महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के पांचवे दिन शिवसेना कार्यकर्ताओं ने एकनाथ शिंदे के बेटे व कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे के दफ्तर पर तोड़फोड़ की है। ठाणे के उल्हासनगर इलाके के दफ्तर में शिवसैनिकों ने पत्थर फेंके हैं। इसके अलावा शिंदे गुट के विधायक तानाजी सावंत के पुणे स्थित घर और दफ्तर पर भी तोड़फोड़ की गई है।
इधर, डिप्टी स्पीकर ने एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को नोटिस जारी कर 27 जून तक जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि क्यों न आपकी सदस्यता रद्द कर दी जाए? दरअसल, शिवसेना ने 16 बागी विधायकों के सदस्यता रद्द करने की अर्जी शुक्रवार को डिप्टी स्पीकर को दी थी।
सुलगते बम पर बैठे हैं बागी विधायक : उद्धव
शिवसेना की हाईलेवल मीटिंग में उद्धव ने शिंदे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा- शिंदे पहले नाथ थे, लेकिन अब दास हो गए हैं। उद्धव ने आगे कहा कि सुलगते बम पर बागी बैठे हुए हैं। बालासाहब का नाम लेकर कोई पॉलिटिक्स नहीं कर पाएंगे। मीटिंग के बाद संजय राउत ने कहा- वोट मांगना हो तो अपने बाप के नाम से मांगो, शिवसेना के बाप के नाम का इस्तेमाल मत करो। उद्धव की मीटिंग में 6 प्रस्ताव पास किया गया।
- शिवसेना बालासाहब की है और रहेगी और किसी को भी बालासाहब के नाम का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।
- बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे से शिवसेना संगठन में से नेता का पद छीन लिया जाए।
- बागी विधायको पर कारवाई करने का अधिकार शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे को दिया गया है।
- मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे शिवसेना और आक्रमक रवैया अपनाएगी।
- कोरोना काल में उद्धव ठाकरे किए काम और धारावी मॉडल की सराहना को लेकर धन्यवाद पेश किया गया।
- मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में फिर से शिवसेना की जीत का संकल्प लिया गया।
शिवसेना की बैठक में 5-6 प्रस्ताव पास किए गए हैं। शिवसेना शिंदे गुट के खिलाफ चुनाव आयोग जाएगी।
शिंदे ने जारी की 38 विधायकों की सूची
गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में विधायकों की बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने 38 विधायकों की सूची जारी की है। इससे पहले, शिंदे ने 23 जून को 34 शिवसेना विधायकों की सूची जारी की थी। महाराष्ट्र में सरकार गिराने के लिए शिंदे को सिर्फ 37 शिवसेना के विधायकों की जरूरत है।
तस्वीर गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल की है, जहां शिवसेना के 38 विधायकों के साथ करीब 14 निर्दलीय विधायक ठहरे हुए हैं।
सियासी संकट के 5 बड़े अपडेट्स…
- राज्य में लगातार हो रही हिंसा के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा है कि विधायकों की सुरक्षा हटा ली गई है, अगर उनके परिवार को कुछ हुआ, तो उसके लिए उद्धव और आदित्य जिम्मेदार होंगे।
- शिंदे के करीबी दीपक केसकर ने बताया कि गुवाहाटी में बागी विधायकों ने शिवसेना बालासाहब ठाकरे नाम से नए गुट बनाने की घोषणा की है।
- पुणे में हिंसा को देखते हुए मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है। मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिसकर्मी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करेंगे।
- भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस भी सहयोगी दलों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति तय करने वाले हैं। फडणवीस से केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मुलाकात की है।
- एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में हिंसा और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए 30 जून तक कानून-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। क्षेत्र में लाठी, हथियार, पोस्टर जलाना, पुतला जलाने पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान नारे लगाने या स्पीकर पर गाने बजाने की भी अनुमति नहीं होगी।
तानाजी सावंत के घर पर हिंसा के बाद एकनाथ शिंदे के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शिंदे बागी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं।
घमासान के बीच 2 बड़े बयान…
1. संजय राउत बोले- शिवसेना आग है, आग से मत खेलो। हम चुप हैं, इसका मतलब नामर्द नहीं हैं। शिवसैनिक भड़के, तो सब कुछ जल जाएगा। जनता में आक्रोश है और गुवाहाटी में बैठे लोगों को यह नहीं दिख रहा है।
2. एकनाथ शिंदे बोले- विधायकों की सुरक्षा हटा ली गई है। अगर उनके परिवार वालों को कुछ हुआ तो उद्धव ठाकरे, शरद पवार, संजय राउत और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे।
उद्धव का बयान- शिंदे ने नहीं मानी मेरी बात
उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार शाम शरद पवार के साथ दो घंटे मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने शिवसेना के नगरसेवकों को संबोधित किया। ठाकरे ने कहा कि कुछ दिन पहले जब मुझे बगावत का शक हुआ तो मैंने एकनाथ शिंदे को फोन किया और कहा कि शिवसेना को आगे ले जाने का अपना कर्तव्य निभाओ, ऐसा करना सही नहीं है।
उन्होंने मुझसे कहा कि NCP-कांग्रेस हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है और विधायक चाहते हैं कि हम BJP के साथ जाएं। मैंने उनसे कहा था कि जो विधायक ऐसा करना चाहते हैं उन्हें मेरे पास लाओ। भाजपा, जिसने हमारी पार्टी, मेरे परिवार को बदनाम किया है, वही है जिसके साथ जाने की आप बात कर रहे हैं। ऐसा सवाल ही नहीं उठता। विधायक अगर वहां जाना चाहते हैं तो वे सभी जा सकते हैं। मैं नहीं रोकूंगा। अगर कोई जाना चाहता है, चाहे वह विधायक हो या कोई और। आओ और हमें बताओ और फिर जाओ।