प्राधिकरण 6 हजार पौधे भी परिसर में लगाएगा, निर्माणाधीन फ्लायओवरों के साथ ही संचालन होगा शुरू, नायतामुंडला आईएसबीटी से जल्द शुरू होगा बसों का संचालन
इंदौर। प्राधिकरण द्वारा शहर में दो बस टर्मिनलबनाए गए हैं, जिनमें से एक नायतमूंडला का तो पूरा हो चुका है और जल्द ही बसों का संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा। दूसरा टर्मिनल एमआर-10 (MR-100 पर कुमेर्डी (Kumerdi) में बन रहा है, जिसकी लागत 101 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। सिविल सहित कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे हो चुके हैं। इस पूरे टर्मिनल परिसर में 6 हजार पौधे भी लगाए जा रहे हैं। खासकर जामुन के पौधे अधिक लगेंगे, जो कि बसों से निकलने वाले काले धुएं के लिए उपयोगी माने जाते हैं। लगभग 80 हजार यात्रियों को इस टर्मिनल का फायदा मिलेगा। सितम्बर अंत तक शेष बचे काम पूरे होंगे और निर्माणाधीन फ्लायओवर के साथ ही इस टर्मिनल का भी अक्टूबर-नवम्बर तक लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है।
12 एकड़ से अधिक जमीन पर प्राधिकरण ने यह अत्याधुनिक इंटर इस्टेट बस टर्मिनल यानी आईएसबीटी निर्मित किया है। कल प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार ने अधिकारियों के साथ टर्मिनल का मौका-मुआयना किया। दरअसल, अभी जो 51 लाख पौधों को लगाने का अभियान शुरू होगा उसमें प्राधिकरण भी 2 लाख 20 हजार पौधे अपनी विभिन्न योजनाओं और बगीचों में लगा रहा है। इसी कड़ी में इस कुमेर्डी के बस टर्मिनल परिसर में 6 हजार पौधे लगाए जाएंगे, जिसकी तैयारी कर ली गई है। यहां पर हरियाली के लिए काफी जगह छोड़ी गई है, जहां पर विभिन्न प्रजातियों के साथ-साथ जामुन के पेड़ अधिक लगाए जा रहे हैं। इसका कारण सीईओ श्री अहिरवार के मुताबिक यह पर्यावरण हितैषी रहते हैं। चूंकि जर्मिनल पर बसों की आवाजाही रहेगी। लिहाजा उससे निकलने वाले धुएं के लिए ये जामुन के पेड़ मददगार साबित होंगे और शुद्ध हवा का स्त्रोत बनेंगे। प्राधिकरण द्वारा बनाए जा रहे इस बस टर्मिनल द्वारा इंदौर से सुदूर प्रदेशों में यात्रा करने वाले लगभग 80000 यात्री प्रतिदिन लाभान्वित होंगे। 1400 बस प्रतिदिन आवागमन की क्षमता वाला यह बस टर्मिनल पूर्णत: वातानुकूलित एवं विमानतल की तर्ज पर बनाया जा रहा है। लगभग 6 हेक्टेयर में बन रहे इस बस टर्मिनल पर विशाल पार्किंग के साथ ही दुकान, रेस्टोरेंट, एटीएम पुलिस चौकी फायर ब्रिगेड एवं इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने हेतु चार्जिंग स्टेशन क्लॉक रूम आदि सभी आधुनिकतम सुविधाओं का समावेश होगा यात्री एवं बस चालकों के लिए पृथक से प्रतीक्षालय सहित अनेक सुविधाएं होंगी। उक्त आईएसबीटी का निर्माण लगभग 85त्न पूर्ण हो गया है इसके दीपावली तक शुरू होने के प्रयास किया जा रहे हैं आपने बताया कि इसके बन जाने से इंदौर शहर में वर्षों पुरानी अंतर राज्य बस टर्मिनल की मांग का निराकरण हो सकेगा वहीं शहर से बसों की आवाजाई को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि इस टर्मिनल की शुरुआती लागत 60 करोड़ रुपए आंकी गई थी। मगर बाद में अन्य कामों के चलते 101 करोड़ रुपए तक लागत पहुंच गई है, क्योंकि इसमें जीएसटी के भी 18 करोड़ रुपए से अधिक प्राधिकरण को चुकाना पड़े। इस पर 1400 मैट्रिक टन का विशाल स्टील स्ट्रक्चर भी लगवाया गया है, जिसमें महीनों का समय लगा। एक बड़ी होटल के साथ खान-पान के 16 बड़े काउंटर और 33 अन्य दुकानें यहां रहेंगी।