- मप्र सरकार ने किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 10 रुपए प्रति किलो की दर से प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। इससे किसानों को मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ेगा। लेकिन इस बार महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार मिलेट्स (कोदो-कुटकी) खरीदे बगैर ही किसानों को बोनस का भुगतान करेगी। किसानों को प्रति हेक्टेयर 3900 रुपए बोनस दिया जाएगा। सरकार इस साल किसानों को करीब 40 करोड़ रुपए बोनस देगी।
- गौरतलब है कि मोहन कैबिनेट ने जनवरी में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी। फिर मिलेट्स फेडरेशन का गठन किया गया। लेकिन तमाम जतन करने के बाद भी मप्र सरकार इस साल राज्य में किसानों से मिलेट्स की खरीदी नहीं कर पाई। ऐसे में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस बार कोदो कुटकी खरीदे बगैर ही किसानों को बोनस का भुगतान करेगी। प्रदेश में अभी मोटे अनाज की खेती कुल खाद्यान्न उत्पादन क्षेत्र के सिर्फ साढ़े तीन प्रतिशत हिस्से में ही होती है।
- देश में पहली बार ऐसा हो रहा
- यह देश में संभवत: पहली बार हो रहा है कि सरकार अनाज की खरीदी किए बगैर किसानों को बोनस देने जा रही है। सरकार का बोनस देने का मकसद प्रदेश में आने वाले वर्षों में अधिक से अधिक किसानों को कोदी-कुटकी की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गत 3 जनवरी को जबलपुर में हुई कैबिनेट की बैठक में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई थी। योजना में मिलेट्स की खेती को प्रोत्साहन देने और किसानों से उचित दाम पर इसकी समरीदी का कार्य किया जाना है। बैठक में मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद सरकार ने मिलेट्स की खरीदी से लेकर इसके प्रसंस्करण, ब्रांडिंग व मार्केटिंग के लिए मिलेट्स फेडरेशन का गठन किया। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में कोदो- कुठकी की बुवाई की गई है। मिलेट्स फेडरेशन को राजस्व विभाग से इसका फायनल आंकड़ा मिलना बाकी है। इस तरह कोदो-कूटकों के रकबे के आधार पर सरकार किसानों को प्रति विटेयर 3900 रुपए के हिसाब से करीब 40 करोड़ का बोनस देगी। सचिव कृषि विभाग एम, सेलवेदन का कहना है कि जल्द ही किसानों के खाते में बोनस की राशि ट्रांसफर की जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है।
- बोनस से ज्यादा से ज्यादा किसान करेंगे खेती
- सरकार के इस फैसले से उम्मीद है कि अब ज्यादा से ज्यादा किसान मोटे अनाज की खेती करने के लिए आगे आएंगे। इससे ना सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि राज्य में मोटे अनाज का उत्पादन भी बढ़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि कोदो कुटकी का औसत उत्पादन 900 किलो प्रति हेक्टेयर है। एक अनुमान के अनुसार इसमें से किसान करीब 60 प्रतिशत कोदी-कुटकी का उपयोग स्थानीय बिक्री और खाने-पीने में कर लेते हैं। बचे हुए 40 प्रतिशत मिलेट्स को वे सरकार को बेचेंगे। इस आधार पर सरकार ने कोदो-कुटकी का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 3900 रुपए बोनस देने का निर्णय लिया है।
- मिलेट्स उत्पादन में मप्र का 5वां स्थान
- मोटे अनाज के उत्पादन में मप्र देश में पांचवें स्थान पर है। साल 2023-24 में प्रदेश में 12.68 लाख टन मोटे अनाजों का उत्पादन हुआ। जबकि 2019-20 में इसकी पैदावार 8.96 लाख टन हुई थी। प्रदेश में सबसे ज्यादा लगभग 60 प्रतिशत फसल बाजरा की होती है। मंडला, डिंडोरी, बालाघाट समेत अन्य जिलों में मोटे अनाज की खेती ज्यादा होती है। देश के कई हिस्सों में बारिश बहुत कम होती है। जिससे पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं और धान की खेती करना मुश्किल हो जाता है। इन क्षेत्रों में मोटे अनाज की खेती बहुत फायदेमंद साबित होती है। मोटे अनाज यानी मिलेट्स कम पानी में अच्छी फसल देते हैं। इनकी खेती में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। साथ ही इन्हें उर्वरकों की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती है। ये कम जगह में भी अच्छे से उग जाते हैं। इस कारण से किसानों को इन फसलों से अच्छा मुनाफा मिलता है।
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