लड़-झगड़कर बेटी गई पब…देर रात लौटी घर…छलका पिता का दर्द…
इंदौर।
पियानो प्रोजेक्ट पब में पार्टी के खुलासे के बाद शनिवार देर रात पुलिस और आबकारी विभाग का अमला पबों की जांच के लिए मैदान में उतरा। इस दौरान अफसर पीछे के रास्ते राग द बिस्ट्रो (आरई) क्लब में पहुंचे तो दंग रह गए। करीब 300 युवा क्लब में मौजूद थे, जो नशे में झूमते मिले। अफसरों ने नशाखोरी कर रहे रईसजादों को घर का रास्ता दिखाया। साथ ही क्लब के मैनेजर व अन्य पर कार्रवाई की।
खुलासा फर्स्ट शहर के पबों में होने वाली पार्टी और उसमें होने वाली नशाखोरी के खिलाफ लगातार मुहिम चलाता आ रहा है। कल भी खुलासा फर्स्ट ने विजय नगर थाना क्षेत्र के अपोलो प्रीमियर स्थित पियानो प्रोजेक्ट पब में नाबालिग बच्चों की टेक्नो पार्टी का खुलासा किया था। इस पार्टी की जानकारी एक नाबालिग बच्ची के पिता ने ही खुलासा फर्स्ट को दी थी।
इस पिता ने अपना दर्द बयान करते हुए बताया कि वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी इस तरह की पार्टी में जाए, लेकिन वह लड़-झगड़कर इस पार्टी में गई और रात लगभग 11 बजे वापस आई। पार्टी के आयोजक बच्चों को नशे के दलदल में धकेल रहे हैं। इन पर कार्रवाई की जाना चाहिए। वहीं कल शहर आए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने भी एक कार्यक्रम में नशाखोरी को लेकर अपना दर्द बयान किया। उन्होंने कहा कि नशे ने बेटे को मुझसे छीना है। उसकी चिता को अग्नि देने के दौरान ही मैंने संकल्प लिया था मैं एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाकर नई पीढ़ी को नशे से रोकने का प्रयास करूंगा। इंदौर ने स्वच्छता में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। वह नशामुक्त शहर भी बने, इसलिए हम सभी संकल्प लें।
पियानो प्रोजेक्ट में पुलिस टीम पहुंचने पर नाबालिग बच्चों को भेज दिया था रेस्टोरेंट
पुलिस और आबकारी टीम खाली हाथ लौटी
शुक्रवार रात विजय नगर थाना क्षेत्र के अपोलो प्रीमियर स्थित पियानो प्रोजेक्ट पब में नाबालिग बच्चों की टेक्नो पार्टी का आयोजन किया गया। इस पार्टी के फोटो और वीडियो खुलासा फर्स्ट के हाथ लगे हैं, जिसमें नाबालिग छात्र-छात्राएं नशा कर डिस्को थेक पर थिरकते नजर आ रहे हैं। आबकारी विभाग ने 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को पब में एंट्री नहीं देने का नियम बनाया है, लेकिन पियानो प्रोजेक्ट पब के संचालकों ने आबकारी विभाग के आदेश को हवा में उड़ा दिया। स्कूल के बच्चों को आईडी चेक किए बिना ही एंट्री दे दी गई। मामले की सूचना आबकारी विभाग और पुलिस को मिलने के बाद जब टीम पियानो प्रोजेक्ट पब पर जांच करने पहुंची, उस समय पब मैनेजर ने सभी नाबालिग बच्चों को पब एरिया से हटाकर रेस्टोरेंट में भेज दिया, जैसे ही टीम वहां से निकली, एक बार फिर इन बच्चों को पब एरिया में एंट्री दे दी गई। दरअसल संचालकों को सीसीटीवी कैमरा की मदद से पुलिस और आबकारी विभाग के बिल्डिंग में आने की जानकारी लग गई थी, जिसके बाद एहतियात के तौर पर उन्होंने यह कदम उठाया था, जिसमें वो कामयाब भी रहे। पुलिस और आबकारी की टीम ने कुछ लोगों के आईडी भी चेक किए, लेकिन उन्हें कोई नाबालिग नहीं मिला। बताया जा रहा है कि इस तरह की पार्टियों के लिए कई फर्जी आईडी कार्ड का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह भी जानकारी सामने आई है कि नाबालिग बच्चों की इस पार्टी में प्रति व्यक्ति 4000 रुपए लिए गए। इसी आधार पर उनके लिए टेबलें बुक की गई, टेबलें किसी और के नाम से बुक की गई थी, लेकिन वो टेबलें इन बच्चों को दी गई। सूत्रों के मुताबिक बच्चों को शराब और सिगरेट के अलावा अन्य नशे भी इस पार्टी में परोसे गए।
