भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता में शामिल ग्राम सड़क योजना में भी अफसर सुस्ती नहीं तोड़ सके हैं। इसकी वजह से प्रदेश के सैकड़ों गांवों में इस योजना के तहत काम मानसून आ जाने के बाद भी पूरा नहीं कर सके हैं। इसकी वजह से इन गांवों के निवासियों को गांव से बाहर जाने और आने में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
दरअसल योजना के तहत बारहमासी सड़कों से एकल संपर्क विहीन गांवों को जोड़ने का काम प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया गया था। लेकिन अफसरों की लापरवाही की वजह से तय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी 264 गांवों की सडकें अब भी अधूरी पड़ी हुई हैं। इसकी वजह से अब बारिश में इन गांवों से मुख्य मार्गों तक आना-जाना बेहद कठिन होना तय है। इन आधी अधूरी सड़कों की वजह से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से बेहद नाराज हैं। दरअसल सरकार द्वारा इस योजना के तहत इन सड़कों के निर्माण के लिए इस साल 2021 तक की समय सीमा तय की गई थी। इसके तहत 9 हजार 716 किलोमीटर लंबाई की 8520 सड़कें बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। काम में लेटलतीफी की वजह से अब तक 8173 सड़कें ही बन सकी हैं, जबकि अभी 746 किलोमीटर लंबाई की 264 सड़कें अधूरी पड़ी हुई हैं। यही वजह है कि अब बारिश के बाद भी विभाग के आला अफसरों ने इसके लिए तय सीमा में लक्ष्य हासिल करने के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार की है। इसके तहत जून से सितंबर तक चार माह में 218 किलोमीटर लंबी 98 सड़कें बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इन सड़कों पर 5201 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसमें जून में 28, जुलाई में 16, अगस्त में 11 और सितंबर में 43 सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है।
जारी कर दी गई राशि
सड़कों के निर्माण में बजट कोई रोड़ा नहीं बने इसके लिए अभी से एक दर्जन जिलों को राशि जारी कर दी गई है। जिन जिलों को राशि जारी की गई है उनमें कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग गुना, सीधी, सागर, छिंदवाड़ा , रायसेन, विदिशा, राजगढ़, जबलपुर, सतना, बालाघाट झाबुआ और डिंडौरी शामिल हैं। इन जिलों के सभी कार्यपालन यंत्रियों को कहा गया है कि आवंटित राशि को खर्च कर शीघ्र काम पूरा कराएं।