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हिमाचल में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, 8 दिसंबर को रिजल्ट; बीच के 26 दिन में गुजरात चुनाव संभव

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नई दिल्ली

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सिंगल फेज में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। नतीजे 8 दिसंबर को घोषित होंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है।

इसी साल गुजरात में भी विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन आयोग ने वहां के लिए इलेक्शन शेड्यूल का ऐलान नहीं किया है। इधर, हिमाचल में 12 नवंबर को वोट डालने के बाद से नतीजे आने की तारीख 8 दिसंबर के बीच 26 दिन का समय है। माना जा रहा है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव इन 26 दिन में ही कराए जाएंगे।

गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान क्यों नहीं?
चुनाव आयोग ने कहा- इस मामले में कई तथ्यों पर विचार किया गया। इनमें तारीखों का ऐलान, तारीखों के बीच अंतर और मौसम शामिल हैं। इस मामले में चुनाव आयोग ने 2017 का पैटर्न ही फॉलो किया, जब गुजरात और हिमाचल के चुनाव अलग-अलग तारीखों में कराए गए थे।

2017 में भी वोटिंग अलग-अलग और रिजल्ट एक ही दिन आए थे
2017 में भी हिमाचल में विधानसभा चुनाव की घोषणा 13 अक्टूबर को की गई थी। जबकि, ठीक 12वें दिन गुजरात विधानसभा चुनाव का ऐलान किया गया था। तब हिमाचल में एक ही दिन 9 नवंबर को 68 सीटों पर वोटिंग करवाई गई थी। जबकि, गुजरात में दो फेज में 9 और 14 दिसंबर को पोलिंग हुई थी। दोनों राज्यों में एक ही दिन 18 दिसंबर को रिजल्ट की घोषणा की गई थी।

पिछली बार 70 दिनों का गैप था, इस बार 40 दिन
पिछली बार हिमाचल प्रदेश में वोटिंग और काउंटिंग के बीच 70 दिन का गैप था, जबकि 2012 में यह गैप 81 दिन का था। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, इस लंबे दिनों के अंतर से आदर्श आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) लागू होने की अवधि बढ़ गई। हम नहीं चाहते कि पूरी चुनाव प्रक्रिया बहुत लंबी अवधि तक जारी रहे।

इस बार गुजरात और हिमाचल प्रदेश का कार्यकाल समाप्त होने में 40 दिनों का अंतर है। 14वीं गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त होगा, जबकि 13वीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी, 2023 को समाप्त होगा। गुजरात में मतदान की तारीखों की घोषणा आने वाले हफ्तों में होने की उम्मीद है।

चुनाव आयोग के फैसले पर कांग्रेस का हमला
गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं करने पर कांग्रेस पार्टी ने इलेक्शन कमीशन पर हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा- जाहिर है, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ बड़े वादे करने और नई योजनाओं के लोकापर्ण के लिए अधिक समय देने के लिए किया गया है। इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है।

इन चुनावों में नया क्या…

  • वोटर लिस्ट: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वोटर नामांकन तक यानी 25 अक्टूबर तक अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं।
  • 80 प्लस बुजुर्ग: इस बार 80 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों और कोरोना पीड़ितों को घर से वोटिंग की सुविधा दी जाएगी। हिमाचल में 80 प्लस उम्र वाले 1.22 लाख बुजुर्ग हैं। इसके अलावा 1184 वोटरों की उम्र 100 साल से ज्यादा है।
  • फ्री स्कीम्स: चुनाव आयोग फ्री स्कीम्स की घोषणा पर भी नजर रखेगा। इस बार निगरानी ज्यादा मुस्तैद होगी। चुनाव में मुफ्त वादों का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। आयोग ने कोर्ट में कहा था कि फ्री की परिभाषा तय नहीं होने की वजह से इस पर रोक लगाने में मुश्किलें आती हैं।

8 जनवरी को खत्म हो रहा हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल
हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। इनमें 20 सीटें आरक्षित हैं। 17 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए और 3 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए रिजर्व हैं। 2017 में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। चुनाव में भाजपा 44, तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट पर CPI(M) और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।

CM पद के दावेदार कौन-कौन?
भाजपा से वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबसे बड़े दावेदार हैं। अगर 2017 की तरह कोई बड़ा उलटफेर होता है तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी CM का चेहरा बन सकते हैं। कांग्रेस की ओर से मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी दावेदारों की सूची में शामिल है।

2017 में जो चेहरा थे, अब नहीं
सत्ता में रहते हुए कांग्रेस तत्कालीन CM वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। 2021 में वीरभद्र सिंह का निधन हो गया। इस बार कांग्रेस में दावेदार कई हैं, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं। बात भाजपा की करें तो पार्टी 2017 के चुनाव में पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल के नाम पर चुनाव मैदान में उतरी थी।

भाजपा हाईकमान ने धूमल को हमीरपुर के बजाय सुजानपुर से टिकट दिया और वहां से धूमल चुनाव हार गए थे। इसके बाद भाजपा हाईकमान ने जयराम ठाकुर को CM बनाया।

4 मुद्दे सबसे अहम, एंटी इनकंबैंसी का भी असर
हिमाचल में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें कर्मचारियों की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी और पुलिस पेपर लीक मामला शामिल है। इसके अलावा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी का भी असर हो सकता है। पिछले साल 3 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को सभी सीटों पर हार मिली थी।

मोदी ने मोर्चा संभाला, प्रियंका की भी रैली
हिमाचल में दोबारा सरकार बनाने के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री पिछले 17 दिनों में अब तक 4 रैलियां कर चुके हैं। इधर, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को शिमला के सोलन में रैली भी की। आगे भी वे रैलियां करेंगी।

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