इस पार्टी का आयोजन तनिष्क अग्निहोत्री और मोहित खटवानी द्वारा किया गया था। ये दोनों शहर के नामी स्कूल से पास आउट है। फिलहाल दोनों कॉलेज में फर्स्ट या सेकंड ईयर के स्टूडेंट हैं। बताया जा रहा है कि ये दोनों भी अभी 21 साल के नहीं हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद पार्टियों का आयोजन कर रहे हैं। अपने स्कूल के जूनियर छात्रों से ये दोनों संपर्क में हैं और उन्हीं जूनियर छात्रों को अब नशे के दलदल में धकेलने का काम कर रहे हैं। बड़े स्कूल में पढ़ने वाले रईसों के बच्चे इनके टारगेट पर है। विशेष तौर पर लड़कियों को अधिक टारगेट किया जा रहा है, हालात ये हो चुके हैं कि लड़कियां इन पार्टियों में जाने के लिए अपने परिजनों से झगड़ने से भी पीछे नहीं हट रही हैं। तनिष्क अग्निहोत्री और मोहित खटवानी नाबालिग बच्चों की पार्टी का आयोजन करने के लिए पूरा पब बुक कर लेते हैं। अपने गेस्ट की लिस्ट वो पहले ही पब मैनेजर तक पहुंचा देते हैं। उन्हीं लोगों को पब में एंट्री दी जाती है, अन्य व्यक्ति यदि पब जाता है तो उन्हें एंट्री नहीं दी जाती। इनके जो गेस्ट पब में आते हैं, उनका आईडी भी चेक नहीं किया जाता। ये दोनों शहर के अलग-अलग पब को इस तरह की पार्टियों के लिए संपर्क करते हैं, जिनमें से कुछ पब संचालक रुपयों के लालच में नाबालिग बच्चों को एंट्री दे देते हैं, जबकि कुछ पब संचालक इन्हें इस तरह की पार्टी करने के लिए अपना वेन्यू देने से इंकार कर चुके हैं।
एक पिता का दर्द
नाबालिगों की होने वाली इस पार्टी की जानकारी खुलासा फर्स्ट को पार्टी में शामिल होने गई एक नाबालिग बच्ची के पिता ने ही दी थी। पिता का दर्द यह है कि वह नहीं चाहते थे कि बेटी इस तरह की पार्टी में जाए, लेकिन लड़ झगड़ कर बेटी इस पार्टी में गई और रात लगभग 11 बजे वापस आई। पिता का यह भी कहना है कि टीनएज के इन बच्चों को कुछ भी करने से रोकना आसान नहीं है। पार्टी के आयोजक मासूम बच्चों को नशे के दलदल में धकेल रहे हैं, इन पर कार्रवाई की जाना चाहिए, लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंद कर बैठे हुए हैं।
पाठक ने सोशल मीडिया पर लिखा
{अब बात करते हैं नशे की। नशे को बेचने और बनाने वाला कभी नहीं मरता। नशा कितने प्रकार का होता है शराब, अफीम, गांजा, चरस, हेरोईन, भांग, स्मैक, डोडा, कोकीन, एमडीएमए, एसिड, तम्बाकू, सिगरेट, नशे की गोलियां।
{ये नशे बेचने और बनाने वाले को बहुत फायदा मिलता है। सरकार को टैक्स मिलता है, पुलिस को हफ्ता जाता है, अधिकारी को पैसा मिलता है। गुंडे बदमाशों को पुलिस और नेता सपोर्ट करते हैं। वारदातें होती है, लेकिन अपराधी पर कोई कार्रवाई नहीं होती। अंधा कानून है, ये पैसे के दम पर चलता है। रेप होता है, जुए के अड्डे चलते हैं, पब अय्याशी के अड्डे पर जमकर नशा बिकता है और परोसा जाता है। देह व्यापार, जिस्मफरोशी के अड्डे चलते हैं। इंदौर में ब्लैकमेलिंग भी बढ़ गई है। गुंडे-बदमाश डरा धमकाकर लोगों को केसों में फंसाकर पैसे ऐठते हैं। पुलिस और अधिकारियों नेताओं से मिलकर इंदौर में ऐसे गिरोह काम करते हैं। इंदौर की कई कॉलोनियों जैसे सिंधी कॉलोनी में चरस, गांजा, अफीम, जुआ-सट्टा जैसे अवैध धंधे होते हैं।
इन सब पर कार्रवाई नहीं होती, सब बिके हुए हैं
