मध्यप्रदेश की सियासत में एक बार फिर फिल्मी डायलॉग ‘टाइगर अभी जिंदा है’ की गूंज सुनाई दी है। गुना-शिवपुरी सीट से पूर्व सांसद केपी यादव ने भरे मंच से जब से कहा है कि चिंता मत करो टाइगर अभी जिंदा है..तभी से इसे लेकर सियासी गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। बता दें लोकसभा चुनाव के बाद इस तरह के कयास थे की भाजपा केपी यादव को मध्यप्रदेश से राज्यसभा भेज सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पूर्व सांसद केपी यादव जन्माष्टमी के मौके पर अशोकनगर के मुंगावली में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंच से पहली बार अपना दर्द बयां किया। उन्होंने मंच से कहा कि कुछ लोग मुझे देखकर कुछ कह नहीं रहे हैं लेकिन उनकी आंखों और चेहरे की उदासी साफ नजर आ रही है। लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं आप लोग चिंता न करें..बंसी वाले पर भरोसा रखें..टाइगर अभी जिंदा है..।
कैरियर को लेकर लग रहे कयास
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस से प्रत्याशी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव हराकर केपी यादव सुर्खियों में आए थे। लेकिन इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में आ गए और साल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने केपी यादव का टिकट काटकर गुना-शिवपुरी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया को दे दिया। तब भाजपा को इस बात का डर था की केपी यादव का टिकट कटने से यादव वोट बैंक नाराज हो सकता है लिहाजा एक चुनावी सभा में आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वोटरों को साधते हुए कहा था कि आप केपी की चिंता न करें, उनका ध्यान हम रखेंगे। शाह के इस बयान से कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधिया की खाली होने वाली राज्यसभा सीट पर शायद केपी को राज्यसभा भेजा जाए लेकिन बीते दिनों ये उम्मीद भी खत्म हो गई और जॉर्ज कुरियन को एमपी से राज्यसभा भेजा गया। जिससे अब एक बार फिर केपी यादव के राजनैतिक करियर को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं।