देहरादून
उत्तराखंड में मंगलवार को एक बार फिर बादल फटने की घटना सामने आई। ताजा मामला टिहरी जिले के देवप्रयाग का है। यहां शाम करीब 5 बजे बादल फटने से कई दुकानें तबाह हो गईं। तीन मंजिल ITI की इमारत भी धराशाई हो गई। बादल फटने से सांता नदी में उफान आ गया है। नदी के आसपास की 12-13 दुकानें पानी में बह गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद थी, इसलिए जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
DGP का दावा- 7-8 दुकानों को नुकसान
वहीं डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि टिहरी स्थित देवप्रयाग थाना क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई है। जिसमें 7-8 दुकानों और आईटीआई की बिल्डिंग को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई है। एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और मदद पहुंचा रही हैं।
मुख्यमंत्री रावत ने रिपोर्ट मांगी
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा- अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम स्थल देवप्रयाग में दैवीय आपदा की सूचना है। बताया गया है कि ऊंची पहाड़ी में बादल फटने से देवप्रयाग में कई दुकानें और आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। ईश्वर की कृपा है कि इस प्राकृतिक घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।
सीएम ने कहा- मैंने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने और प्रभावित लोगों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए हैं। आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को फोन कर घटना का जायजा लिया और हर संभव मदद की पेशकश की।
यह तस्वीर चमोली की है। यहां 3 मई को बादल फटने के बाद दुकानों में कीचड़ घुस गया था।
3 और 7 मई को भी फटे थे बादल
मई के महीने में बादल फटने की ये तीसरी घटना है। इससे पहले 3 मई को चमोली और 7 मई को नई टिहरी में बादल फटने की घटना हो चुकी है। तीन मई को चमोली जिले के घाट ब्लॉक में बिनसर पहाड़ी की तलहटी में तीन अलग-अलग जगहोंं पर बादल फटने की घटना हुई थी, जिससे घाट बाजार में तबाही मच गई थी। मलबे में 30 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि 25 दुकानें भी नष्ट हो गई थीं।
इसके बाद 7 मई को नई टिहरी में जाखणीधार ब्लॉक के पिपोला में भी बादल फटने के कारण कई घरों-दुकानों में मलबा घुस गया था। गांव के करीब 16 मकान खतरे की जद में आ गए थे।