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जोशीमठ से पहले ये 07 शहर हो चुके हैं धरती से गायब

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 सुधा सिंह

उत्तराखंड के जोशीठम की तस्वीरें डराने वाली हैं. ये शहर तबाह होने की ओर बढ़ रहा है और जमीन में धंसता जा रहा है. इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से खुलासा किया है कि महज 12 दिनों के भीतर यानी 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच जोशीमठ 5.4 सेमी नीचे धंस गया.

       भले ही ये हैरान करने वाली घटना है मगर ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले भी करीब 7 ऐसे शहर इतिहास (7 sunken cities around the world) में रहे हैं जो वक्त के साथ डूब गए और आज सिर्फ नाम बनकर रह गए हैं.

भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका (Dwarka, Gujarat) हिन्दुओं के लिए बेहद पवित्र स्थल माना जाता है. गुजरात के तट पर स्थित द्वारका का इतिहास 10 हजार साल पहले का माना जाता है.

    मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने जब इस धरती को छोड़ा तब उनके साथ उनकी नगरी द्वारका और वहां रहने वाले सभी लोग सागर में समा गए.

     आज भी ये शहर मौजूद है पर माना जाता है कि इसका प्राचीन हिस्सा पानी में समा चुका है.

        1980 के दौरान वैज्ञानिकों को पानी के नीचे से पिलर, दीवार, पॉटरी आदि प्राप्त हुए थे. भूकंप, सुनाई और मौसम के बदलाव को इसके डूबने का कारण माना जाता है. 

मिस्र का थॉनिस हेराक्लियन (Thonis-Heracleion, Egypt) शहर भी हजारों साल पुराना है.

     1990 और 2000 के दशक में मरीन पुरातत्वविदों ने पूरा का पूरा नया शहर ही खोज लिया था. एक समय में ये शहर पोर्ट हुआ करता था पर अब ये 5 मीटर पानी के अंदर है.

      वैज्ञानिकों का मानना है कि ये 12 ईसा पूर्व के दौरान रहा होगा. वैज्ञानिकों को मूर्तियां, गोल्ड, ब्रॉन्ज, हथियार और अन्य तरह के औजार पानी के नीचे से मिले. शहर के अवशेष में से मंदिर भी प्राप्त हुए थे.

      इस शहर का पानी में डूबने का कारण भूकंप, सुनामी था जिससे मिट्टी समय के साथ पतली होती गई और शहर पानी में समा गया.  

इजरायल के एटलिट यैम (Atlit Yam, Israel) में समुद्र तल से 12 मीटर नीचे 9 हजार साल पुराना एक प्राचीन गांव है.

      ये दुनिया की डूबी हुई सबसे पुरानी साइट है. वैज्ञानिकों को यहां टीबी के सबसे पुराने कण भी प्राप्त हुए थे. 1980 में इस गांव की खोज की गई थी. यहां से 65 इंसानी अंग और लाशें प्राप्त हुई थीं. घर, औजार, कब्र आदि भी इस गांव की साइट से प्राप्त हुए थे.

     वैज्ञानिकों का मानना है कि इटली में ज्वालामुखी फटने और उसके बाद सुनामी आने से ये गांव डूब गया होगा. कई लोगों का मानना है कि समुद्र का लेवल बढ़ने से भी गांव डूबा होगा.

नीदरलैंड का साइफटिंग (Saeftinghe, Netherland) गांव भी 16वीं सदी में डूब गया था. नीदरलैंड में वेस्टरस्केल्डी एस्चुअरी (Westerschelde Estuary) मौजूद है जो एक दलदली इलाका है.

       1200 के दौर में यहां पानी भरा रहता था और काफी दलदल हुआ करती थी. तब यहां के लोकल लोगों ने पानी को बाहर निकाला और इस जगह को खेती के लिए उपयुक्त बनाया.

      पर काफी सालों बाद जब नीदरलैंड, स्पेन से अपनी आजादी के लिए युद्ध कर रहा था, उस वक्त सैनिक यहां मौजूद गांव की दीवारों को तोड़ देते थे जिससे पानी अंदर आ जाता था.

      1570 में भयंकर बाढ़ आई जिसके बाद ये गांव पूरा का पूरा डूब गया. (फोटो: Canva)

17वीं सदी में जमायका का पोर्ट रॉयल (Port Royal, Jamaica) इलाका कैरेबियन का काफी प्रमुख शहर बन चुका था. पर 1692 में इस शहर में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया जिसके बाद ये पूरी तरह तबाह हो गया.

      एक्सप्लोरर वेब वेबसाइट के अनुसार कुल 50 हजार लोग इस भूकंप में मारे गए थे. जो लोग बच गए , उन्होंने बताया कि शहर का तो तिहाई हिस्सा पानी में समा गया था.

     ये शहर ढीली मिट्टी पर बसा था जिसकी वजह से ये आसानी से पानी में डूब गया.

साल 1959 में कनाडा का सेंट लॉरेंस सी वे बना था जिसके बाद एटलांटिक से ग्रेट लेक के बीच मार्ग बन गया था. ये थी तो बड़ी सफलता मगर इस चक्कर में 10 गांव (Ontario, Canada) डूब गए थे.

       यहां रहने वाले लोगों को दूसरी जगह पर शिफ्ट तो कर दिया गया था पर वो काफी बुरा मेहसूस कर रहे थे. 18वीं सदी के ये गांव अब डाइवर्स के लिए काफी फेमस जगह बन गई हैं. नाव, वॉशिप, मकान, इमारत आदि यहां देखने को मिल जाती है.

चीन का शहर शिचेंग (Shicheng, China) भी इसी प्रकार का एक शहर है जो 25वीं एडी में मौजूद था. पर साल 1959 में चीन की सरकार ने तय किया कि हाइड्रॉलिक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए आर्टिफिशियल झील का निर्माण करे.

     पर इस इस चक्कर में उन्होंने प्राचीन शहर को ही डुबा दिया. 16वीं सदी में ये शहर प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक जगह की तरह उभरकर निकला था.

      पानी में कई दीवारें, गेट, आदि देखने को मिल जाते हैं. इस शहर के ढहने के चक्कर मे करीब 3 लाख लोगों को यहां से हटना पड़ा था. पानी के नीचे तापमान काफी अच्छा है, जिस वजह से ये शहर पूरी तरह सुरक्षित है.

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