ग्वालियर। भारत के सबसे बड़े राजघराने ग्वालियर राजवंश और जयपुर राजपरिवार के बीच संबंधि तय हो गया है। सिंधिया राजवंश से जुड़े सूत्रों ने इसकी पुष्टि कर दी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुपुत्र राजकुमार महानारयमन सिंधिया और जयपुर राजपरिवार की राजकुमारी गौरवी के पाणिग्रहण संस्कार की तैयारियां शुरू हो गई है। विवाह समारोह की तारीख तय नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि अगले साल जब कोरोनावायरस की दहशत कम हो जाएगी, धूमधाम के साथ विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा।
राजकुमारी गौरवी जयपुर राजपरिवार की रानी दीयाकुमारी (भारतीय जनता पार्टी से सांसद) की बेटी है। बताया गया है कि दोनों के विवाह संस्कार की बातें पिछले 1 साल से चल रही है। दोनों परिवार सहमत हैं और किसी अच्छे मुहूर्त की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि पिछले दिनों राजकुमारी गौरवी जय विलास पैलेस ग्वालियर में थी। इसी सप्ताह वह वापस जयपुर लौट गई हैं।
विवाह संस्कार का मुहूर्त उज्जैन में सिंधिया राजपरिवार के राजपुरोहित द्वारा निकाला जाएगा। बताने की जरूरत नहीं की ग्वालियर का सिंधिया राजपरिवार और जयपुर का राज परिवार भारत के 2 सबसे बड़े राजवंश हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने परिवार के मुखिया हैं और दीया कुमारी जयपुर राजपरिवार की राजमाता। उनके बेटे पदानाभ को जयपुर महाराजा की पदवी हासिल है।
जम्मूकश्मीर राजपरिवार के महाराजा करणसिंह ने इन दो राजपरिवारों के बीच मध्यस्थ हैं, क्योंकि वे ग्वालियर और जयपुर दोनों परिवारों से भी संबंधित है। जयपुर की पूर्व महारानी गायत्री देवी, बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव तृतीय गायकवाड़ की नाती थी और सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी, सयाजीराव की पोती है। ग्वालियर और जयपुर राजघराने उदयपुर, जोधपुर और नेपाल राजपरिवारों से भी जुड़े हैं।