डॉ. नेहा, नई दिल्ली
रिश्तों की बुनियाद प्यार, अपनापन और विश्वास पर टिकी होती है। मगर कई बार इस बात का अंदाज़ा लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है कि जिसे लोग वास्तव में प्यार समझते है, वो प्यार है या कोई डर।
हेल्दी और और अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट में बेहद बारीक रेखा होती है। कई कारणों से रिलेशनशिप अनहेल्दी होने लगती हैं और भावनात्मक लगाव कम हो जाता है। इसके चलते व्यक्ति खुद को रिश्ते में बंधा हुआ और तनाव से घिरा हुआ पाता है।
अपने रिश्ते को हेल्दी और तनावमुक्त बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट के संकेतों को पहचानें।
*क्या है अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट?*
अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई व्यक्ति अपनी खुशियों और जीवन के हर फैसले के लिए अपने पार्टनर पर पूरी तरह से डिपैंड होने लगता है। इसमें व्यक्ति खुद को इनसिक्योर, जैलेस और डरा हुआ महसूस करने लगता है।
ऐसे रिश्ते में अधिकतर लोग अपने बॉन्ड को मज़बूत बनाने के लिए सेल्फ केयर पर ध्यान न देकर अपने पार्टनर को खुश रखने का प्रयास करते हैं। मगर वो साथ ही साथ तनाव और टेंशन का सामना करते हैं। इससे रिश्ते में टॉक्सीसिटी बढ़ने लगती है।
जानें अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट के संकेत :
*1. ओवरथिंक :*
किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए पार्टनर के साथ बैठकर डिस्कशन करने की जगह ऐसे लोग पार्टनर से किसी भी बात को करने से पहले बहुत बार सोचने लगते है। फिर बातचीत के बाद पार्टनर की कही बातों पर ओवरथिकिंग से मेंटल बर्डन का सामना करना पड़ता है। छोटी छोटी बातों के बारे में ज्यादा सोचने से रिश्तों में बिखराव आने लगता है।
*2. पार्टनर से भी ईर्ष्या :*
अनहेल्दी रिलेशनशिप में लोग ईर्ष्या का सामना करने लगते है। पार्टनर से कुछ देर दूर रहने पर भी उनके मन में कई प्रकार के विचार आने लगते है। पार्टनर के प्रति अविश्वास की भावना पैदा होने लगती है। इसके चलते अपने साथ के फोन कॉल्स, मीटिंग्स और बातचीत पर पूरी नज़र बनाए रखते हैं।
*3. खुद को कमजोर और असुरक्षित महसूस करना :*
पार्टनर के नज़दीक न होने पर इनसिक्योरिटी महसूस होने लगती है। पार्टनर को बार- बार कॉल करना और मिलने की इच्छा ज़ाहिर करना। पार्टनर के साथ न होने पर ऐसे लोगों में कॉफिडेंस की भावना कम होने लगती है और व्यक्ति खुद को कमज़ोर महसूस करता है।
*4. बात- बात पर गुस्सा :*
ऐसे अनहेल्दी रिश्ते व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन बढ़ा देती है। इससे व्यक्ति अपने आप को कमज़ोर और इमोशनली वीक समझने लगता है। पार्टनर से छोटी छोटी बातों पर टकराव बढ़ जाता है, जिससे रिश्ते खराब होने लगते हैं। हर चीज़ के लिए पार्टनर पर डिपेंड हो जाना अनहेल्दी रिलेशनशिन का मुख्य कारण साबित होता है।
अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट से उबरने के लिए हमारे इन टिप्स को करें :
*1. इंडीपैंडेंट बनें और खुद पर ध्यान दें :*
हर चीज़ के लिए पार्टनर पर डिपेंड रहने की जगह अपने कार्य खुद करना सीखें और फाइनेंशियली डिपेंडेंट न रहें। ब्लेम गेम से बाहर निकलकर एक दूसरे का सपोर्ट सिस्टम बनें। इससे पार्टनर के व्यवहार में भी बदलाव आने लगेगा औश्र रिश्ते को मज़बूती मिलन जाएगी।
*2. पार्टनर को स्पेस दें :*
ईर्ष्या और अविश्वास को त्यागकर पार्टनर को थोड़ा स्पेस दें, ताकि वो अपने मन मुताबिक अपने कार्यों को कर पाए। हर बार पार्टनर की जासूसी करना छोड़ दें। इससे रिश्ते में सकारात्मकता बढ़ जाती है। जीवन को स्मूद बनाने के लिए किसी भी कार्य में इनटरफेरेंस से बचें।
*3. हेल्दी डिकस्शन करें :*
किसी भी कार्य की शुरूआत के लिए दोनों लोग आपसी सहमति से आगे बढ़ें। एक दूसरे को सलाह दें और हर कार्य में मज़बूत पिलर की तरह एक दूसरे का साथ देना भी ज़रूरी है। रिश्ते की मज़बूती के लिए र्पाटनर को रिस्पेक्ट दें और रिश्ते की सीमाओं को न भूलें।
*4. काऊंसिलिंग :*
रिलेशन एक्सपर्ट या मनोचिकित्सक से एक साथ जाकर सलाह लें. रिश्ते में सड़न आ जाये, वह समाप्त हो जाये इसके पहले उसे संभाल लेना, संवार लेना चाहिए.
ऐसा नहीं होने पर सिर्फ़ आप नहीं टूटते, आपके पेरेंट्स भी टूटते हैं. बच्चे हैं तो उनका पूरा जीवन मनोरोगों से भर जाता है.
*5. हमसे मिलें :*
आप दोनों हमारे मनस्विद डॉ. मानवश्री से मिलते हैं तो आपको कुछ देना नहीं होगा. आपका रिश्ता नव-यौवन के स्टेज पर पहुंचेगा. आप संपर्क में बने रहेंगे और आपका रिश्ता कभी बूढ़ा नहीं होगा.
अन्य रिश्तों के टूटने की वज़हें अनेक हो सकती हैं, लेकिन दाम्पत्य सिर्फ़ प्रेम और सेक्स की कमी से विखरता है. प्रेम है और स्वस्थ सेक्स नहीं है तो भी बिखरता है. प्रेम भाड़ में चला जाता है, क्योंकि इस रिश्ते में प्रेम सेक्स से ही साकार होता है.
स्त्री अमूमन तृप्त नहीं होती. पुरुष हैंडप्रैक्टिस और सेक्स पॉवर की दवाओं से नामर्द बन जाता है. वह स्त्री से प्यार करने की बातें करते रहने के बाद भी उसकी खुशी के लिए खुद की नामर्दी को एक्सेप्ट नहीं करता. इलाज़ नहीं कराता. वेचारी को अन्य से भी संतुष्ट नहीं होने देता.
इन सारी सर्वनाशी सेचुएशन का समापन हम कर देते हैं. सबकुछ ठीक हो जाता है, हमेशा के लिए. सबसे बड़ी बात : कोई शुल्क नहीं.