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ताक पर हाईकोर्ट का आदेश,!पंचायत सचिव पर जिला पंचायत सीईओ की जबरजस्त मेहरवानी

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स्थानांतरण के तीन माह बीत जाने के बाद भी नहीं छोड़ी ग्राम पंचायत!*
छतरपुरन्यायालय के अवमानना के मामलों का उल्लंघन करते अफसरों को बहुतायत देखा गया है, परन्तु निचले पायदान का कर्मचारी जब उच्च न्यायालय के आदेशों को ताक पर रखकर मनमानी कर रहा हो तो यह मामला गंभीर हो जाता है। न्याय पालिका की गरिमा को बनाए रखना सरकारों व अफसरों की वैधानिक व नैतिक जिम्मेवारी है। अधिकारियों के द्वारा आर्थिक लाभ के चलते न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंचाना अधिकारियों की आदत बन चुकी है। हाईकोर्ट की अवमानना का ऐसा ही एक मामला छतरपुर जिले में देखा जा रहा है, जिले में अधिकारियों के द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे है। ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मामले सचिव व सरपंचों के द्वारा रोजाना निकलकर सामने आ रहे है। बकस्वाहा जनपद की ग्राम पंचायत किशनपुरा के सचिव राममिलन वासुदेव का ट्रांसफर चार माह पहले जिला सीईओ के द्वारा ग्राम पंचायत जसगुवां जनपद पंचायत बिजावर कर दिया गया था। उक्त ट्रांसफर के खिलाफ सचिव ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट के द्वारा जिला सीईओ को वैधानिक कार्यवाही का आदेश दिया गया। जिला सीईओ ने उक्त सचिव का ट्रांसफर यथावत रखा चार माह बीत जाने के बाद भी सचिव राममिलन वासुदेव ने बिजावर जनपद कि ग्राम पंचायत जसगुवां में ज्वाइनिंग नहीं ली और मनमर्जी से पुन: बकस्वाहा जनपद में ही चाचीसेमरा ग्राम पंचायत में हाल ही के दिनों मेंं ट्रांसफर करवा लिया। आखिर चार माह बीत जाने के बाद भी जिला पंचायत सीईओ के द्वारा उक्त सचिव के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि जिला पंचायत सीईओ का सचिव को संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए सचिव के द्वारा मनमानी की गई।
यह है मामला-
मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग वर्ष 2021-22 की स्थानांतरण नीति का हवाला देते हुए जिला पंचायत सीईओ के द्वारा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत ग्राम पंचायत किशनपुरा जनपद बकस्वाहा के सचिव का स्थानांतरण ग्राम पंचायत जसगुवांखुर्द जनपद पंचायत बिजावर किया गया। उक्त स्थानांतरण आदेश के विरूद्ध आवेदक राममिलन वासुदेव सचिव ग्राम पंचायत किशनपुरा जनपद पंचायत बकस्वाहा हाईकोर्ट चला गया। उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक डब्ल्यू/पी नं. 17363/2021 को सुना गया तथा न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 09/09/2021 के अनुसार अपीलार्थी सात दिवस के अंदर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर के समक्ष पारित आदेश की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करेगा एवं 30 दिवस के अंदर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर विधि अनुसार आदेश पारित करेंगे। उक्त न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में अपीलार्थी राममिलन वासुदेव सचिव ग्राम पंचायत किशनपुरा जनपद पंचायत बकस्वाहा को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 4619 दिनांक 06/10/2021 के द्वारा समक्ष में निांक 13/10/2021 को सुना गया। अभिलेखों का परिक्षण अवलोकन उपरांत प्रस्तुत आवेदन समाधानकारक नहीं होने पर जिला सीईओ के द्वारा निरस्त किया गया तथा 31 अगस्त 2021 के द्वारा किया गया स्थानांतरण आदेश यथावत रखा गया। उक्त जिला पंचायत सीईओ के आदेशों को दरकिनार करते हुए मनमानी करते हुए ट्रांसफर के चार माह बाद बीत जाने के बाद भी उसी पंचायत में पदस्थ है और हाल ही के दिनों में मनमर्जी के मुताबिक बकस्वाहा जनपद में ही चाचीसेमरा ग्राम पंचायत में ही ट्रांसफर करवा लिया है।

इनका कहना है
मेरे संज्ञान में यह मामला अभी नहीं आया है, आपके द्वारा यह जानकारी प्राप्त हो रही है। मैं उक्त मामले को गंभीरता से दिखवाता हूं।

मुकेश शुक्ला
कमिश्रर, सागर

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