मेरठ डिवीजन के बाग़पत में सड़क पर लड़की का क़त्ल : तमाशबीन बने रहे इंसान (सैतान)*
~मीना राजपूत
_उत्तर प्रदेश के बाग़पत में गत दिवस 21 साल की दीपा की हत्या दिनदहाड़े एक भीड़भाड़ वाले इलाक़े में कर दी गई. भीड़ तमाशबीन बनी रही, वीडियो बनाती रही._
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अभियुक्त बीच सड़क पर महिला को चाकू घोंपता रहा और लोग तमाशबीन बने रहे.
_दीपा के साथ मौजूद उसकी आठ वर्षीय भतीजी नंदनी भी ये सब देखकर चीख़ती-चिल्लाती रही, लेकिन कोई मदद को नहीं आया._
बाग़पत के एसपी नीरज कुमार ने बताया : “रिंकू ने थाने पर आकर हत्या की बात स्वीकार कर ली है. घटना में इस्तेमाल किया गया चाक़ू भी बरामद कर लिया गया है. इसके अलावा कैमरा फुटेज़ की भी जांच चल रही है ताकि ये पता चल सके कि रिंकू अकेला था या फिर उसके साथ कोई और भी था. किसी और का नाम सामने आया तो उसकी गिरफ़्तारी भी की जाएगी. रिंकू को जेल भेजा गया है.”
दीपा के घर में उनकी मां मूर्ति देवी हैं जो लकवाग्रस्त होने के कारण चारपाई पर पड़ी हैं. वो हर आने जाने वाले से अपनी बेटी के हत्यारे को फांसी देने की बात कह रही हैं.
(हाल ही में गुजरात के सूरत में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था. उन्नाव की मां जो अपनी बेटी को दिसंबर से ही ढूंढ रही थी, दो महीने बाद मिली लाश.)
घटना वाले दिन क्या हुआ?
बाग़पत शहर कोतवाली की एक संकरी गली में नैन सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं. वह हिंदू धोबी हैं. लेकिन उनकी गली में मिश्रित जात-बिरादरी के लोग रहते हैं.
नैन सिंह एक इंटर कॉलेज से रिटायर्ड क्लर्क हैं. उनकी पत्नी मूर्ति देवी को क़रीब साल भर पहले लकवा हुआ था. वह अब सिर्फ़ चारपाई पर ही लेटी रहती हैं. नैन सिंह के अब 6 बेटियां बची हैं, सभी का विवाह हो चुका है. नैन सिंह की सातवीं बेटी दीपा इन सभी से छोटी थीं.
उनकी नातिन नंदिनी (जो घटना वाले दिन दीपा के साथ थी) और किशोर उम्र के नाती रोहित उनके साथ रहते हैं. घटना वाले दिन के बारे में दीपा की बड़ी बहन सीमा बताया, “मेरी बहन बाग़पत के एसपी डिग्री कॉलेज से बीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी. घर के हालात ज़्यादा अच्छे नहीं हैं. दीपा परिवार का सहारा बनना चाहती थी.”
“वह टीचर बनना चाहती थी और गुरुवार सुबह क़रीब साढ़े 11 बजे वह जॉब अप्लाई करने के लिए घर से निकली थी. उस लड़के ने मेरी बहन का हाथ पकड़ा, उसके साथ ज़बरदस्ती की, इसके बाद उसने उसकी गर्दन पर चाकू मारा. बड़ी बहन की बेटी उसके साथ थी.
वह चीखती-चिल्लाती रही. फिर वह घर आकर बोली कि दीपा को चाकू मार दिया. जब घरवाले वहां पहुंचे तो दीपा बुरी तरह घायल थी. रिंकू ने जब थाना कोतवाली में जाकर सरेंडर किया, तब पुलिस आई और दीपा को अस्पताल ले गई, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई. कोई उसे बचाने नहीं आया.”
दूसरी बहन कविता कहती हैं, “ये घटना हमारे घर से क़रीब 500 मीटर की दूरी पर हुई. आरोपी रिंकू ने हमारी बहन को छेड़ा भी था. वह धमकी देकर भी गया था कि ‘मुझसे बात नहीं की तो तुझे मार दूंगा’.”
चेतना मिशन क़ी टीम ने जानना चाहा कि जब रिंकू कश्यप ने पहले धमकी दी थी, तो क्या परिवार ने पुलिस में इसकी शिक़ायत की थी. कविता ने कहा, “दीपा ने डायल 112 पर कॉल किया था. पुलिस वाले आए थे और सुरक्षा का आश्वासन भी दिया था, लेकिन मेरी बहन की जान चली गई.”
दीपा के पिता नैन सिंह कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि दीपा के हत्यारों को फांसी हो. रिंकू की मां और परिवार के कुछ लोग उसका रिश्ता लेकर भी हमारे घर आए थे, लेकिन हमने कह दिया था कि आपकी और हमारी बिरादरी अलग है. हम यह रिश्ता नहीं करना चाहते थे. अब हमें इंसाफ़ चाहिए.”
दीपा की बहन सीमा कहती हैं, “रिंकू के परिवार में चार भाई-बहन हैं. दो बहन और दो भाई हैं.”
छोटी बच्ची के सामने मौसी की हत्या
घटना वाले दिन क़रीब आठ साल की नंदनी अपनी मौसी दीपा के साथ थी. घटना के बाद से वो दीपा की तस्वीर हाथ में लिए लगातार रो रही है. दहशत का असर ऐसा है कि लोगों के बार-बार समझाने पर भी वो चुप नहीं हो रही और बार-बार घटना के बारे में बताए जा रही है. घर में वह सबसे छोटी हैं. वो कहती है, “मेरे सामने बहन को मारा. उसने हाथ में चाकू ले रखा था और उसे सड़क पर गिराकर मार दिया.”
दीपा का गला भी काटा गया :
दीपा को घायल अवस्था में बाग़पत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया. वहां मौजूद चिकित्सक विभाष राजपूत ने बताया, “जो मेन इंजरी हुई है वो गले पर है. लड़की के गले पर चाकू से कटे के कई निशान थे. हालांकि सर धड़ से अलग तो नहीं था, लेकिन घाव काफी गहरे थे. उसे बचाया नहीं जा सका. पब्लिक विरोध करती तो ऐसा नहीं होता. बेटी बच जाती.”
(चेतना विकास मिशन)