अभिषेक गौतम
नई दिल्ली: बारिश की बौछारों के बाद राजधानी में ठिठुरन भी बढ़ गई है। हालांकि विधानसभा चुनाव को लेकर सियरसी गर्मी बढ़ती जा रही है। एनबीटी की टीम इस बार लोगों के मन की बात जानने के लिए बसों में सफर कर रही है। उनके मूड और मुद्दों को जानकर हम अपने रीडर्स तक पहुंचा रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को 85 नंबर को बस में शादीपुर बस स्टॉप से लेकर आनंद बिहार तक के सफर के बारे में बता रहे हैं बस में हो रही राजनीतिक चचर्चा:
शादीपुर बस स्टॉप पर लोगों की भीड़ लगी हुई थी। कुछ देर में हरे रंग की एक बस आई। जिसमें कुछ लोग सवार हो गए। कुछलोग अब भी बस का इंतजार कर रहे थे। तभी नीले रंग की इलेक्ट्रिक बस आई। जिस पर 85 आनंद विहार लिखा था। कुछ सवारियों के साथ में भी उसमें सवार हो गया। इस दौरान बस कंडक्टर से मैंने पूछा कि क्या यह बस आनंद विहार जाएगी। इस पर मुस्कुराते हुए बस कंडक्टर ने कहा कि बिलकुल जाएगी। टिकट लेकर आगे की सीट की तरफ जैसे बड़ा, तो देखा कि चस में सरकार ही बन बिगड़ रही थी। इस बस में सवारियां ती अधिक नहीं थीं। पर जितनी थी, वह भी राजनीतिक चचर्चा में मशगूल थी।
युवक और बुजुर्ग में बहस गर्म: जैसे- जैसे बस करोल बाग की ओर बढ़ी, आगे बैठे एक युवक और बुजुर्ग में कहस गर्म होती गई। बुजुर्ग ने तर्क देते हुए कहा कि सरकार तो शीला दीक्षित की थी। आज जो दिल्ली में दिख रहा है, सब उनकी देन है। तभी युवक बोल पड़ा कि बिजली से लेकर फ्री में बसों में सफर, बुजुर्गों को पेंशन की नीति में अअद सबसे आगे है। बीते 10 साल में बहुत से काम जो आपको पता नहीं है। तभी गुस्से भरी नजर में देखते हुए बुजुर्ग बोले कि न्यूज नहीं देखते या पढ़ते हो क्या। सब बेकार के दाये हैं। कोई भी योजना जमीन पर उतर नहीं पाई है। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर कितना हाहाकार होता है, कभी देखा है? यहां तो सिर्फ लड़ाइयां ही चलती थीं। नेता एक दूसरे पर दिनभर हैं।आरोप लगाते हैं। इसलिए अब जाओ और पढ़ाई पर ध्यान दो। यह कहते हुए बुजुर्ग मेघदूत भवन बस स्टॉप पर उतर गए।
अबकी बार… की सरकार बस आगे बड़ी और कुछ देर के लिए बस में सत्राटा पसर गया है। अब बस में गिने चुने तीन से चार यात्री ही बचे थे। इनमें से एक युवक कान में इयरफोन लगाकर गाने सुन रहा था।
अब के युवाओं में चुनाव को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है। वह तो रोल और गाने सुनने में ही बिजी हैं। यह बात कहते हुए यह हंस पड़ा। तभी उस लड़के को शक हुआ। उसने कान से इयरफोन निकाल कर कहा कि भैया कुछ आपने कहा क्या? युवक ने बोला नहीं नहीं। मैं तो यह कह रहा हूँ कि अबकी बार हूँ की सरकार। यह सनतेला सस्कराया और बोला हां बिल्कुल। बनाइए सरकार हम भी मदद करेंगे। तभी पीछे से एक आवाज आई कि काला धन आ गया है। यह बात सुनते ही बस में सवार सभी लोग हंस पड़े।
दवाओं की कमी पर भिड़ गए बस अब पटपड़गंज क्रॉस कर रही थी। इस दौरान कुछ लोग बस में सवार हो गए। टिकट लेने के बाद आगे की सीट पर बैठ । उनमें से एक युवक ने कहा
बस आगे बढ़ी और कुछ देर के लिए बस में सन्नाटा पसर गया है। अब बस में गिने चुने तीन से चार यात्री ही बचे थे। इनमें से एक युवक कान में इयरफोन लगाकर गाने सुन रहा था। उसके आगे बैठे दूसरे युवक ने कहा कि अब के युवाओं में चुनाव को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है। वह तो रील और गाने सुनने में ही बिजी है। यह बात कहते हुए वह हंस पड़ा। तभी उस लड़के को शक हुआ। उसने कान से इयरफोन निकाल कर कहा कि भैया कुछ आपने कहा क्या? युवक ने बोला नहीं नहीं! मैं तो यह कह रहा हूंकि अबकी बार.. की सरकार।
सरकार में तो इलाज भारी पड़ गया है। डॉक्टर चार दवा लिखता है तो उसमें से 2 ही दवाएं मिलती हैं। इस पर बस
कंडक्टर ने कहा कि बदल दो सरकार और हमारी सैलरी भी बढ़वा दो। तभी एक महिला बोली, दवा भी मिल रही है और जांच भी होती है। कुछ लोग सरकार को बदनाम करन रहे हैं। तभी युवक बोला मैडम सरकारी अस्पताल में कितनी बार
इलाज कराया है। मेरे बेटे का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है, तभी इस बात को इतनी मजबूती से कर रहा हूं। सरकार किसी की भी बने। जनता को ठोकर ही खानी है। इसलिए हमें केवल बोट देने का अधिकार है। जवाब मांगने का नहीं है। यहां की जनता चुष्पी साध कर बैठ गई है। देखना कुछबड़ा होगा फरवरी में तोबार से ही दवा खरीदनी है।
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