजी पेन के चेयरपर्सन रुद बोर्थविक, एक्टर खालिद अब्दल्ला और लेखक रोजर रॉबिंसन शामिल थे।

अब्दल्ला ने कहा कि रॉय स्वतंत्रता और न्याय की एक चमकदार आवाज हैं। और ‘दि गॉड ऑफ स्माल थिंग्स’ के प्रकाशन के समय के साथ उनका काम कई संकटों और अंधकार का सामना कर रही हमारी दुनिया के लिए एक ध्रुवतारा सरीखा है।अरुंधति का दूसरा उपन्यास ‘द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पिनेस’ 2017 में प्रकाशित हुआ। पहले के पेन पुरस्कार विजेताओं में मलोरी ब्लैकमैन, सित्सी डैंगारेम्बगा, मार्गरेट एटउड और सलमान रश्दी के नाम शामिल हैं।  

गार्जियन से साभार

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