भोपाल। अब विधानसभा चुनाव में महज एक साल का ही समय बचा है, ऐसे में भाजपा संगठन निचले स्तर पर एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को लागू करने पर गंभीरता दिखाने जा रही है। इसके तहत उन नेताओं की एक पद से छुट्टी करने की रणनीति बना ली गई है, जो निर्वाचित होकर जनप्रतिनिधि बन चुके हैं, लेकिन संगठन के पदों पर अब भी काम कर रहे हैं। यह वे नेता हैं जो मंडल से लेकर जिला संगठन में पदाधिकारी हैं।
इस दायरे से बड़े नेताओं को बाहर रखना तय किया गया है। दरअसल इसके पीछे प्रदेश संगठन की मंशा दूसरे कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी बनाने की है, जो अब तक बतौर कार्यकर्ता काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक पदाधिकारी बनने का मौका नहीं मिलने और अन्य कारणों से नाराज चल रहे हैं। यह कवायद अगले साल होने वाले चुनाव की वजह से की जा रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे कार्यकर्ताओं की संख्या काफी अधिक है, जिन्हें अब तक संगठन और सत्त में मौका नहीं मिला है। अगर निकायों की बात की जाए तो प्रदेश के चारों महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर के अलावा अन्य बड़े शहरों में भी संगठन के कई पदाधिकारी पार्षद, एमआईसी मेंबर और अध्यक्ष बना चुके हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले पर ऐसे लोगों को संगठन के पदों से मुक्त कर नए लोगों को मौका दिया जाएगा। इसके पीछे यह तर्क भी दिया जा रहा है कि दोनों ही महत्वपूर्ण जवाबदारियां हैं। इधर सत्ता-संगठन की बैठक में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर चर्चा हो चुकी है।
यह पदाधिकारी बने पार्षद
निकाय चुनावों में जो प्रमुख पदाधिकारी पार्षद बनने के बाद नगर निगमों में एमआईसी सदस्य तक बने हैं उनमें भोपाल जिला के महामंत्री रवीन्द्र यती अब एमआईसी मेंबर हैं। इसी तरह से जिला उपाध्यक्षों में शामिल मनोज राठौर, आरके बघेल, जितेंद्र शुक्ला भी अब एमआईसी मेंबर बन चुके हैं। इंदौर में नगर उपाध्यक्ष प्रणव मंडल व योगेश गेन्दर पार्षद बन चुके हैं।
अगर जबलपुर की बात की जाए तो जिला महामंत्री महिला मोर्चा मधुबाला राजपूत, मंडल अध्यक्ष राहुल साहू, अतुल जैन धानी और दामोदर सोनी पार्षद बन चुके हैं। इसी तरह से उज्जैन में नगर मंत्री दिलीप परमार और प्रदेश संयोजक, पीएम जनकल्याण योजना रामेश्वर दुबे भी पार्षद बन चुके हैं।
परिषद अध्यक्ष भी हुए निर्वाचित
भोपाल में जिले के पांच पदाधिकारी अब पार्षद बन चुके हैं। इनमें महामंत्री से लेकर उपाध्यक्ष तक शामिल हैं। यह अब पार्षद बनने के बाद परिषद अध्यक्ष, एमआईसी मेंबर बन चुके हैं। जिला महामंत्री रहे किशन सूर्यवंशी अब नगर निगम अध्यक्ष बन चुके हैं, तो इसी तरह से जबलपुर में भी जिला उपाध्यक्ष रिंकू बृज और सागर में जिला महामंत्री वृंदावन अहिरवार निगम अध्यक्ष बने गए हैं, वहीं जिला उपाध्यक्ष वैभव कुकरेले बंडा के नपा अध्यक्ष चुने गए। कई जिलों में मंडल अध्यक्ष और मोर्चा पदाधिकारी भी हैं ,जो पार्षद निर्वाचित हो चुके हैं। यही नहीं कई पदाधिकारी जनपद और जिला पंचायत सदस्य और उनकी विभिन्न समितियों के अध्यक्ष भी बन चुके हैं।