{मिडिल क्लास के लोग कैसे कमाते हैं, सारा दिन मेहनत करने के बाद अपना घर चला पाते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो पैसे वाले होते हैं। उनके बच्चों की स्थिति अच्छी नहीं है। आज के युवा लड़कें-लड़कियां बाहर से पढ़ाई करने शहर में आते हैं, लेकिन करते कुछ और है। अय्याशी करते हैं, नशा करते हैं, माता पिता द्वारा रुपए नहीं देने पर बेटा ही बाप और अपनी मां को मारता है। घर से बाहर निकाल देते हैं, आश्रम में भेज देते हैं। पति-पत्नी के बीच घरेलू विवाद होता है। हर एक समाज में नशा ही मनुष्य को बर्बाद करता है। कई लोगों के घर को बर्बाद कर देता है। हर एक घर में, हर एक समाज में यही हाल है। नशा करके लोग गाड़ी चलाते हैं और कई लोग हादसे का शिकार होते हैं।
{नशा मुक्त अभियान चलाना चाहिए, युवा पीढ़ी को जागरूक करना चाहिए, रोज व्यायाम करे, योगासन करे, अपने माता-पिता बच्चे और परिवार का ध्यान रखे। रोज हनुमान चालीसा का पाठ करे, रोज मंदिर जाना चाहिए, बच्चों को अच्छी शिक्षा दें।
स्वच्छता में नंबर 1 के बाद इंदौर को नशामुक्त शहर भी बनाया जाए
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का छलका दर्द नशे ने बेटे को छीना है
नशे ने बेटे को मुझसे छीना है। मैंने संकल्प लिया कि मैं राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाकर नई पीढ़ी को नशे से रोकने का प्रयास करूंगा। अब तक करीब 18 लाख लोगों ने नशा नहीं करने का संकल्प लिया है। इंदौर ने स्वच्छता में पहला स्थान प्राप्त किया है। वह नशामुक्त शहर भी बने, इसलिए हम संकल्प लें। यह बात केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कही। उनके बेटे की नशे से मौत गई थी, तब से वे लोगों को नशाखोरी रोकने के प्रति अभियान को लेकर जागरूक करते हैं। उन्होंने नशाखोरी को लेकर अभियान भी चला रखा है।
राग द बिस्ट्रो क्लब में देर रात तक नशाखोरी
पीछे के रास्ते से पहुंचे अफसर, करीब 300 युवा नशे में झूमते मिले
अफसरों ने नशाखोरी कर रहे रईसजादों को घर का रास्ता दिखाया
शहर में संचालित पब और क्लब युवाओं को किस तरह नशे के दलदल में धकेल रहे हैं, ये बात किसी से छिपी नहीं है। शुक्रवार रात पियानो प्रोजेक्ट पब में चल रहे ऐसे ही आयोजन का खुलासा, खुलासा फर्स्ट ने शनिवार के अंक में किया था। कल देर रात भी पुलिस-प्रशासन का अमला पबों की जांच के लिए मैदान में उतरा। इस दौरान अफसर पीछे के रास्ते राग द बिस्ट्रो (आरई) क्लब में पहुंचे तो दंग रह गए। करीब 300 युवा क्लब में मौजूद थे, जो कि नशे में झूमते मिले। पुलिस-प्रशासन को देख क्लब में हड़कंप मच गया। अफसरों ने नशाखोरी कर रहे रईसजादों को घर का रास्ता दिखाया। वहीं, क्लब के मैनेजर व अन्य पर कार्रवाई की।
पुलिस और आबकारी विभाग का अमला कल रात पूरी तैयारी के साथ पबों व क्लबों की जांच के लिए निकला था। डीसीपी, एडीसीपी और विजय नगर टीआई रवींद्र गुर्जर के साथ आबकारी विभाग के अफसर भी थे। इस दौरान अफसर ड्रिंक एक्सचेंज, पिचर्स, ट्रांस, फर्जी, सोशल बार सहित लगभग सभी पब, क्लब और बियर बारों में पहुंचे। इस दौरान राग द बिस्ट्रो क्लब के देर रात तक संचालित होने की खबर लगी तो अफसर क्लब पहुंचे, जहां आगे से क्लब बंद था। इसके चलते अफसर पीछे के रास्ते क्लब में घुसे। अंदर करीब 300 युवक-युवतियां व रइसजादे नशे में झूमते मिले। अफसरों को देख क्लब में हड़कंप मच गया। अफसरों ने क्लब के मैनेजर और कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए पब बंद करवाया और नशे में झूमते युवक-युवतियों को बाहर निकाला। क्लब मालिक पीयूष सिंह क्लब में नहीं मिला। इस दौरान पुलिस ने क्लब के कुछ कर्मचारियों को हिरासत में भी लिया। सूत्रों के अनुसार क्लब को सील करने की बात सामने आ रही है। पुलिस क्लब के कर्मचारियों पर केस दर्ज करने की तैयारी में है। पहले भी ये क्लब अपनी करतूतों के कारण सील हो चुका है। पुलिस, प्रशासन की टीम ट्रान्स क्लब में भी पहुंची थी। ट्रान्स का लाइसेंस ब्लू बेरी के नाम से है।