कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अब और दिलचस्प होता जा रहा है। राजस्थान के सियासी संकट और अशोक गहलोत के पर कतरने की चर्चा के बीच अब मध्यप्रेदश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दिग्विजय सिंह इस समय राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में भाग ले रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार वो आज रात दिल्ली आएंगे। फिर कल वह नामांकन पर्चा भरेंगे।
दिग्विजय को केरल से बुलाया गया दिल्ली
दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने दो टूक कहा कि वो मध्यप्रदेश नहीं छोड़ेंगे। मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर यह कयासबाजी चल रही थी कि मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि वे मध्य प्रदेश नहीं छोड़ेंगे।
ऐसे सामने आया दिग्विजय का नाम..
बता दें कि राजस्थान में मची सियासी उठापटक के बाद दिग्विजय का नाम तेजी से कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है। वहीं कमलनाथ ने भी खुद को कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर लिया है। ऐसे में दिग्विजय सिंह का नाम निकल सामने आया है। दिग्विजय सिंह ने इस बात के संकेत पहले ही दे दिए थे कि अगर राहुल और प्रियंका गांधी अगर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ते हैं और अगर मेरी पसंद का कोई कैंडिडेट नहीं उतरता है तो वो खुद चुनाव लड़ सकते हैं। दिग्विजय सिंह का राहुल और सोनिया गांधी का करीबी होने का फायदा भी मिल सकता है। 10 साल तक एमपी के सीएम रहने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव का पद भी संभाव चुके हैं।
मैं अपना ध्यान मध्यप्रदेश से नहीं हटाना चाहताः कमलनाथ
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का नाम अचानक कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सामने आ गया है। दिग्विजय सिंह को बुधवार से दिल्ली से बुलावा आया है और वो रात तक दिल्ली पहुंच सकते हैं। बता दें कि दिग्विजय सिंह अभी केरल में हैं और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के इंचार्ज के तौर पर काम कर रहे हैं। अचानक दिल्ली से दिग्विजय को फोन कर दिल्ली बुलाए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेजी से शुरु हो गया है और कहा जा रहा है कि दिग्विजय सिंह दिल्ली पहुंचने के बाद कल यानि गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं मध्यप्रदेश नहीं छोड़ना चाहता हूं , 12 माह बचे हैं और यदि मैं कोई जिम्मेदारी लेता हूं तो मेरा ध्यान मध्य प्रदेश से हटेगा। अभी मेरा पूरा फोकस सिर्फ मध्यप्रदेश पर है, मैं अपना ध्यान मध्यप्रदेश से हटाना नहीं चाहता।
राजस्थान के सियासी घमासान पर भी कमल नाथ ने दी प्रतिक्रिया
राजस्थान में मचे सियासी घमासान पर उन्होंने बताया कि, मेरी खुद अशोक गहलोत जी से बात हुई है, उन्होंने कहा कि मैंने तो बैठक बुलाई थी। कुछ लोगों ने अनुशासनहीनता की है तो उनको शोकाज नोटिस जारी हो गए हैं। वहीं पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। केंद्र सरकार की पीएफआई को लेकर की गई कार्रवाई के सवाल पर कमल नाथ ने कहा, यदि कोई सबूत है कि वह आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है, आतंकवादी संस्थाओं से जुड़े हैं, तब पीएफआई हो या कोई भी संगठन हो, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।
पीएफआई के मसले पर कमलनाथ ने दिया यह बयान
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कमल नाथ ने कहा, आज आतंकवाद बड़े खतरे की बात है और आम जनता को तो सुरक्षा चाहिए और यदि इतने वर्षों से पीएफआई की गतिविधियां चल रही थीं तो यह आपका इंटेलिजेंस फेल्यूअर है, आप इतने वर्षों से क्या कर रहे थे। यह कोई आज तो पैदा नहीं हुई, इसका रजिस्ट्रेशन कब से हुआ है यदि यह पहले से ही आतंकवादी संस्थाओं से जुड़ी हुई थी तो आप इतने वर्षों से क्या कर रहे थे, आज यह सवाल सामने है?