अग्नि आलोक
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ये बन्दा गृह मंत्री है…देश मे गैंगरेप हुआ है

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भाई को बंगलादेश की टेंशन है। उधर प्रधानमंत्री को चिंता है, कि अडानी का गोड्डा पॉवर प्लांट कैसे चलेगा।

तो 12 तारीख की रात पॉवर ग्रिड कारपोरेशन को आदेश दिया है, ऐसे सभी प्लांट (1 ही है) जो विदेश को बिजली बेचते थे, अब आपको बेचना देना चाहें तो ख़रीदनी पड़ेगी। 100% आपको बेचे, तो पूरी खरीदनी पड़ेगी।
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बहरहाल, पाकिस्तान, बंगलादेश में हिन्दुओ की संख्या क्यो घटी, इसपर बड़ी चिंता है।

तीन कारण है,

  • पहला कन्वर्जन,
  • दूसरा – माइग्रेशन
  • तीसरा- सिम्पल स्टेटिस्टिक्स।

मैं उल्टा चलता हूँ। समझ मे तभी आएगा।
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1941 में वेस्ट पाकिस्तान (अभी का पाकिस्तान) में 14% हिन्दू थे। ईस्ट पाकिस्तान (बंग्लादेश) में करीब 26% हिन्दू थे।

1947 में लगभग 50 लाख हिन्दू और सिख वेस्ट पाकिस्तान से भारत आ गए। इससे वहां की जनसंख्या में उनका प्रतिशत ( 1951 जनगणना) में उनकी सँख्या 2% ही रह गयी।

तब से आज तक, प्रतिशत में लगभग उतनी ही है।असल मे 0.5% बढ़ी है।
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ईस्ट पाकिस्तान, यानी बंगलादेश में 1947 के पार्टीशन के समय, यह गिरकर 22% तक आ गयी।

1970 में पाकिस्तानी सरकार ने तमाम बंगाली भाषियों पर अत्याचार किये। मार्शल लॉ लगाया। मुस्लिम कहाँ भागते?

पर हिन्दू भाग सकते थे।
वे भारत भाग आये।

2 करोड़ शरणार्थियों ने भारत को चरमरा दिया। तो भारत ने सैनिक मदद दी, और मुक्तिवाहिनी ने बंग्लादेश को आजाद करा दिया।

(हां भाई, असलियत उल्टी है, पर हमारे देश का ऑफिशियल वर्जन यही है)
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अब 7 करोड़ पॉपुलेशन में 2 करोड़ हिन्दू, इंडिया आ गए तो हिसाब लगा लीजिए।

तब से आज तक ओवरऑल पॉपुलेशन ग्रोथ में जो भी प्लस माइनस हुआ, नेट वही 9-10% हिन्दू बंगलादेश में बचे हैं।

इसी आंकड़े को पकड़कर गृह कलह मंत्री, यहां कलह कर रहे है।

तीसरा एंगल, कन्वर्जन है। पाकिस्तान में 70 साल से वैसा ही माइनॉरिटी प्रसिक्यूशन है, जैसा 10 साल से इंडिया में।

इज्जत- नौकरी- न्याय अधिकार, मिलते नही। तो 1% कन्वर्जन भी हुआ है।ज्यादातर क्रिश्चियन हो गए। हिन्दू ज्यादातर सिंध में रहते हैं। ठीक ठाक वोट बैंक है। तो वहां हालात बेहतर हैं।
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इसमे कोई दो मत नही की धर्म के आधार पर विभाजन गलत है। तो सावरकर को यह थ्योरी परपेट्रेट नही करनी थी। पर कर तो दिया, पॉपुलर भी हो गयी।

आज भी है। भले तब, मजा कोई और मार ले गया। इनको मजा, बड़ा लेट, याने 70 साल बाद मिला। अगर अखंड भारत रहता, तो अभी 45% मुसलमान रहते।

38% वोट पाने वालों की कभी सरकार नही बनती। यह बात ये लोग तब भी समझते थे, आज भी समझते हैं। इसलिए भड़काते रहते हैं।
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बहरहाल, सरकार को बाग्लादेशी हिन्दुओ की चिंता बहुत ज्यादा है।

निवारण के दो ही तरीके हैं।

1- सेना ठेल दो भइया। बंग्लादेढ़ कब्जा कर लो। जैसे हिट्टू भाई ने पोलैंड और चेकोस्लोवाकिया पर कब्ज़ा करके वहां के बेचारे, मजलूम जर्मनों का त्राण किया था।

जल्दी करो, मैं इसमे आपके साथ हूँ।

2- वहां जाकर मदद करने का दम नही, यहीं बुलाकर कर दो। याने सीमा खोल दो।

बीएसएफ मजलूम शरणार्थियों को आने नही दे रही। आने दो। तीन चार करोड़ हिन्दू आ जायें।
लेकिन मैनेजमेंट करना होगा।

केवल असम/वेस्ट बंगाल में सब के सब घुस जाएंगे, तो फिर बंगलादेशी शरणार्थियों के मसले पर फिर नया आंदोलन होगा। एनआरसी होगा।
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बेहतर है, गोबरलैंड के शहर शहर में शरणार्थी कैंप लगाओ। संघ की हर शाखा को 100 बंगलादेशी हिन्दू पालने का अवसर दो।

हर जिले में 2 करोड़ की एक फालतू बिल्डिंग है। उसे बीजेपी ऑफिस कहते हैं। दो ढाई सौ तो उसमे रह जाएंगे। दिल्ली वाले विशाल ऑफिस में हजार तो ठहर ही लेंगे।
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मैं इसमे शामिल नही, एक्को न रखूंगा। तुमको ज्यादा चिंता है, तुम रख लो।

दो रुपल्ली ट्रोल्स को, और आपके पार्टी वालो को बहुत चिंता है। तुम्हारे 10 करोड़ मेम्बर हैं..

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी। सभई बड़े टेंशन में है। रोज चिंता भरा व्हाट्सप करते है। 1-1 हिन्दू फैमली उनको आवंटित करो।

काहे की रैली में बड़ी बढ़ीं मुंहखोदी करने से बंग्लादेशी हिन्दुओ का भला होगा नही।
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और वो जो ऐसे व्हाट्सप से भड़कने को तैयार बैठे रहते हैं, दो मिनट ठहरकर गूगल फूगल कर लिया करो बे।

कब तक परोसा हुआ गोबर खाओगे। 10 साल में अक्ल नही आई। हजारो झूठ पकड़े जा चुके। हजारो फ़ैक्टचेक आ चुके।

हजारो हैंडल, बहाट्सपिये रोज चिल्ला कर बोलते है-मैं झूठा हूँ, बेईमान हूँ, बात को तोड़ मोड़ कर नफरत फैलाता हूँ।

उसकी शक्ल पर लिखा है कि “बड़की झूठी पार्टी” का मेम्बर है। लेकीन फिर भी उसे सब्सक्राइब करके बैठे हो।

सुसरे, तुम भी एक बंगलादेशी हिन्दू घर मे रखकर पालो।

ठिक्क है?
🚩🚩🚩🚩

बाबामनीषुद्दीन

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