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पाकिस्तान के रास्ते ड्रग्स तस्करी नियंत्रित करने की जरूरत: ढाई साल में 40000 तस्कर गिरफ्तार

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सनत जैन

पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले ढाई साल में पंजाब में 2546 किलो हेरोइन 2457 किलो अफीम 1156 किलो पोस्ता 42.99 मिलियन नशे की टैबलेट कैप्सूल और इंजेक्शन जप्त किए गए हैं। पंजाब पुलिस के अनुसार 39840 तस्करों को पिछले ढाई वर्षो में गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस ने लगभग 31 करोड़ रुपए की नगदी जप्त की है। पंजाब पुलिस के साथ एनआईए की टीम ने खालिस्तान और पाकिस्तानी तस्करों की मिलीभगत और उनके बीच के कनेक्शन का पता लगाया है।

पंजाब की सीमा में बीएसएफ के जवान तैनात हैं केंद्र में बड़ी ताकतवर मोदी सरकार है सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं उसके बाद भी ड्रोन से नशीले पदार्थों की तस्करी पंजाब में निर्वाध रूप से जारी है। बीएसएफ के जवानों ने पिछले 4 साल में पाकिस्तान की ओर से आ रहे। 391 ड्रोन को पकड़ने में सफलता भी अर्जित की है। लेकिन यह सारे प्रयास विफल होते हुए, नजर आ रहे हैं। पंजाब के रास्ते अन्य प्रांतो में नशीले पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के रास्ते नशीले पदार्थों का कारोबार अब स्कूल और कॉलेजों तक पहुंच गया है। 2024 में ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 2400 किलोग्राम से ज्यादा हेरोइन और गांजा की जप्ती हुई है। पंजाब के सुरक्षा बलों की माने तो तस्करी के जरिए जो नशीले पदार्थ पाकिस्तान के रास्ते आ रहे हैं। उसमें केवल 10 फ़ीसदी की ही जप्ती हुई है।

90 फ़ीसदी नशीले पदार्थ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के रास्ते तस्करों द्वारा प्रतिमाह हजारों करोड़ रुपए का कारोबार किया जा रहा है। पाक के नरोवाल पंजाब के गुरदासपुर जिले से लगा हुआ है। पाकिस्तान का फिरोजपुर, सियालकोट और बहावलपुर पंजाब की सीमा से सटे हुए हैं। सबसे ज्यादा ड्रोन के जरिए इन इलाकों से तस्करी हो रही है। आधुनिकतम ड्रोन जो ज्यादा दूरी तक उड़ान भर सकते हैं। उसके माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है इसके अलावा भारत में गुजरात के जरिए समुद्री मार्ग से हर साल हजारों टन नशीले पदार्थों की तस्करी सुनियोजित रूप से हो रही है। इसकी जानकारी केंद्र सरकार को भलीभांति है। इसके बाद भी देश में नशीले पदार्थों का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा है। तस्करी के इस कारोबार में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बीएसएफ के जवान पुलिस के जवान, नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी, राजनेता, अलगाववादी संगठन भी इस कारोबार में शामिल हैं। इस कारोबार में बहुत पैसा है।

तस्करी और नशीले पदार्थों के ट्रांसपोर्टेशन में बड़े-बड़े गिरोह शामिल हैं। बराबरी से इसका पैसा सभी लोगों के पास पहुंचता है। जिसके कारण बेखोफ भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी का व्यापार बढ़ता ही जा रहा है। पंजाब को पहले उड़ता हुआ पंजाब कहा गया था। यहां के युवाओं को नशे की लत लग गई थी। ड्रग्स के कारोबारियों ने अब यह कारोबार अन्य प्रांतों में भी बड़ी तेजी के साथ फैला दिया है। नशे का कारोबार पिछले 10 वर्षों में गांव गांव तक फैल चुका है। नशे के कारोबार से अब राजनीतिक गतिविधियां भी संचालित होने लगी हैं। यह चिंता का सबसे बड़ा विषय है। पिछले 10 वर्ष से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत पूर्ण बहुमत की सरकार है। कई राज्यों में डबल इंजन की सरकारें पहले भी थी, और अभी भी हैं। इसके बाद भी जिस तेजी के साथ भारत में नशीले पदार्थों का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। युवा पीढ़ी इसका शिकार हो रही है। यदि इसे पिछले 10 वर्षों में नियंत्रित नहीं किया जा सक है, तो आगे क्या होगा, इसकी कल्पना ही की जा सकती है। सरकार ने नशे के कारोबार को रोकने के लिए बड़े-बड़े सुरक्षा के इंतजाम किए। समय-समय पर बड़े-बड़े दावे भी किए जाते हैं। लेकिन जो खबरें निकाल कर आती हैं

। उसमें नशे के कारोबार में लगे छोटे-मोटे सप्लायर जो नशा करने वालों को नशा की सप्लाई करते हैं। उन्हें पकड़ कर राज्यों की पुलिस और नारकोटिक्स विभाग बाह-बाही लूटता है। जमीनी स्तर पर कारोबार पर नियंत्रण लगने के स्थान पर बढ़ता ही जा रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है। इसको लेकर किसी की भी जवाबदेही तय नहीं है। जिसके कारण नशे के कारोबार की बेतरणी में जिसको मौका मिलता है। वही डुबकी मार लेता है। अभी तक पंजाब के रास्ते नशीली पदार्थ का कारोबार पाकिस्तान के रास्ते बड़े पैमाने पर हो रहा था। लेकिन अब इसके पैरेलल गुजरात भी खड़ा हो गया है। गुजरात के समुद्री मार्ग से बड़े सुरक्षित और सुनयोजित तरीके से ड्रग्स का कारोबार भारत में बढ़ रहा है। गुजरात ने अभी तक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ने का काम किया है।

राजनीतिक और कारोबारी संरक्षण में ड्रग्स का जो कारोबार हो रहा है। उसको लेकर सामाजिक व्यवस्था भी छिन्न भिन्न होने लगी है। नशे के शिकार युवा नशे के लिए घर में चोरी करने लगे हैं। अपराध करने से भी नहीं हिचकिचा रहे हैं। कॉलेज और हॉस्टल के माध्यम से अब युवातियाँ भी बड़े पैमाने पर नशे का शिकार हो रही है। इस कारण दिनों दिन अपराध बढ़ रहे हैं। ड्रग्स के कारोबार को सख्ती के साथ नियंत्रित करने की जरूरत है। समय रहते इसे रोका नहीं किया गया, तो देश को इसके भारी दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

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