बिहार के सारण जिले से लोकसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी कोरोना के संकट काल में 50 से अधिक नई एंबुलेंस को सांसद के कार्यालय परिसर में यूंही खड़ा रखने के मामले में फंस गए हैं। जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने शुक्रवार को सारण जिले के अमनौर जाकर सासंद के कार्यालय के अंदर खड़ी दर्जनों एंबुलेंस की तस्वीरें और वीडियो आम लोगों को दिखाए। पप्पू यादव ने बताया कि वहां 100 से अधिक एंबुलेंस ऐसे ही बेकार खड़ी रखी गई हैं, जबकि देश भर में लोग एंबुलेंस की कमी से जान गंवा रहे हैं।
अमनौर सामुदायिक केंद्र के पास खड़ी हैं एंबुलेंस
पूर्व सांसद पप्पू यादव शुक्रवार को अपने काफिले के साथ अचानक अमनौर सामुदायिक केंद्र पहुंच गए। बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के कार्यालय पर चौकीदार समेत अन्य कर्मियों के विरोध के बावजूद पप्पू ने चालकों की कमी से पंचायतों द्वारा लौटाई गईं एम्बुलेंसों की फोटो खींची। इस दौरान पप्पू ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमित एंबुलेंस के बिना जान गंवा रहे हैं और यहां इतनी बड़ी संख्या में वाहन ढंककर रखे गए हैं। पप्पू ने कहा कि मैं सांसद से पूछना चाहता हूं कि ऐसा क्यूं? पप्पू ने कहा कि यहां 100 से अधिक एंबुलेंस खड़ी रखी गई थीं, जिन्हें उनके आने की सूचना के बाद हटा लिया गया है।
भाजपा सांसद ने दिया ये जवाब
मामले को लेकर सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि कोविड मरीजों की सेवा में लगी एम्बुलेंस को पप्पू यादव का अपने समर्थकों के साथ बाधित करना और सेवा में लगे कार्यकर्ताओं से भिड़ना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पप्पू ड्राइवर दें और सभी एम्बुलेंस सारण में चलवाएं। हम नि:शुल्क सभी गाड़ी देने को तैयार हैं। राजीव ने कहा कि पप्पू के किसी भी संदर्भ में ज्ञान नहीं है।
सांसद ने कहा कि पप्पू यादव को यह पता नहीं है कि सारण जिले में कितनी एम्बुलेंस का ग्राम पंचायतों में परिचालन हो रहा है। सांसद ने कहा कि उनको पहले यह पता कर लेना चाहिए था कि सारण में सांसद निधि की कितनी एम्बुलेंस चलाई जा रही है। लच्छी कैतुका के सत्येन्द्र सिंह, सज्जनपुर मटिहान के मुखिया चन्द्रशेखर सिंह, नाथा छपरा मुखिया महेश राय, धरहरा खुर्द मुखिया किरण देवी, झौंवा मुखिया जयशंकर पंडित आदि ऐसे कई मुखिया हैं, जिन्होंने कोविड काल में मरीजों की सेवा कर एक मिसाल कायम की है।