नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीरी नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर पर बातचीत के कई पहलू सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री परिसीमन जल्द चाहते हैं ताकि चुनाव भी जल्द हों। दूरी मिटाने की बात कही, जिस पर उमर कहते हैं कि ये एक मुलाकात में मुश्किल है। महबूबा कहती हैं कि पाकिस्तान से भी बातचीत शुरू करनी चाहिए।
बैठक में शामिल कुछ और नेताओं से बातचीत की। पीपुल्स अलायंस के संयोजक और प्रवक्ता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि ये बैठक धारा-370 हटाए जाने के पहले बुलाई जाती तो अच्छा रहता। 3 घंटे की मीटिंग में वो ठोस जवाब नहीं मिला, जिसकी हमें उम्मीद थी।
तारिगामी: 370 बिना पूछे हटाना, पूरी तरह गलत
मो. यूसुफ तारिगामी ने कहा कि हमें अपनी बात रखने का पूरा मौका मिला। प्रधानमंत्री ने हमारी बातों को ध्यान से सुना और भरोसा दिया कि इन पर अमल किया जाएगा। पर, 3 घंटे चली इस बैठक में हमें ठोस जवाब नहीं मिला है, जैसी कि हमें उम्मीद थी। हम कानून के दायरे में रहकर हक मांगते हैं। हम जेल में बंद लोगों की रिहाई मांगते हैं, वे बहुत तकलीफ में हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी ने प्रधानमंत्री से कहा कि कश्मीर में जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। अनुच्छेद 370 और 35-A हमसे पूछे बिना हटाए गए, ये पूरी तरह गलत है। जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, इससे भी अवाम में नाराजगी है।
हम सभी मुल्क के साथ रहना चाहते हैं और यहां सवाल हिंदू या मुस्लिम का नहीं है। हमने प्रधानमंत्री से कहा है कि इस नाराजगी को जल्द दूर किया जाना चाहिए। ये भी कहा कि ये बैठक अनुच्छेद-370 हटाने से पहले बुलाई, हमें इस फैसले की जानकारी दी जाती तो नतीजे बेहतर होते।
रविंदर रैना: पूर्ण राज्य के दर्जे पर मोदीजी ने भरोसा दिया
जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि मोदीजी ने सभी की बात सुनी है। यह भरोसा दिया है कि जम्मू-कश्मीर की भलाई के लिए कदम उठाए जाएंगे। केंद्र की सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए बेहद गंभीर है। युवाओं को रोजगार के साथ अन्य मुद्दों पर भी केंद्र गंभीरता से विचार कर रहा है।
तमाम मुद्दों पर बात हुई है चाहे वो धारा 370 हो या चुनाव की, सभी की बातों को शांतिपूर्ण ढंग से सुना गया है। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही गई है और विधानसभा चुनाव को लेकर सभी नेताओं से राय मांगी गई है।
- निर्मल सिंह: मोदीजी ने सभी नेताओं की बात ध्यान से सुनी
- भाजपा नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी CM निर्मल सिंह ने कहा कि बैठक लंबी चली, सभी नेताओं की बात को ध्यान से सुना गया है। मोदीजी की यही सोच है सभी दलों को मिलकर जम्मू-कश्मीर की भलाई के लिए काम करना है। सभी नेताओं के सुझाव भी सुने गए हैं। कश्मीर में शांति और जल्द से जल्द चुनावों को लेकर अहम चर्चा हुई है।सज्जाद लोन: यह पहली बातचीत है, आखिरी नहीं
- पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के संस्थापक सज्जाद लोन ने कहा कि मीटिंग में सभी ने खुलकर बोला। ये अच्छा नहीं रहेगा कि आपको मैं किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बताऊं कि किसने इस मीटिंग में क्या बोला। मैं इतना ही कहूंगा कि बातचीत का दौर शुरू हुआ है और इससे साथ बैठकर हल निकलेगा, क्योंकि यह पहली बातचीत थी, आखिरी नहीं। इसके बाद भी बातचीत होंगी।
लोन ने कहा कि मैं गुपकार के नेताओं पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। कश्मीर के अवाम की समस्याएं खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखी गई हैं। गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा को भी बताया गया। ये समस्याएं कब तक हल होती हैं, ये तो आने वाले वक्त में ही देखा जाएगा। बैठक में पाकिस्तान का नाम लिया गया, ये मैंने नहीं सुना। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा अभी मिल जाना चाहिए। वह हमारा हक है।