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क्या भाजपा के विधानसभा घेराव का राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर कोई असर पड़ेगा?

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एस पी मित्तल, अजमेर

रीट परीक्षा घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर 15 फरवरी को जयपुर में भाजपा के प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा का घेराव किया। घेराव को सफल बनाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह जयपुर आए। विधानसभा घेराव के लिए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश भर से भाजपा कार्यकर्ताओं को जयुपर बुलाया। भीड़ को देखते हुए पूनिया भी गदगद नजर आए। विधानसभा पहुंचने से पहले भाजपा नेताओं ने रैली को संबोधित भी किया। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र आउट करने में कांग्रेस सरकार के मंत्री भी शामिल है। इसलिए घोटाले की जांच सीबीआई से करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह युवाओं के भविष्य का सवाल है, जिस पर भाजपा कोई समझौता नहीं करेगी। जब तक सीबीआई से जांच का प्रस्ताव राज्य सरकार केंद्र को नहीं भेजेगी तब तक भाजपा के कार्यकर्ता आंदोलन करते रहेंगे। भाजपा नेताओं ने कहा कि रीट परीक्षा आयोजित करने वाले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारोली का कहना है कि प्रश्न पत्र राजनेताओं के संरक्षण की वजह से आउट हुआ है। जारोली के इस बयान से जाहिर है कि कांग्रेस सरकार में बैठे प्रभावशाली व्यक्तियों ने ही प्रश्न पत्र आउट करवाया है। 15 फरवरी के प्रदर्शन में भाजपा के सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सवाल उठता है कि भाजपा ने जो इतना बड़ा महाप्रदर्शन किया क्या उसका असर कांग्रेस सरकार पर पड़ेगा? जानकार सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सरकार किसी भी स्थिति में रीट घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए तैयार नहीं होगी। यदि सीबीआई जांच करती है तो जांच के दायरे में गहलोत सरकार के दो-तीन मंत्री भी आ जाएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कभी नहीं चाहेंगे कि सीबीआई के अधिकारी उनके मंत्रियों से पूछताछ करें। सीएम गहलोत तो पहले ही सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी आदि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा चुके हैं। गहलोत को तो सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता पर भी भरोसा नहीं है। यानी जिन जांच एजेंसियों को गहलोत पूर्वाग्राही मानते हैं उनसे रीट पेपर घोटाले की जांच करवाने का सवाल ही नहीं उठता।

प्राइवेट स्कूलों में रखे प्रश्न पत्र:
वहीं 15 फरवरी को विधानसभा में कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि आज भाजपा के विधायक और नेता आरोप लगा रहे हैं कि रीट 2021 परीक्षा के प्रश्न पत्र जयपुर के शिक्षा संकुल में जानबूझ कर रखवाए गए। धारीवाल ने कहा कि जब किसी जिले की सरकारी ट्रेजरी में प्रश्न पत्र नहीं रखवाए जाते हैं, तब जिला कलेक्टर की सिफारिश पर अन्य स्थानों पर प्रश्न पत्र रखवाए जाते हैं। 26 सितंबर को हुई रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र जयपुर के शिक्षा संकुल में रखे जाए इसकी सिफारिश जयपुर के कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने की थी। यह पहला मौका नहीं था जब रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र अन्यत्र रखे गए। इससे पहले भाजपा शासन में हुई रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र पांच स्थानों पर प्राइवेट स्कूलों में रखवाए गए। भाजपा के नेता अपनी सरकार के मामलों को तो उजागर नहीं कर रहे, लेकिन शिक्षा संकुल में प्रश्न पत्रों को रखने को लेकर राजनीतिक विवाद कर रहे हैं। धारीवाल ने कहा कि घोटालों की जांच पर सरकार का पक्ष भाजपा के विधायक सुनना नहीं चाहते हैं। सरकार जब भी अपनी पक्ष रखती है तब भाजपा के विधायक सदन का बहिष्कार कर भाग जाते हैं। धारीवाल ने कहा कि सरकार ने घोटाले की जांच एसओजी से करवाई है। एसओजी ने ही रीट पेपर बेचने का मामला उजागर किया। एसओजी की कार्यशैली की प्रशंसा भाजपा के नेताओं ने भी की है।

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