उज्जैन
कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री और उज्जैन प्रभारी मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा इन दिनों विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं।
सवाल: बंगाल चुनाव में कांग्रेस खुद को कहां खड़ा देखती है?
जवाब: छोड़ो। उसकी अभी क्या बात करें। कमजोर है।
सवाल: कितनी सीट जीतने की उम्मीद है?
जवाब: कई क्षेत्र हैं, जहां सामाजिक स्थिति के नाते हम मजबूत हैं।
सवाल: बंगाल चुनाव में ओवैसी कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचाएंगे?
जवाब: ओवैसी वोटकटवा राजनीति करते हैं। कांग्रेस के वोट में सेंध लगाने के लिए भाजपा और आरएसएस ओवैसी का उपयोग कर रही है। भाजपा से पैसे लेकर राजनीति करते हैं ओवैसी।
सवाल: आप मानते हैं कि भाजपा इस बार बंगाल में ममता का सफाया कर देगी?
जवाब: मैं तो बंगाल जाता रहता हूं। आप देखना। चुनाव रिजल्ट के बाद कैलाश और उनके आका ममता के चरणों में गिरकर कहेंगे कि दीदी आप ही मुख्यमंत्री बनो।
सवाल: अपने प्रजनन वाले बयान से कितना सहमत हैं?
जवाब: मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। भाजपा ने मेरा एक शब्द पकड़ लिया। बताइए। जब हम अपनी बेटियों का विवाह 18 वर्ष में करते आ रहे हैं, तो 21 साल क्यों करना चाहते हैं शिवराज भइया। उस गरीब माता-पिता के दिल पर क्या गुजरती है, जो यह सोचते हैं कि उनकी बेटी जल्दी से 18 की हो और वो उसके हाथ पीले करें। मेरे मुंह से एक शब्द गलत निकल गया, लेकिन मेरी भावना गलत नहीं थी।
सवाल: प्रजनन वाले बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ये सज्जन सिंह के माता-पिता के संस्कार हैं, क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: मैंने चैलेंज दिया। अच्छे व्यक्ति को कभी माता-पिता की बात नहीं करना चाहिए। लड़ना हो तो हम छाती खोलकर खड़े हैं, आ जाओ लड़ लें। जिस विषय पर चाहें, शास्त्रार्थ कर लें।
सवाल: लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के पीछे शिवराज सिंह की क्या मंशा हो सकती है?
जवाब: पिछले 15 साल से मुख्यमंत्री रहे हैं श्रीमान शिवराज जी। लाडली लक्ष्मी योजना चलाई। जो पत्र दिए थे, वो परिपक्व होने वाले हैं। डेढ़-डेढ़ लाख सब बच्चियों को देने पड़ेंगे। योजना के नाम राजनीति करते रहे। कन्यादान योजना में भी सबको 30-35 हजार रुपए देने होंगे। अब पैसा देना नहीं चाहते, इसलिए शादी की उम्र 21 साल की पैरवी कर रहे हैं। बड़ा खतरनाक खेल है।
सवाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस का किसान आंदोलन को लेकर क्या स्टैंड है?
जवाब: किसान देश के अन्नदाता हैं। कांग्रेस हमेशा किसानों के हित में खड़ी रही है। आज उज्जैन में किसान रैली है। कल रतलाम में है। परसों मुरैना बॉर्डर पर किसान खाट पंचायत करेंगे। वहां से दिल्ली कूच करेंगे। भोपाल में 23 जनवरी को विशाल किसान रैली होगी। राजभवन घेरेंगे।
सवाल: क्या दिल्ली तक आप पहुंच पाएंगे?
जवाब: जाने तो नहीं देंगे, लेकिन जहां तक जा पाएंगे, जाएंगे।