बीआई से बने झेड़ो और भवन अधिकारी पर सभी निगाहें, अब ये क्या गुल खिलाएंगे
पहले बीआई बनकर किया ‘कमाल’ और बीओ बनेंगे करेंगे ‘धमाल’
इंदौर नगर निगम देश-दुनिया में ‘चमक’ रहा है…। इसीलिए यहां जो भी किया जाए वो कम है…। फिर बात नियम-कायदों की करें तो अब निगम उससे बहुत आगे निकल गया है..। इसीलिए जो महत्वपूर्ण दायित्व वरिष्ठता के आधार पर दिए जाने चाहिए वो मनमाफिक तरीके से रेवड़िया बाट दी गई…। फिर बात भवन निरीक्षकों की करें तो मस्टर कर्मियों को महत्वूपर्ण दायित्व सौप दिया गया है, जबकि बात झोनल अधिकारी व भवन अधिकारी की करें तो इसमें भी बहुत ज्यादा ‘संवेदनशीलता’ दिखाई गई है…।
खास बात ये है कि जिन्होंने पहले बीआई बनकर किया ‘कमाल’ वो अब बीओ बनकर ‘धमाल’ करेंगे… कमाल तो ये है कि इसके अलावा भी कुछ अलग-अलग महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए है, जो अब धनाट्य बन गए है। कुल मिलाकर बोला जाए तो निगम में धनकुबेर आ गए हैं…। ये निगम हित में रहता है या नहीं ये जल्द ही शहरवासियों को भी पता चलेगा…। लेकिन ये बात तो स्पष्ट हो गई है कि अगर पिछले सात साल का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो कई चौकाने वाले खुलासे जरूर होंगे…।
आलीशान बना ली ‘कोठियां’
और इन्होंने इतनी ऊंचाइयां छू ली। कमाल तो ये है कि इन सात सालों में किसी ने आलीशान मकान तो किसी ने कोठियां तान दी। ये सब इंदौर नगर निगम की नोकरी में रहते संभव हो पाया है, वो भी सिर्फ सात सालों में…। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कुछ लोगों ने किस तेजी से ग्रोथ की है…। इतनी ग्रोथ तो शेयर बाजार में भी नहीं मिलती है। अब ये बदनामी के साथ कमाई शोहरत से जमकर आगे निकल गए है। ये शहर के भाग्य तय करेंगे। इंदौर नगर निगम के इतिहास में जल्द ही सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा।
बीआई रहते कर दी थी पैसों की बड़ी मांग इंदौर नगर निगम के कुछ भवन निरीक्षक तो सुखियों में बने रहे है…। अब वो झोनल अधिकारी के साथ ही भवन अधिकारी का दायित्व भी संभालेंगे…। इससे इंदौर शहर का नाम देश दुनिया में जरूर नोशन होगा, लेकिन कैसे…? कमाल तो ये है कि एक तालाब के पास का बीआई रहा, जिसने खुलकर पैसों की डिमांड कर दी, जिसकी ‘टेप’ को बड़ी मुश्किल से दबा दिया गया…। अब ये महाशय झेड़ो व बीओ का काम देखेंगे…। ये तालाब के आस-पास कट
सालों तक की होस्टलों से अवैध वसूली
इंदौर में होस्टलों की सबसे चर्चित स्थानों पर सालों तक बीआई की कमान संभाली। ये कई दिग्गज भवन अधिकारी आए और गए, लेकिन बीआई बड़ी शान से नोकरी करते रहे। इन्होंने इतनी अति कर दी थी कि मंदिर को भी कुछ नहीं समझा और मंदिर तक को नोटिस जारी कर तोड़ने पहुंच गए। बस फिर क्या था, इनकी अति का अंत हो गया और सालों से चला आ रहा एक तरफ साम्राज्य समाप्त हो गया। हालांकि इस दौरान महाशय ने अवैध होस्टलों से जमकर माल सुता…। कोई देखने वाला नहीं था, लेकिन अब ये झेड़ों के साथ ही भवन अधिकारी का दायित्व देखेंगे…।
रही अवैध कॉलोनियों में जमकर माल सुतने में व्यस्थ रहे और जैसे ही इनकी शिकवें शिकायतें हुई तो तत्काल आकाओं से सम्पर्क कर शिकायत कर्ता को ही आरोपी बना देते थे, लेकिन अब ऐसे शख्स जल्द ही बैनकाब होंगे।
नोसिखिया बन तुड़वाई बिल्डिंग से
पोकलेन चालक का पटा पंजा
एक बीआई तो इतना नौसिखिया निकला कि बिल्डिंग तोड़ने गए पोकलेन के कर्मचारी को निर्देश देकर बिल्डिंग उठपटांग तुड़वाई और जब पोकलेन चालक ने समझाने की कोशिश की तो उसे जमकर फटकार लगाई और दबाव डालकर मशीन चलाई…। आखिरकार बिल्डिंग भरभराकर मशीन पर आ गई और पोकलेन ड्रायवर का पंजा अलग हो गया…। मामला बिगड़ता देख (बीओ, जिसका ट्रांसफर इंदौर से मुरैना कर दिया गया) बीआई तत्काल बॉम्बे हॉस्पिटलपहुंचे और ड्रायवर को ब्लड देकर खुद को बचाने में कामयाब हो गए। अब उस ड्रायवर का जीवन खराब हो गया है, लेकिन भैया को ईनाम मिल गया है और वो बीआई की जगह झोन पर झेडो और भवन अधिकारी बनकर रौप झाड़ रहे हैं…।
सब इंजीनियर रहते जमकर अति मचाई,
ठेकेदार की चली गई जान
प्रवासी भरतीय सम्मेलन में एक सब इंजीनियर ने जमकर अति मचाई। इनकी अति का खामियाजा ही एक ठेकेदार की जान चली गई। टेंडर किसी और ने लिया और काम किसी और ठेकेदार से करवा लिया। इसके बाद पैमेंट की बारी आई तो जिम्मेदारों ने दूरी बना ली। पैसा डुबते दिखा ती ठेकेदार ने अपनी जीवन लिला ही समाप्त कर ली। ताज्जुब की बात है कि अब ये महाशय झोन व बीओ की कमान संभालेंगे।