ऐसे अनेक स्टूडेंट हैं जिन पर एलन, रेजोनेंस, नारायना, आकाश जैसे मशहूर कोचिंग सेंटरों ने अपना होने का दावा किया है। मजे की बात तो यह है कि एक ही अखबार में एक ही दिन विज्ञापन देकर ऐसे दावे किए गए हैं।
एस पी मित्तल अजमेर
19 अक्टूबर को देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर मेें एलन, नारायना और रेजीनेेंस कोचिंग सेंटरों के बड़े बड़्े विज्ञापन प्रकाशित हुए हैं। इन विज्ञापनों में जेईई एडवांस के उन स्टूडेंट की फोटो और रोल नंबर छापे गए हैं, जिन्होंने रिजल्ट की मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त किया है। सब जानते हैं कि जयपुर के मृदुल अग्रवाल ने जेईई एडवांस की परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कोटा के मशहूर कोचिंग इंस्टीट्यूट एलन के विज्ञापन में दावा किया गया कि मृदुल अग्रवाल हमारे ही संस्थन का स्टूडेंट हैं। इसी प्रकार का दावा जयपुर के नारायना एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट के विज्ञापन में किया गया है। फर्क इतना ही है कि इंस्टीट्यूट के विज्ञापन में मृदुल ने नारायना वाला स्टाइलिश कोट पहन रखा है। एलन की ओर से दावा किया गया कि मृदुल ने कोटा में रह कर क्लास रूम में स्टडी की, जबकि नारायना की ओर से दावा किया गया कि मृदुल ने हमारे संस्थान से ऑनलाइन पढ़ाई कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में अन्य कोचिंग सेंटर भी अपनी टी शर्ट और कोट पहना कर मृदुल पर दावा करें। कौन सा विज्ञापन सच है और कौन सा कोचिंग सेंटर झूठ बोल रहा है, पर मृदुल अग्रवाल ही बता सकते हैं। या फिर अब मृदुल अग्रवाल कोचिंग सेंटरों के ब्रांड एम्बेसडर बन कर प्रचार प्रसार कर रहे है। एलन और नारायना ने सिर्फ मृदुल पर ही दावा नहीं किया, बल्कि अर्नब आदित्य सिंह (रेंक 9), एमिया देशमुख (रैंक 14), रशित श्रीवास्तव (रैंक 25), गुरमित सिंह (रैंक 26), प्रियांश यादव (रेंक 37), दिव्यांश सिंघल (रेंक 48), धूर्म अहलावत (रेंक 82), दिनेश झालानी (रेंक 97), रजत गोलछा (रैंक 100) आदि पर भी दावा किया है। इसी प्रकार रेजीनेंस कोचिंग सेंटर के विज्ञापन में आकन सरकार (रैंक 67) व प्रेमांकर चक्रवर्ती (रैंक 54) पर अपना स्टूडेंट होने का दावा किया है, जबकि इन दोनों स्टूडेंट के फोटो एलन ने भी अपने विज्ञापन में दिखाए हैं। राजस्थान पत्रिका में प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित आकाश कोचिंग सेंटर के विज्ञापन में हार्दिक गर्ग (रैंक 89) पर दावा किया है, जबकि हार्दिक का फोटो एलन के विज्ञापन में भी हैं। असल में उच्च शिक्षा अब एक बड़ा कारोबार हो गया है। इस धंधे में कोई भी कोचिंग सेंटर पीछे नहीं रहना चाहता है। यही वजह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल रहने वाले स्टूडेंट्स को अपनी अपनी यूनिफॉर्म पहनाकर विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं। ताकि अन्य स्टूडेंटों को आकर्षित किया जा सके। यदि एक सफल स्टूडेंट पर तीन तीन कोचिंग सेंटर दावा करेंगे तो अखबारों में छपने वाले विज्ञापनों की सत्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अभिभावकों को चाहिए कि कोचिंग सेंटरों की सत्यता को जांचने के बाद ही निर्णय लें। ऐसे बहुत से स्टूडेंट हैं जो घर परही नियमित पढ़ाई कर परीक्षा में सफल होते हैं।