- 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में पहुंचे साधुओं का अनोखा संसार भी दिखाई देगा। इसमें अद्वितीय नजारे दिखेंगे। मेले में चाभी वाले बाबा भी होंगे जो 20 किलो की चाबी लेकर चलते हैं। इनका नाम हरिश्चंद्र विश्वकर्मा है जो चाभी वाले बाबा या कबीरा के नाम से चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
- महाकुंभ में एंबेसडर बाबा भी पहुंचे हैं जिनकी कार 52साल पुरानी है। वे अपनी कार को मां समान समझते हैं। कार ही उनकी दुनिया है और वे उसी में रहते हैं। लोग उन्हें टार्जन बाबा भी कहते हैं। उनका असली नाम महंत राजगिरी है और वे मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
- Image Source : aniमेले में चाय वाले बाबा भी पहुंचे हैं जो पिछले 41 साल से मौन हैं और केवल चाय पीकर ही जीवित हैं। वे छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देते हैं, जो उनके समर्पण और ऊर्जा का उदाहरण है। उनका असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है। वे दिनभर में 10 बार सिर्फ दूध की चाय पीते हैं।
- रुद्राक्ष बाबा की भी महाकुंभ में खूब चर्चा हो रही है। बाबा अपने 11,000 रुद्राक्षों को अपने सिर पर धारण किए हुए हैं। ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 11,000 रुद्राक्षों का वजन 30 किलो से ज़्यादा है।13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में पहुंचे साधुओं का अनोखा संसार भी दिखाई देगा। इसमें अद्वितीय नजारे दिखेंगे। मेले में चाभी वाले बाबा भी होंगे जो 20 किलो की चाबी लेकर चलते हैं। इनका नाम हरिश्चंद्र विश्वकर्मा है जो चाभी वाले बाबा या कबीरा के नाम से चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
- Image Source : aniमहाकुंभ में एंबेसडर बाबा भी पहुंचे हैं जिनकी कार 52साल पुरानी है। वे अपनी कार को मां समान समझते हैं। कार ही उनकी दुनिया है और वे उसी में रहते हैं। लोग उन्हें टार्जन बाबा भी कहते हैं। उनका असली नाम महंत राजगिरी है और वे मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
- Image Source : aniमेले में चाय वाले बाबा भी पहुंचे हैं जो पिछले 41 साल से मौन हैं और केवल चाय पीकर ही जीवित हैं। वे छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देते हैं, जो उनके समर्पण और ऊर्जा का उदाहरण है। उनका असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है। वे दिनभर में 10 बार सिर्फ दूध की चाय पीते हैं।
- Image Source : ANIरुद्राक्ष बाबा की भी महाकुंभ में खूब चर्चा हो रही है। बाबा अपने 11,000 रुद्राक्षों को अपने सिर पर धारण किए हुए हैं। ANI की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 11,000 रुद्राक्षों का वजन 30 किलो से ज़्यादा है।
- Image Source : ANI‘पर्यावरण बाबा’ भी महाकुंभ में आए हैं, जिन्हें सोने के गहनों और पर्यावरण रक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जाना जाता है। उनका असली नाम अरुण गिरी है, और वे अब तक 1 करोड़ से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरी, जिन्हें ‘पर्यावरण बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है
- Image Source : ANIदोनों पैरों से दिव्यांग स्प्लेंडर बाबा 14 दिनों की यात्रा कर गुजरात से प्रयागराज पहुंचे हैं। तो वहीं एक “बवंडर बाबा भी महाकुंभ पहुंचे हैं। ये अनोखे नामों से चर्चा में आए साधुओं ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
- Image Source : ANIमहाकुंभ में छोटू बाबा भी पहुंचे हैं जिनका कद मात्र तीन फीट है। उनका नाम गंगापुरी महाराज है जो असम के कामाख्या पीठ से जुड़े हैं। बाबा की उम्र 57 साल है और उन्होंने 32 साल से स्नान नहीं किया है।
- Image Source : ANIमहाकुंभ में राबड़ी बाबा ने सबका ध्यान खींचा, भक्तों के लिए मुफ्त सेवा से महंत देव गिरि महाराज सुर्खियों में बने हुए हैं। वो महाकुंभ में आने वाले लोगों को रबड़ी बनाकर खिला रहे हैं, इसी वजह से लोग उन्हें रबड़ी वाले बाबा भी कहकर बुलाते हैं।
- Iमहाकुंभ में बाहुबली बाबा भी पहुंचे हैं जो पंजाब के एक साधु हैं जो प्रयागराज में कुंभ मेले में साइकिल चलाकर आए हैं।, रास्ते में उन्होंने पेड़ लगाए और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाई।
- Image Source : ANI‘पर्यावरण बाबा’ भी महाकुंभ में आए हैं, जिन्हें सोने के गहनों और पर्यावरण रक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जाना जाता है। उनका असली नाम अरुण गिरी है, और वे अब तक 1 करोड़ से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। महामंडलेश्वर अवधूत बाबा अरुण गिरी, जिन्हें ‘पर्यावरण बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है
- Image Source : ANIदोनों पैरों से दिव्यांग स्प्लेंडर बाबा 14 दिनों की यात्रा कर गुजरात से प्रयागराज पहुंचे हैं। तो वहीं एक “बवंडर बाबा भी महाकुंभ पहुंचे हैं। ये अनोखे नामों से चर्चा में आए साधुओं ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
- Image Source : ANIमहाकुंभ में छोटू बाबा भी पहुंचे हैं जिनका कद मात्र तीन फीट है। उनका नाम गंगापुरी महाराज है जो असम के कामाख्या पीठ से जुड़े हैं। बाबा की उम्र 57 साल है और उन्होंने 32 साल से स्नान नहीं किया है।
- Image Source : ANIमहाकुंभ में राबड़ी बाबा ने सबका ध्यान खींचा, भक्तों के लिए मुफ्त सेवा से महंत देव गिरि महाराज सुर्खियों में बने हुए हैं। वो महाकुंभ में आने वाले लोगों को रबड़ी बनाकर खिला रहे हैं, इसी वजह से लोग उन्हें रबड़ी वाले बाबा भी कहकर बुलाते हैं।
- Image Source : ANIमहाकुंभ में बाहुबली बाबा भी पहुंचे हैं जो पंजाब के एक साधु हैं जो प्रयागराज में कुंभ मेले में साइकिल चलाकर आए हैं।, रास्ते में उन्होंने पेड़ लगाए और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाई।
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